Vijaya Kishor Rahatkar :- केंद्र सरकार ने शनिवार को विजया किशोर रहाटकर को राष्ट्रीय महिला आयोग (एनसीडब्ल्यू) का नया अध्यक्ष नियुक्त किया है। विजया रहाटकर भारतीय जनता पार्टी महिला मोर्चा की पूर्व प्रमुख और महाराष्ट्र राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष रह चुकी हैं।
सरकारी अधिसूचना के अनुसार, यह नियुक्ति राष्ट्रीय महिला आयोग अधिनियम, 1990 की धारा 3 के तहत की गई है, और उनका कार्यकाल तीन वर्षों का होगा या तब तक रहेगा जब तक वे 65 वर्ष की आयु प्राप्त नहीं कर लेतीं, जो भी पहले हो। इस नियुक्ति से राष्ट्रीय महिला आयोग को महिला सशक्तिकरण और अधिकारों के क्षेत्र में और अधिक मजबूती मिलने की उम्मीद है।रहाटकर का अनुभव महिला सशक्तिकरण के विभिन्न पहलुओं में रहा है, जिससे यह संभावना है कि वे अपने पद पर रहकर आयोग के उद्देश्यों को और अधिक प्रभावी ढंग से आगे बढ़ा सकेंगी।
Vijaya Kishor Rahatkar :- महिला आयोग में नए सदस्यों की हुई नियुक्ति
विजया किशोर रहाटकर की नियुक्ति के साथ ही, सरकार ने राष्ट्रीय महिला आयोग (एनसीडब्ल्यू) में नए सदस्यों की भी नियुक्ति की है। महिला एवं बाल विकास मंत्रालय द्वारा जारी अधिसूचना के अनुसार, डॉ. अर्चना मजूमदार को भी एनसीडब्ल्यू का सदस्य नियुक्त किया गया है। उनका कार्यकाल तीन वर्षों का होगा।
डॉ. अर्चना मजूमदार अपने क्षेत्र में अनुभवी और प्रख्यात रही हैं, और उनकी नियुक्ति से राष्ट्रीय महिला आयोग को और मजबूती मिलेगी। आयोग महिला अधिकारों की सुरक्षा और सशक्तिकरण के लिए महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है, और इन नई नियुक्तियों से उम्मीद की जा रही है कि आयोग अपने लक्ष्यों को और अधिक प्रभावी तरीके से हासिल करेगा।
Vijaya Kishore Rahatkar has been appointed as the new Chairperson of the National Commission for Women.
Dr Archana Majumdar has been appointed as the new Member of the National Commission for Women. pic.twitter.com/j3cGgnD6rT
— ANI (@ANI) October 19, 2024
कौन है विजया किशोर रहाटकर ?
विजया किशोर रहाटकर भारतीय जनता पार्टी की वरिष्ठ नेताओं में से एक हैं, जो वर्तमान में पार्टी की राष्ट्रीय सचिव और राजस्थान इकाई की सह-प्रभारी के रूप में कार्यरत हैं। अपने राजनीतिक करियर में उन्होंने पार्टी के कई महत्वपूर्ण पदों पर कार्य किया है और संगठन के निर्माण में अहम भूमिका निभाई है।
रहाटकर का शैक्षणिक पृष्ठभूमि भी प्रभावशाली है। उन्होंने पुणे विश्वविद्यालय से भौतिकी में स्नातक की डिग्री प्राप्त की है और इतिहास में स्नातकोत्तर किया है। उनकी शिक्षा और संगठनात्मक अनुभव ने उन्हें भाजपा में एक सक्षम नेता के रूप में स्थापित किया है। इसके अलावा, रहाटकर महाराष्ट्र राज्य महिला आयोग की पूर्व अध्यक्ष रह चुकी हैं, जहाँ उन्होंने महिलाओं के अधिकारों और उनकी सुरक्षा के मुद्दों पर प्रभावी कार्य किया।उनकी नेतृत्व क्षमता और संगठनात्मक कुशलता ने उन्हें पार्टी में एक मजबूत स्तंभ के रूप में पहचान दिलाई है, और अब राष्ट्रीय महिला आयोग की अध्यक्ष के रूप में उनकी नई भूमिका से महिला सशक्तिकरण के प्रयासों को और गति मिलने की उम्मीद है।
