Varanasi news :- [वाराणसी से रिपोर्टर सुजीत सिंह] काशी, अध्यात्म और संस्कृति की नगरी, जहां हर पत्थर में इतिहास की गूंज है और हर सांस में श्रद्धा। इसी पुण्यभूमि पर, चैत्र पूर्णिमा के शुभ अवसर पर हनुमान प्राकट्य उत्सव के पावन दिन, धर्मसंघ शिक्षा मंडल एवं “धरोहर संरक्षण सेवा संगठन” के संयुक्त तत्वावधान में एक ऐतिहासिक आयोजन सम्पन्न हुआ।
कार्यक्रम का उद्देश्य था सनातन संस्कृति के मूल तत्वों को पुनः जागृत करना और एक सशक्त, आत्मनिर्भर भारत की दिशा में सार्थक कदम बढ़ाना। “केशरिया भारत” नामक अभियान की शुरुआत इस कार्यक्रम का मुख्य आकर्षण रही, जो वर्तमान सामाजिक, धार्मिक एवं सांस्कृतिक चुनौतियों के समाधान के लिए समर्पित है।
कार्यक्रम की अध्यक्षता धर्मसंघ शिक्षा मंडल के महामंत्री जगजीतन पाण्डेय ने की, वहीं मुख्य अतिथि के रूप में सम्पूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. बिहारी लाल शर्मा उपस्थित रहे। अपने प्रेरणादायक संबोधन में उन्होंने कहा, “भारत उत्सवों का देश है और उत्सव जीवन में ऊर्जा का संचार करते हैं। हनुमान जी ऊर्जा, साहस और भक्ति के प्रतीक हैं। उनका स्मरण हमें सशक्त बनने की प्रेरणा देता है।”
कार्यक्रम के प्रमुख संयोजक कृष्णा नन्द पाण्डेय ने कहा कि आज हर सनातनी युवक को ‘केसरिया’ बनने के लिए तप, त्याग और संघर्ष के लिए तैयार रहना चाहिए। जैसे केसर की सुगंध तपकर और पीसकर ही निकलती है, वैसे ही राष्ट्रनिर्माण में भी कठिनाइयों से गुजरना जरूरी है। “केशरिया भारत” का यही उद्देश्य है – धर्मांतरण, जनसंख्या असंतुलन, गौ हत्या और पलायन जैसे मुद्दों पर जागरूकता और सक्रियता।
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इस अवसर पर समाज के दस विभिन्न क्षेत्रों – खेल, चिकित्सा, समाज सेवा, आध्यात्मिक जागरण, साहित्य, शिक्षा, पर्यावरण, कृषि, संगीत एवं समाचार प्रसारण से जुड़ी 40 विशिष्ट प्रतिभाओं को उनके उत्कृष्ट योगदान के लिए सम्मानित किया गया। यह सम्मान केवल व्यक्ति विशेष को नहीं, बल्कि उस विचारधारा को था जो भारत को पुनः वैभवशाली बनाने की दिशा में प्रयासरत है।
कार्यक्रम में विंध्यवासिनी पाण्डेय, सुधीर सिंह, चन्द्र देव पटेल, अरविन्द पाण्डेय डॉक्टर, राकेश त्रिपाठी, अजय कृष्ण सेठ, डा. चंचल दुबे सहित अनेक गणमान्य अतिथि उपस्थित रहे। गौरव मिश्र ने अपने सधी हुई भाषा और भावों से कार्यक्रम का कुशल संचालन किया, जबकि राजमंगल पाण्डेय ने सभी का आभार व्यक्त किया।
कार्यक्रम का समापन सामूहिक हनुमान चालीसा पाठ और ध्वज यात्रा के साथ हुआ, जो पूरे वातावरण को आध्यात्मिक ऊर्जा और उत्साह से भर गया।
“केशरिया भारत” केवल एक संगठन नहीं, यह एक विचार है — सशक्त सनातन और आत्मगौरवपूर्ण भारत की पुनर्स्थापना का संकल्प।

Author: Suryodaya Samachar
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