UP News :- उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने संस्कृत शिक्षकों को बड़ी राहत देने का निर्णय लिया है। प्रदेश के राजकीय और सहायता प्राप्त (ऐडेड) संस्कृत विद्यालयों में मानदेय पर पढ़ा रहे 1010 शिक्षकों को नियमित किए जाने की योजना बनाई गई है। प्रस्ताव को मंजूरी मिलने के बाद विनियमितीकरण की प्रक्रिया आरंभ होगी।
इस प्रक्रिया में एक निश्चित व्यवस्था अपनाई जाएगी, जिसके तहत मानदेय पर कार्यरत संस्कृत शिक्षकों को नियमित नियुक्ति दी जाएगी। राज्य के संस्कृत विद्यालयों में कुल 2080 पदों में से फिलहाल 955 पदों पर ही शिक्षक कार्यरत हैं, जबकि 1125 पद रिक्त पड़े हैं। सरकार जल्द ही इन रिक्त पदों को भरने की दिशा में ठोस कदम उठाने जा रही है।
सरकार की मंशा है कि इन पदों को जल्द से जल्द भरा जाए। चूंकि पारंपरिक भर्ती प्रक्रिया लंबी और जटिल होती है, जिसमें उत्तर प्रदेश शिक्षा सेवा चयन आयोग को अधियाचन भेजकर विभिन्न प्रक्रियाओं से गुजरना पड़ता है, इसलिए सरकार ने एक वैकल्पिक उपाय निकाला है। इसके तहत, वर्तमान में कार्यरत मानदेय शिक्षकों को उनके सेवाकाल के आधार पर विशेष अंक दिए जाएंगे, और पात्र पाए जाने पर परीक्षा व साक्षात्कार के माध्यम से उन्हें नियमित किया जाएगा।
सूत्रों के अनुसार, सरकार यह सुनिश्चित करने की दिशा में भी काम कर रही है कि यह प्रक्रिया किसी अन्य संवर्ग के लिए उदाहरण न बने। इसी कारण शासनादेश में स्पष्ट उल्लेख किया जाएगा कि इस नीति का उपयोग अन्य मामलों में मिसाल के रूप में नहीं किया जा सकता।
संस्कृत शिक्षकों के विनियमितीकरण में किसी प्रकार की कानूनी या तकनीकी अड़चन न आए, इसके लिए विधि विभाग और सार्वजनिक उद्यम ब्यूरो से परामर्श लिया जा रहा है। जैसे ही इन विभागों से राय प्राप्त होगी, शासन स्तर पर कार्यवाही तेज कर कैबिनेट से मंजूरी ली जाएगी, जिससे विनियमितीकरण की प्रक्रिया को औपचारिक रूप से लागू किया जा सके।

Author: Suryodaya Samachar
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