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वीर शहीदों को नमन : पुलिस स्मृति दिवस पर अमर बलिदानों की श्रद्धांजलि

वीर शहीदों को नमन :-[रिपोर्टर अजय कुमार गुप्ता] वाराणसी में पुलिस स्मृति दिवस के अवसर पर पुलिस आयुक्त मोहित अग्रवाल ने पुलिस लाइन स्थित शहीद स्मारक पर अमर वीर शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित की। यह दिन उन वीर पुलिसकर्मियों की स्मृति में मनाया जाता है, जिन्होंने कर्तव्य की वेदी पर अपने प्राणों की आहुति दी। इस अवसर पर कई गणमान्य लोग और अधिकारी उपस्थित थे, जिन्होंने शहीदों को पुष्पांजलि अर्पित कर उन्हें नमन किया।



वीर शहीदों को श्रद्धांजलि

पुलिस स्मृति दिवस के अवसर पर पुलिस आयुक्त मोहित अग्रवाल ने शहीद स्मारक पर पुष्प चक्र अर्पित कर उन पुलिसकर्मियों को श्रद्धांजलि दी, जिन्होंने देश की सुरक्षा और कानून व्यवस्था बनाए रखने के दौरान अपने प्राणों की आहुति दी। इस दौरान उत्तर प्रदेश सरकार के राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) स्टाम्प एवं पंजीयन न्यायालय शुल्क रवीन्द्र जायसवाल, आयुष खाद्य एवं औषधि प्रशासन विभाग के राज्यमंत्री दयाशंकर मिश्र ‘दयालु’, जिला पंचायत अध्यक्ष पूनम मौर्या, अपर पुलिस महानिदेशक वाराणसी जोन पीयूष मोर्डिया, वाराणसी के आयुक्त कौशल राज शर्मा, और पुलिस विभाग के कई वरिष्ठ अधिकारी भी मौजूद थे।

इस कार्यक्रम में पुलिस महानिरीक्षक वाराणसी परिक्षेत्र मोहित गुप्ता, संयुक्त पुलिस आयुक्त मुख्यालय और अपराध डॉ. के एजिलरसन, अपर पुलिस आयुक्त कानून एवं व्यवस्था एस. चन्नप्पा, और पुलिस उप महानिरीक्षक आईबी दिव्य मिश्र ने भी शहीदों को नमन किया। पुलिस लाइन्स के विशेष सशस्त्र जवानों ने शोक सलामी दी और पूरे माहौल में एक गंभीर और सम्मानजनक शांति फैली रही। सभी उपस्थित लोगों ने दो मिनट का मौन रखकर शहीदों को याद किया और उनके बलिदान को नमन किया।

1959 की वीरगाथा: साहस और बलिदान का प्रतीक

अपने संबोधन में पुलिस आयुक्त मोहित अग्रवाल ने 1959 की उस वीरगाथा को याद किया, जब लद्दाख की ऊंचाइयों पर चीनी सेना के हमले का सामना करते हुए केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) के दस जवान शहीद हो गए थे। इन जवानों का अदम्य साहस और बलिदान आज भी भारतीय पुलिस बल के लिए प्रेरणा का स्रोत है। यह घटना पुलिस स्मृति दिवस का आधार है, जिसे हर साल 21 अक्टूबर को उन सभी पुलिसकर्मियों की याद में मनाया जाता है, जिन्होंने देश की रक्षा और सुरक्षा के लिए अपने प्राणों की आहुति दी।

मोहित अग्रवाल ने बताया कि 01 सितंबर 2023 से 31 अगस्त 2024 तक की अवधि में पूरे भारतवर्ष में 216 पुलिसकर्मी कर्तव्य निभाते हुए शहीद हुए हैं। इनमें उत्तर प्रदेश पुलिस के दो वीर आरक्षी, सचिन राठी (कन्नौज) और रोहित कुमार (प्रतापगढ़), भी शामिल हैं। इन वीरों ने अपनी जान की परवाह किए बिना देश की सेवा की और अपनी ड्यूटी को सर्वोपरि रखा।

शहीदों का महत्व और पुलिसकर्मियों का बलिदान

पुलिस स्मृति दिवस न केवल शहीदों के बलिदान को याद करने का दिन है, बल्कि यह दिन पुलिसकर्मियों के अद्वितीय समर्पण और उनकी कर्तव्यपरायणता को भी सम्मानित करता है। पुलिसकर्मी हर दिन अपने जीवन को जोखिम में डालकर समाज की सुरक्षा और शांति बनाए रखने का कार्य करते हैं। उनका यह बलिदान और कर्तव्यनिष्ठा देश की सुरक्षा व्यवस्था की रीढ़ है।

