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Sonbhadra news : प्रतिभा परिस्थितियों की मोहताज नहीं होती

Sonbhadra news :- [Reporter Rameshwar soni] प्रतिभा वह अनमोल गुण है जो किसी भी परिस्थिति या समय की मोहताज नहीं होती। चाहे व्यक्ति किसी भी हालात में हो, उसकी मेहनत, दृढ़ निश्चय और आत्मविश्वास उसे सफलता की ओर ले जाते हैं। यह बात न केवल मनुष्यों पर लागू होती है, बल्कि प्रकृति के छोटे से पौधे पर भी सटीक बैठती है, जो विपरीत परिस्थितियों में भी अपने अस्तित्व को बनाए रखता है। सोनभद्र के करमा क्षेत्र के भरकवाह स्थित प्राथमिक विद्यालय की दीवार पर उगा पपीते का पौधा इस बात का जीता-जागता उदाहरण है।



प्राकृतिक संघर्ष का प्रतीक: पपीते का पौधा

करीब एक साल पहले प्राथमिक विद्यालय भरकवाह की दीवार पर, बिना किसी की देखभाल या ध्यान के, एक छोटा सा पपीते का पौधा उग आया। यह पौधा अपने आप उगा था और न ही किसी ने इसे वहां लगाया था, न ही इसके लिए कोई विशेष देखरेख की गई। लेकिन सबसे हैरानी की बात यह थी कि यह पौधा विषम परिस्थितियों में भी जीवित रहा। दीवार के प्लास्टर में न तो उसे मिट्टी का सहारा मिला और न ही पानी की नियमित आपूर्ति। इसके बावजूद, यह पौधा लगातार बढ़ता रहा।

गर्मी की तीव्र धूप, पानी की कमी और प्रतिकूल मौसम के बावजूद, यह पपीते का पौधा जीवित रहा। ज्येष्ठ मास की भीषण गर्मी, जब जमीन पर हरियाली का कोई नामोनिशान नहीं था, तब भी यह छोटा सा पौधा संघर्ष करता रहा। उसकी हरियाली और उसकी जिजीविषा को देखकर यह साफ समझा जा सकता है कि प्रकृति भी अद्भुत है। वह हर किसी को जीवन का रास्ता दिखाती है, चाहे हालात कितने भी मुश्किल क्यों न हों।

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विकास की अनदेखी कहानी

भरकवाह के स्थानीय निवासी और विद्यालय से जुड़े लोग इस पौधे को लगातार बढ़ते हुए देख रहे हैं। यह पौधा उन सभी के लिए एक प्रेरणा का स्रोत बन गया है। मैनेजर यादव, जो इस पौधे के विकास को शुरू से देख रहे हैं, बताते हैं कि जब यह पौधा उगना शुरू हुआ था, तब यह एक छोटा सा नन्हा विरवा था। आज, यह पौधा अपनी विषम परिस्थितियों का सामना करते हुए बड़ा हो चुका है और अब इसमें फूल आने शुरू हो गए हैं। यह अपने आप में एक अद्भुत घटना है, जो इस बात को साबित करती है कि किसी भी परिस्थिति में संघर्ष करने वाला हमेशा विजयी होता है।

पपीते का यह पौधा न केवल संघर्ष का प्रतीक है, बल्कि यह इस बात की भी गवाही देता है कि जीवन में अगर आप लगातार मेहनत करते हैं और अपने लक्ष्यों की ओर बढ़ते रहते हैं, तो आप किसी भी परिस्थिति में सफल हो सकते हैं। यह पौधा इस बात का प्रमाण है कि चाहे कितनी भी कठिनाइयाँ क्यों न हों, एक मजबूत इच्छाशक्ति और संघर्ष की भावना आपको हर चुनौती से पार पाने में सक्षम बना सकती है।

प्रकृति की प्रेरणा

प्रकृति हमेशा हमें कुछ सिखाने का प्रयास करती है। पपीते के इस पौधे ने हमें यह सिखाया कि जीवन में कोई भी बाधा इतनी बड़ी नहीं होती, जिसे हम पार नहीं कर सकते। यह पौधा किसी साधारण पौधे से अधिक एक प्रतीक है, जो हमें यह सिखाता है कि मेहनत और धैर्य के साथ हम किसी भी परिस्थिति को अपने पक्ष में बदल सकते हैं।

यहाँ तक कि इस पौधे को न तो मिट्टी की पर्याप्त मात्रा मिली, न ही पानी, फिर भी यह जीवित रहा। यह इस बात का उदाहरण है कि जीवन में संसाधनों की कमी के बावजूद अगर हमारे पास दृढ़ निश्चय और सही दिशा में काम करने की इच्छाशक्ति हो, तो हम अपने लक्ष्यों को प्राप्त कर सकते हैं।

विपरीत परिस्थितियों में सफलता का मार्ग

इस पौधे की कहानी हमें यह भी सिखाती है कि हर मुश्किल के भीतर एक अवसर छिपा होता है। विपरीत परिस्थितियाँ अक्सर हमें परखने के लिए आती हैं, लेकिन वे हमें तोड़ने के लिए नहीं, बल्कि हमें मजबूत बनाने के लिए होती हैं। चाहे हमारे सामने कितनी भी चुनौतियाँ क्यों न हों, अगर हम उन्हें एक अवसर के रूप में देखेंगे, तो हम न केवल उनसे बाहर निकलेंगे, बल्कि और अधिक सफल होंगे।

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पपीते के इस पौधे ने विपरीत परिस्थितियों में खुद को जीवित रखा और आज यह फल देने की स्थिति में है। यह उस सत्य को प्रमाणित करता है कि प्रतिभा को कभी भी दबाया नहीं जा सकता। चाहे समय कैसा भी हो, अगर किसी के अंदर प्रतिभा है, तो वह एक दिन अवश्य ही निखरकर सामने आएगी।

संदेश: संघर्ष में छिपी संभावनाएं

पपीते के इस पौधे की तरह ही, हमारे जीवन में भी कई बार मुश्किलें आती हैं। परंतु, इन मुश्किलों से डरने के बजाय हमें उनका सामना करने के लिए तैयार रहना चाहिए। हमें यह समझना चाहिए कि हर कठिनाई हमें कुछ सिखाने और हमें और अधिक मजबूत बनाने के लिए आती है।

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विपरीत परिस्थितियों में संघर्ष करने से ही हमारी प्रतिभा निखरती है। अगर हम मेहनत, धैर्य और दृढ़ता के साथ अपने लक्ष्यों की ओर बढ़ते हैं, तो एक दिन अवश्य ही सफलता हमारे कदम चूमेगी। पपीते के इस पौधे ने हमें यह सिखाया है कि जीवन में अगर हम हार न मानें और अपनी मेहनत जारी रखें, तो हम किसी भी बाधा को पार कर सकते हैं।

प्रतिभा परिस्थितियों की मोहताज नहीं होती। चाहे परिस्थितियां कितनी भी प्रतिकूल क्यों न हों, अगर आपके अंदर संघर्ष करने की क्षमता है तो आपको सफल होने से कोई नहीं रोक सकता। भरकवाह के इस पपीते के पौधे ने यह साबित कर दिया है कि जीवन में यदि संघर्ष किया जाए, तो कठिनाइयाँ भी हमारी मददगार बन जाती हैं। यह पौधा हमें यह सिखाता है कि विपरीत परिस्थितियों में भी संभावनाओं का बीज अंकुरित हो सकता है, बस हमें उसे पनपने का मौका देना चाहिए।

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Author: Suryodaya Samachar

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