Vijaya Kishor Rahatkar :- 1995 में भाजपा में हुई शामिल
रहाटकर महाराष्ट्र के औरंगाबाद जिले से हैं। बिना किसी राजनीतिक पृष्ठभूमि के, वह 1995 में बूथ कार्यकर्ता के रूप में भाजपा में शामिल हुईं और धीरे-धीरे आगे बढ़ती गईं और पार्टी की चुनावी संभावनाओं को मजबूत करने में योगदान दिया।
विजया किशोर रहाटकर की राजनीतिक यात्रा एक लंबी और विविधतापूर्ण रही है। भाजपा महिला मोर्चा की प्रमुख के रूप में, उन्होंने महिला सशक्तिकरण को बढ़ावा देने के लिए कई प्रमुख कार्यक्रम और नीतियों का नेतृत्व किया। महिला मोर्चा में उनके कार्यकाल के दौरान, उन्होंने ग्रामीण और शहरी दोनों क्षेत्रों की महिलाओं के मुद्दों को उजागर करने और उनके समाधान के लिए ठोस प्रयास किए।राजनीति में सक्रिय होने के अलावा, रहाटकर समाजसेवा से भी जुड़ी रही हैं। उन्होंने महिला अधिकारों, शिक्षा, और सामाजिक न्याय जैसे महत्वपूर्ण मुद्दों पर काम किया है। उनकी सामाजिक जागरूकता और नेतृत्व क्षमता ने उन्हें राष्ट्रीय स्तर पर एक प्रभावशाली नेता बना दिया है।
वह वर्ष 2000 से 2010 तक औरंगाबाद नगर निगम की निर्वाचित सदस्य रहीं; तथा वर्ष 2007 से 2010 तक सामान्य एवं ओपन श्रेणी से औरंगाबाद की महापौर भी चुनी गईं।
महापौर के रूप में अपने कार्यकाल के दौरान वह राष्ट्रीय महापौर परिषद की उपाध्यक्ष और महाराष्ट्र महापौर परिषद की अध्यक्ष भी रहीं। 2014 में भाजपा महिला मोर्चा की राष्ट्रीय अध्यक्ष बनने से पहले वह 2010 से 2014 तक दो कार्यकालों के लिए भाजपा महिला मोर्चा की राष्ट्रीय महासचिव भी रह चुकी हैं।
उनके अनुभव और नेतृत्व से आयोग को है उम्मीद
राष्ट्रीय महिला आयोग की अध्यक्ष के रूप में उनकी नियुक्ति एक ऐसे समय में हुई है जब देश में महिलाओं के अधिकारों और सुरक्षा को लेकर कई चुनौतियाँ सामने हैं। ऐसे में उनकी अनुभव और नेतृत्व से यह उम्मीद की जा रही है कि वे आयोग को और प्रभावी बनाएंगी और महिलाओं के कल्याण से जुड़े मुद्दों को गंभीरता से उठाएंगी।
उनकी नियुक्ति से न केवल राष्ट्रीय महिला आयोग को सुदृढ़ता मिलेगी, बल्कि महिलाओं के अधिकारों की सुरक्षा और उनके लिए बेहतर नीतियों के निर्माण की दिशा में महत्वपूर्ण प्रगति होने की उम्मीद है। रहाटकर के अनुभव और समर्पण को देखते हुए, यह कहा जा सकता है कि वे इस नई जिम्मेदारी को भी उसी दक्षता के साथ निभाएंगी, जैसे उन्होंने अब तक अन्य पदों पर किया है।
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Author: Suryodaya Samachar
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