Sonbhadra news :- [ब्यूरो चीफ रामेश्वर सोनी की रिपोर्ट] शिक्षा के महत्व को उजागर करने और छात्रों के भविष्य निर्माण में मार्गदर्शन प्रदान करने के उद्देश्य से पी.एम. श्री कंपोजिट विद्यालय, सरवट में एक विशेष कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस अवसर पर मां सरस्वती की पूजा के साथ कक्षा आठ के विद्यार्थियों के लिए कैरियर गाइडेंस एवं काउंसलिंग फॉर गर्ल्स, माता उन्मुखीकरण और मेरा गांव मेरा विद्यालय जैसी महत्वपूर्ण गतिविधियां आयोजित की गईं। इस कार्यक्रम में अभिभावकों की विशेष उपस्थिति रही, जिससे विद्यालय और समुदाय के बीच जुड़ाव को और अधिक प्रगाढ़ बनाया जा सका।
कार्यक्रम की शुरुआत: मां सरस्वती की वंदना
कार्यक्रम का शुभारंभ मां सरस्वती की पूजा एवं वंदना के साथ किया गया। विद्यार्थियों ने भक्ति गीतों के माध्यम से ज्ञान की देवी सरस्वती से बुद्धि और विवेक का आशीर्वाद मांगा। इस दौरान प्रधानाध्यापक श्री अजय कुमार मिश्र और शिक्षकों ने दीप प्रज्वलित कर कार्यक्रम की विधिवत शुरुआत की।
छात्रों के लिए कैरियर गाइडेंस एवं काउंसलिंग फॉर गर्ल्स
कक्षा आठ के विद्यार्थियों के लिए कैरियर गाइडेंस सत्र आयोजित किया गया, जहां विशेषज्ञों ने उन्हें विभिन्न शैक्षणिक एवं व्यावसायिक अवसरों की जानकारी दी। विशेष रूप से बालिकाओं के लिए काउंसलिंग सत्र आयोजित किया गया, जिसमें उच्च शिक्षा, छात्रवृत्ति योजनाएं और करियर के विविध अवसरों पर चर्चा की गई।
छात्रों को बताया गया कि वे विज्ञान, कला, वाणिज्य, तकनीकी शिक्षा, खेल और अन्य क्षेत्रों में किस प्रकार अपना करियर बना सकते हैं। शिक्षकों ने मार्गदर्शन दिया कि सही विषयों का चयन और निरंतर प्रयास सफलता की कुंजी हैं।
अभिभावकों के लिए ‘माता उन्मुखीकरण’ सत्र
अभिभावकों को शिक्षा के महत्व और उनके बच्चों की पढ़ाई में उनकी भूमिका के बारे में जागरूक करने के लिए माता उन्मुखीकरण सत्र आयोजित किया गया। इसमें बताया गया कि बच्चों की शिक्षा और स्वास्थ्य दोनों ही समान रूप से महत्वपूर्ण हैं।
विशेष रूप से, सीएचओ (कम्युनिटी हेल्थ ऑफिसर) मैडम, सरवट ने उपस्थित अभिभावकों को प्रेरित किया कि वे अपने बच्चों को नियमित रूप से विद्यालय भेजें और उनके स्वास्थ्य एवं स्वच्छता पर विशेष ध्यान दें। उन्होंने माता-पिता को यह भी समझाया कि साफ-सफाई का सीधा प्रभाव बच्चों के शारीरिक और मानसिक विकास पर पड़ता है।
‘मेरा गांव मेरा विद्यालय’ – समुदाय और शिक्षा का संगम
विद्यालय को गांव और समुदाय से जोड़ने की पहल के तहत ‘मेरा गांव, मेरा विद्यालय’ कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस सत्र में अभिभावकों और विद्यालय के बीच संवाद स्थापित किया गया ताकि बच्चों की शिक्षा में अधिक सहयोग सुनिश्चित किया जा सके।
इस पहल का मुख्य उद्देश्य यह था कि गांव के लोग विद्यालय को केवल पढ़ाई का केंद्र न समझें, बल्कि इसे अपने बच्चों के उज्ज्वल भविष्य का आधार मानें। अभिभावकों को बताया गया कि कैसे वे विद्यालय की गतिविधियों में भाग लेकर बच्चों की शिक्षा को और बेहतर बना सकते हैं।
अभिभावकों के लिए कुर्सी दौड़ प्रतियोगिता एवं सम्मान समारोह
विद्यालय और अभिभावकों के बीच जुड़ाव को और मजबूत करने के लिए एक मनोरंजक कुर्सी दौड़ प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। इसमें अभिभावकों ने बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया और अपनी खेल प्रतिभा का प्रदर्शन किया।
प्रतियोगिता में जीतने वाले अभिभावकों को प्रधानाध्यापक अजय कुमार मिश्र द्वारा पुरस्कार देकर सम्मानित किया गया। यह आयोजन न केवल अभिभावकों के लिए मनोरंजक रहा, बल्कि इससे विद्यालय के प्रति उनकी भावनात्मक भागीदारी भी बढ़ी।
कार्यक्रम का समापन एवं निष्कर्ष
यह कार्यक्रम शिक्षा, समुदाय और अभिभावकों के आपसी समन्वय को मजबूत करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम था। इस आयोजन के माध्यम से छात्रों को करियर की सही दिशा में मार्गदर्शन मिला, माता-पिता को उनके सहयोग की आवश्यकता का अहसास हुआ और विद्यालय व गांव के बीच जुड़ाव को और गहरा किया गया।
विद्यालय प्रशासन ने अभिभावकों से अनुरोध किया कि वे बच्चों की शिक्षा में लगातार रुचि लें, नियमित रूप से उनकी पढ़ाई पर ध्यान दें और उन्हें अनुशासित एवं स्वच्छ जीवन जीने के लिए प्रेरित करें।कार्यक्रम के अंत में प्रधानाध्यापक अजय कुमार मिश्र ने सभी शिक्षकों, अभिभावकों और छात्रों का आभार व्यक्त किया और भविष्य में इस तरह के और कार्यक्रम आयोजित करने की प्रतिबद्धता जताई।
“शिक्षा सिर्फ किताबों तक सीमित नहीं, बल्कि यह समाज और परिवार के सहयोग से संपूर्ण होती है। इस कार्यक्रम ने यह सिद्ध कर दिया कि जब विद्यालय, छात्र और अभिभावक मिलकर कार्य करते हैं, तो शिक्षा का स्तर अवश्य ऊंचा उठता है।”
Read this news also :- UP News :- मानदेय पर कार्यरत संस्कृत शिक्षकों को स्थायी नियुक्ति, योगी सरकार का बड़ा फैसला

Author: Suryodaya Samachar
खबर से पहले आप तक



