Papmochini Ekadashi 2025: हर साल चैत्र मास के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि को पापमोचनी एकादशी का पर्व मनाया जाता है । होली के पश्चात और चैत्र नवरात्रि से पहले आने वाली एक महत्वपूर्ण तिथि मानी जाती है। इसे हिंदू पंचांग की अंतिम एकादशी कहा जाता है। इस दिन श्रीहरि विष्णु और श्रीकृष्ण की भक्ति करने से व्यक्ति अपने पूर्व में किए गए पापों से मुक्ति प्राप्त कर सकता है। “पापमोचनी” शब्द दो भागों से मिलकर बना है – “पाप” अर्थात अधर्म या बुरे कर्म, और “मोचनी” अर्थात जो इन्हें समाप्त कर सके। ऐसा माना जाता है कि इस दिन व्रत रखने और सच्चे मन से प्रायश्चित करने से बड़े से बड़े पाप भी क्षमा हो सकते हैं, जिनमें ब्रह्महत्या जैसे महापाप भी सम्मिलित हैं।
पापमोचनी एकादशी 2025: तिथि और शुभ मुहूर्त
- तारीख: 25 मार्च 2025 (मंगलवार)
- एकादशी तिथि प्रारंभ: 25 मार्च को प्रातः 5:05 बजे
- एकादशी तिथि समाप्त: 26 मार्च को प्रातः 3:45 बजे
भगवान विष्णु की पूजा का शुभ समय
- सुबह: 9:22 बजे से दोपहर 1:57 बजे तक
व्रत पारण (व्रत खोलने का समय)
- 26 मार्च: दोपहर 1:39 बजे से 4:06 बजे तक
इस दिन कौन-कौन से नियम और विधियां अपनाएं?
- व्रत का पालन करें: इस व्रत को रखने से पूर्वजों को मोक्ष प्राप्त होता है और पिछले जन्मों के पापों का प्रभाव कम होता है।
- श्रीहरि विष्णु और श्रीकृष्ण की पूजा करें: विष्णु सहस्रनाम का पाठ करें और तुलसी के पत्ते अर्पित करें।
- दान-पुण्य करें: इस दिन जरूरतमंदों को भोजन, वस्त्र आदि दान करने से अत्यधिक पुण्य प्राप्त होता है।
- सात्विक आहार ग्रहण करें: यदि व्रत नहीं कर रहे हैं, तो भी इस दिन हल्का और शुद्ध भोजन ही करना चाहिए।
पापमोचनी एकादशी का महत्व
इस दिन भगवान विष्णु ने “पाप” नामक दानव का नाश किया था, जिससे उनके भक्त पापों के प्रभाव से मुक्त हो सके। पद्म पुराण में वर्णित कथा के अनुसार, राजा मंदाता अपने पापों के कारण अत्यधिक दुखी थे। उन्होंने ऋषि वशिष्ठ से मार्गदर्शन मांगा, जिन्होंने उन्हें पापमोचनी एकादशी का व्रत रखने की सलाह दी। इस व्रत के प्रभाव से राजा के समस्त पाप समाप्त हो गए और उनका राज्य पुनः समृद्ध हो गया। श्रीकृष्ण ने अर्जुन को इस व्रत की महिमा बताई थी और कहा था कि इसका पालन करने से बड़े से बड़े पाप भी समाप्त हो जाते हैं।
पापमोचनी एकादशी व्रत के लाभ
- पुराने बुरे कर्मों से छुटकारा मिलता है।
- मन और आत्मा की शुद्धि होती है।
- पितरों को मोक्ष की प्राप्ति होती है।
- जीवन में सुख, शांति और समृद्धि आती है।
यदि आप भी अपने पिछले पापों से मुक्ति प्राप्त करना चाहते हैं और एक सकारात्मक जीवन की ओर बढ़ना चाहते हैं, तो पापमोचनी एकादशी का व्रत अवश्य करें।
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Author: Suryodaya Samachar
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