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Indian railways : भारतीय रेलवे ने मथुरा और पलवल के बीच किया कवच दक्षता का पहला परीक्षण, ट्रेन हादसों पर होगा नियंत्रण……….

नई दिल्ली :- हमारे देश में रोज आए दिन रेल हादसे होते रहते हैं। इन पर रोक लगाने के लिए भारतीय रेलवे तरह-तरह की योजना बनाता है। रेल हादसों पर लगाम लगाने के लिए रेलवे विभाग लगातार कार्य कर रहा हैं। रेलवे ने मथुरा और पलवल के बीच 140 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से कवच दक्षता का ट्रायल किया। इस ट्रायल के बाद यह निर्णय लिया गया कि कवच का होना बहुत जरूरी है। इससे पहले दक्षिण मध्य रेलवे में तीन खंडों में प्रणाली शुरू करने से पहले कई स्थानों पर 130 किमी प्रति घंटे की गति से ऐसे परीक्षण किए गए थे।

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परीक्षण के नतीजे बेहद सुखद- प्रशस्ति श्रीवास्तव

प्रशस्ति श्रीवास्तव ने बताया कि परीक्षण करने के बाद जो नतीजे सामने आए हैं वह बहुत ही अच्छे हैं। आगरा मंडल की पीआरओ प्रशस्ति श्रीवास्तव ने कहा कि नतीजा बेहद उत्साहजनक रहा हैं। हम अनुसंधान डिजाइन और मानक संगठन(आरडीएसओ) और अन्य हितधारकों के साथ रिपोर्ट का विस्तार से विश्लेषण करेंगे, ताकि इस पर और सुधार ला सकें। हमने मथुरा और पलवल के बीच 80 किलोमीटर की दूरी पर एक संपूर्ण कवच नेटवर्क विकसित किया है। इसमें स्टेशन क्षेत्रों और अन्य स्थानों पर रेलवे पटरियों पर आरएफआईडी टैग लगाना शामिल है। कई स्थानों पर स्थिर कवच इकाई की स्थापना स्टेशनों के रूप में और पटरियों के किनारे टॉवर और एंटीना की स्थापना भी इस एंटी-ट्रेन टकराव प्रणाली के आवश्यक घटक थे। उन्होंने यह भी बताया कि सुरक्षा कवच का होना बहुत जरूरी है इस कवच प्रणाली से होने वाले ट्रेन हादसों पर नियंत्रण किया जा सकेगा।

कवच प्रणाली का किया जा रहा परीक्षण

रेलवे से जुड़े आधिकारिक सूत्रों के मुताबिक, सिस्टम की दक्षता जांचने के लिए और अधिक परीक्षणों की आवश्यकता होती हैं। अगर सिस्टम के सभी पैरामीटर 140 किलोमीटर प्रति घंटे पर ठीक काम कर रहे हैं, तो हम 160 किमी प्रति घंटे तक की उच्च गति पर परीक्षण करेंगे। आरडीएसओ के अधिकारियों के मुताबिक, भारत के सभी रेल नेटवर्कों में दिल्ली और आगरा के बीच तीन हिस्सों में 125 किलोमीटर की दूरी केवल ऐसी जगह है, जहां ट्रेनें 160 किमी प्रति घंटे की अधिकतम गति से चल सकती हैं। इस कवच प्रणाली के ट्रेन में मौजूद होने से रेलवे के हादसों की संख्या में कमी आ सकती है।

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Author: Suryodaya Samachar

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