झांसी (उत्तर प्रदेश):- खबर अहमदाबाद से दरभंगा जा रही साबरमती एक्सप्रेस में सफर कर रही एक महिला की है जो अपने पति को सोता समझकर 12 घंटे तक उसकी लाश के साथ सफर करती रही। पति की नींद में कोई दिक्कत न आ जाए इस फिक्र में कभी पैर दबाती और तो कभी सिर दबाती ।
साथ में सफर कर रहे यात्रियों ने जब ट्रेन के झांसी पहुंचने से पहले उसके पति की नब्ज टटोली तो सबके होश उड़ गए , उसकी पत्नी ने यह बात मानने से इनकार कर दिया कि उसके पति की सांस थम गई हैं। झांसी में रेलवे स्टाफ जब शव को नीचे उतरने पहुंचा तब पत्नी को यकीन हुआ और उसके होश उड़ गए ।
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अयोध्या के मंझलाई निवासी रामकुमार कोरी (36) अपनी पत्नी (प्रेमा) दो बच्चों ( राज और सावित्री )के साथ रहता था । वह सूरत में एक व्यापारी के यहां ड्राइवर था और अपने बच्चों और पत्नी के साथ सूरत में रहने लगा था । लगभग 20 दिन पहले एक सड़क दुर्घटना में वह घायल हो गया था ।
प्रेमा उसका इलाज करा रही थी, लेकिन अकेले होने की वजह से उसे बार-बार अस्पताल लाने-ले जाने में परेशानी हो रही थी। ऐसे में प्रेमा ने पति रामकुमार और बच्चों को लेकर गांव लौटने का निर्णय लिया। पति का एक दोस्त सुरेश यादव मदद के लिए साथ में चलने को तैयार हो गया।
दो दिसंबर की रात एक बजे प्रेमा अपने पति-बच्चों और उनके दोस्त के साथ छायापुर स्टेशन से अयोध्या जाने के लिए साबरमती एक्सप्रेस में बैठ गई । ट्रेन के कोच एस-6 की सीट नंबर 43,44 और 45 पर यह सभी सफर कर रहे थे। पति को व्हीलचेयर की मदद से ट्रेन में चढ़ाकर एक बर्थ पर लिटा दिया गया ।
दोस्त के नवाज देखने पर हुई मौत की जानकारी…..
पति के दोस्त सुरेश यादव ने रामकुमार की नब्ज देखी, तो पता लगा कि सुरेश की सांसें थम चुकी हैं। लेकिन, उसने इसकी जानकारी प्रेमा को नहीं दी। उसे डर था कि पति की मौत की जानकारी लगने पर प्रेमा रोने-चीखने लगेगी, जिससे उन्हें रास्ता काटना मुश्किल हो जाएगा ।
शव के कभी पैर दबाती तो कभी सिर…
उज्जैन से लेकर झांसी तक 427 किमी के सफर में प्रेमा अपने पति के कभी पैर दबाती तो कभी सिर सहलाती । उसे बिल्कुल भी अंदाजा नहीं था कि पति की सांस रूक चुकी है। रात आठ बजे जब सह यात्रियों को युवक की मौत की जानकारी हुई तो उन्होंने विरोध किया, लेकिन प्रेमा को कुछ समझ ही नहीं आया। ट्रेन के मंगलवार रात साढ़े आठ बजे झांसी पहुंचने पर जीआरपी ने रामकुमार के शव को उतारा तो प्रेमा ने उनको रोका, लेकिन मौत की जानकारी होने पर वह एकदम टूट गई। सह यात्रियों ने प्रेमा को संभाला।
बच्चों से कहा शोर मत मचाओ पापा सो रहे हैं…
प्रेमा को पति की मौत की जानकारी नहीं थी। ट्रेन में उज्जैन से झांसी के बीच कई बार बेटे और बेटी ने शोर भी मचाया, तो प्रेमा ने उन्हें डांट दिया खा चुप रहो।पापा सो रहे हैं। पति की मौत की जानकारी के बाद प्रेमा का रो-रो कर बुरा हाल है ।
एसपी जीआरपी विपुल कुमार श्रीवास्तव ने बताया कि ट्रेन में शव होने की सूचना पर तत्काल टीम मौके पर पहुंची थी। शव को ट्रेन से उतारकर पंचनामा भरकर रात में ही पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया था। बुधवार को पोस्टमार्टम के बाद परिजन शव लेकर अयोध्या के लिए रवाना हो चुके हैं।
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Author: Suryodaya Samachar
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