अंतरराष्ट्रीय ब्रोकरेज फर्म जेफरीज ने अपनी रिपोर्ट “Greed and Fear” में कहा है कि भारतीय शेयर बाजार अमेरिका में संभावित मंदी और इससे जुड़े वॉल स्ट्रीट में गिरावट के बावजूद काफी मजबूत स्थिति में है।
जापान जैसे देशों की तुलना में भारत का शेयर बाजार अधिक फ्लेक्सिबल है।
जेफरीज ने इस फ्लेक्सिबिलिटी का कारण बताते हुए कहा कि भारतीय शेयर बाजार मुख्य रूप से घरेलू निवेशकों द्वारा संचालित है, जबकि जापान में स्थिति इसके उलट है। रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत एकमात्र ऐसा शेयर बाजार है जहां इक्विटी में स्पष्ट रूप से अच्छी मांग है।
ब्रोकरेज फर्म ने बताया कि उसके वैश्विक लॉन्ग-ओनली पोर्टफोलियो का 26% हिस्सा भारत में है। हालांकि, जेफरीज ने चेतावनी दी है कि भारत में निजी इक्विटी निवेशों की बिकवाली का दबाव बढ़ सकता है।
BofA India Statergy
वहीँ बैंक ऑफ अमेरिका (BofA) ने भारतीय शेयर बाजारों को लेकर एक चेतावनी जारी की है। बैंक का मानना है कि बाजार अपने उच्चतम वैल्यूएशन के करीब पहुंच गए हैं और बढ़ती चुनौतियों के कारण जल्द ही गिरावट दर्ज कर सकते हैं।
BofA के अनुसार, धीमी पड़ती अर्थव्यवस्था और बढ़ते जोखिमों के कारण बाजारों पर दबाव बढ़ रहा है। ब्रोकरेज ने कहा कि इन सभी फैक्टर्स का एक साथ प्रभाव पड़ने की संभावना है, जिससे बाजारों में गिरावट आ सकती है।
विश्लेषकों का अनुमान है कि निफ्टी इंडेक्स में कम से कम 7% की गिरावट आ सकती है। इसके अलावा, ब्रॉडर मार्केट्स अधिक महंगे हैं और उनमें और भी तेज गिरावट देखने को मिल सकती है।
इन चुनौतियों को देखते हुए BofA ने निवेशकों को कुछ सुझाव दिए हैं। ब्रोकरेज ने रक्षात्मक क्षेत्रों जैसे स्टेपल, हेल्थकेयर और टेलीकॉम में निवेश बढ़ाने का सुझाव दिया गया है।
दूसरी ओर, मोमेंटम शेयरों जैसे मेटल्स, रियल एस्टेट, ऑटो, इंडस्ट्रियल्स, अधिकांश PSU, सीमेंट और फाइनेंशियल पर दांव कम करने की सिफारिश की गई है। इसके अलावा, IT, पावर यूटिलिटीज, एनर्जी और डिस्क्रेशनरी क्षेत्रों में भी अंडरवेट रहने की सलाह दी गई है।
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Author: Avantika Singh