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216 पुलिसकर्मियों का एक साल में शहीद होना यह दर्शाता है कि पुलिसकर्मियों के सामने किस प्रकार की चुनौतियाँ और जोखिम होते हैं। वे सिर्फ अपराधियों से लड़ते ही नहीं हैं, बल्कि प्राकृतिक आपदाओं, आतंकी हमलों और सामाजिक असंतुलन से भी निपटते हैं।

मोहित अग्रवाल ने कहा कि शहीदों का यह बलिदान न केवल उनके परिवारों के लिए बल्कि पूरे देश के लिए गर्व की बात है। यह वह कर्तव्य है जिसे निभाने के लिए न केवल साहस चाहिए बल्कि अपने देश और समाज के प्रति गहरी निष्ठा भी होनी चाहिए। शहीद हुए पुलिसकर्मी हमारे लिए आदर्श हैं, जिन्होंने अपने कर्तव्यों को प्राथमिकता देते हुए अपने प्राणों की आहुति दी।

शहीदों के परिवारों को समर्थन

पुलिस आयुक्त ने इस मौके पर शहीदों के परिवारों का भी जिक्र किया और कहा कि पुलिस विभाग हर संभव तरीके से शहीदों के परिवारों की देखभाल और सहायता के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने आश्वासन दिया कि शहीदों के परिवारों को किसी भी तरह की परेशानी नहीं होने दी जाएगी और उन्हें पूरा सहयोग दिया जाएगा।

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पुलिस विभाग अपने शहीद साथियों के परिवारों के साथ खड़ा है और उनकी हर जरूरत का ख्याल रखता है। शहीदों के बलिदान के पीछे उनके परिवारों की भी बड़ी भूमिका होती है, जो अपने प्रियजनों को देश की सेवा के लिए समर्पित करते हैं।

भविष्य की चुनौतियाँ और संकल्प

इस मौके पर मोहित अग्रवाल ने पुलिसकर्मियों से यह आह्वान किया कि वे अपने कर्तव्यों को निभाते समय शहीद हुए साथियों से प्रेरणा लें और समाज की सुरक्षा और शांति के लिए अपने प्रयासों को जारी रखें। उन्होंने कहा कि पुलिसकर्मियों का काम केवल कानून व्यवस्था बनाए रखना ही नहीं, बल्कि नागरिकों के बीच विश्वास और सुरक्षा की भावना को भी मजबूत करना है।

पुलिस आयुक्त ने यह भी कहा कि पुलिस विभाग की जिम्मेदारियाँ हर दिन बढ़ रही हैं और इन चुनौतियों का सामना करने के लिए पुलिसकर्मियों को और भी अधिक मेहनत और समर्पण की आवश्यकता होगी। उन्होंने पुलिसकर्मियों से कहा कि वे शहीदों के बलिदान को याद रखते हुए अपने कर्तव्यों का पालन करें और समाज की सेवा के लिए हमेशा तत्पर रहें।

 

पुलिस स्मृति दिवस का यह आयोजन वीर शहीदों को श्रद्धांजलि देने का एक महत्वपूर्ण अवसर था। यह दिन पुलिसकर्मियों के अद्वितीय साहस, समर्पण और बलिदान को नमन करने का दिन है। पुलिस आयुक्त मोहित अग्रवाल और अन्य अधिकारियों ने शहीदों की याद में पुष्पांजलि अर्पित कर यह संदेश दिया कि पुलिस विभाग अपने शहीद साथियों को कभी नहीं भूलेगा और उनके बलिदान को हमेशा याद रखा जाएगा।

इस दिन का आयोजन न केवल शहीदों के सम्मान में था, बल्कि यह उन सभी पुलिसकर्मियों के लिए भी एक प्रेरणा का स्रोत है जो हर दिन समाज की सेवा में जुटे रहते हैं। शहीदों का बलिदान हमें यह सिखाता है कि कर्तव्य निभाने का सबसे बड़ा आदर्श उनकी निष्ठा और समर्पण है, जिसे हर पुलिसकर्मी को अपने जीवन का हिस्सा बनाना चाहिए।

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Author: Suryodaya Samachar

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