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Varanasi news :- राष्ट्रीय गंगा उत्सव पर गंगा आरती और स्वच्छता का संकल्प

Varanasi news :- [रिपोर्टर सुजीत सिंह] गंगा को राष्ट्रीय नदी घोषित करने की वर्षगांठ, 4 नवंबर, के उपलक्ष्य में राष्ट्रीय स्वच्छ गंगा मिशन और नमामि गंगे के तत्वाधान में वाराणसी के नमो घाट पर राष्ट्रीय गंगा उत्सव मनाया गया। इस खास मौके पर मां गंगा की आरती की गई और गंगा किनारे के तटों की सफाई करके आस्था और कृतज्ञता का अद्वितीय भाव प्रकट किया गया।




इस आयोजन का मुख्य उद्देश्य न केवल गंगा की पवित्रता और स्वच्छता को बनाए रखना था, बल्कि राष्ट्रीय नदी के रूप में गंगा का वह सम्मान स्थापित करना भी था, जिसके वह हकदार हैं। वन विभाग के अधिकारी आईएफएस रविंद्र सिंह के संयोजन में नगर निगम, गंगा टास्क फोर्स, सीआरपीएफ, बेस इंडिया, और सृजन जैसी संस्थाओं ने इस अभियान में हिस्सा लिया। इन संगठनों ने नमो घाट से राजघाट पुल तक गंगा की तलहटी की सफाई की और गंगा के प्रति आस्था और सम्मान प्रकट किया।

इस आयोजन में एक विशेष पहल भी की गई, जहां उपस्थित नागरिकों ने राष्ट्रध्वज तिरंगे के साथ गंगा स्वच्छता का संकल्प लिया। यह एक प्रतीकात्मक संदेश था कि जिस तरह से राष्ट्रध्वज का सम्मान और संरक्षण किया जाता है, उसी तरह से गंगा को भी राष्ट्रध्वज की तरह आदर दिया जाना चाहिए। गंगा के संरक्षण के प्रति जागरूकता फैलाने के लिए तख्तियों पर स्वच्छता के स्लोगन लिखे गए, जिनमें गंगा की निर्मलता और पवित्रता को बनाए रखने का संदेश दिया गया।

नमामि गंगे काशी क्षेत्र के संयोजक और नगर निगम के स्वच्छता ब्रांड एंबेसडर राजेश शुक्ला ने इस अवसर पर कहा, “गंगा नदी भारत की सांस्कृतिक और आध्यात्मिक धरोहर का प्रतीक है, जो देश को एक सूत्र में बांधने का काम करती है। मां गंगा के बिना भारतीय सभ्यता अधूरी है, और हमारी संस्कृति की धारा इसमें बहती है। इस उत्सव का मकसद गंगा की पवित्रता को संरक्षित रखना है और हर भारतीय को यह जिम्मेदारी उठानी चाहिए।”

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इस आयोजन में गंगा सेवक राजेश शुक्ला ने बताया कि गंगा न केवल एक नदी है, बल्कि हमारी विविधता में एकता की प्रतीक भी है। भारत की अनेकता में एकता को, इसके संस्कारों और परंपराओं को गंगा की धारा में देखा जा सकता है। इस अवसर पर गंगा की स्वच्छता के प्रति जागरूकता बढ़ाने के लिए बेस इंडिया के डॉ. राजेश श्रीवास्तव, महानगर सहसंयोजक बीना गुप्ता, गोवर्धन धाम समिति के अभय स्वाभिमानी और संजय पाटिल ने भी अपने विचार रखे और अभियान का हिस्सा बने।

राष्ट्रीय गंगा उत्सव का यह आयोजन हमें गंगा की महत्ता को समझने और इसके संरक्षण के प्रति एक ठोस संकल्प लेने के लिए प्रेरित करता है। गंगा की स्वच्छता सिर्फ एक अभियान नहीं, बल्कि एक राष्ट्रीय और सांस्कृतिक कर्तव्य है, जो भारतवासियों को एकजुट रखता है।

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Author: Suryodaya Samachar

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