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Sonbhadra news :- अलविदा जुमा की अवकाश को लेकर शिक्षामित्र संघ ने सौंपा ज्ञापन

Sonbhadra news :- [ब्यूरो चीफ रामेश्वर सोनी की स्पेशल रिपोर्ट।] रमज़ान के पाक महीने का आखिरी जुमा, जिसे अलविदा जुमा के नाम से जाना जाता है, इस्लाम धर्म में विशेष धार्मिक महत्व रखता है। इस दिन मुस्लिम समुदाय के लोग विशेष नमाज़ अदा करते हैं और खुदा से दुआ मांगते हैं। इसी उपलक्ष्य में आदर्श शिक्षक शिक्षामित्र वेलफेयर एसोसिएशन, सोनभद्र ने अलविदा जुमा के दिन अवकाश की मांग को लेकर बेसिक शिक्षा अधिकारी (बी.एस.ए.) को ज्ञापन सौंपा।

जिलाध्यक्ष वकील अहमद खान की अगुवाई में शिक्षामित्र संघ के पदाधिकारी व शिक्षकों का एक प्रतिनिधिमंडल बी.एस.ए. कार्यालय पहुँचा, जहाँ उन्होंने अपनी मांगों को रखते हुए ज्ञापन सौंपा।

ज्ञापन में रखी गई मुख्य बातें

ज्ञापन में स्पष्ट रूप से उल्लेख किया गया कि उत्तर प्रदेश बेसिक शिक्षा परिषद द्वारा जारी अवकाश सूची 2025 में जमात उल विदा (अलविदा जुमा) का अवकाश शामिल नहीं है। जबकि पिछले वर्षों में पूर्व जिलाधिकारी के आदेशानुसार इस दिन सार्वजनिक अवकाश घोषित किया गया था। ऐसे में शिक्षामित्र संघ ने 28 मार्च 2025 को अलविदा जुमा के दिन अवकाश की माँग की।

संघ के पदाधिकारियों ने बताया कि अलविदा जुमा मुस्लिम समुदाय के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण धार्मिक दिन है और इस अवसर पर अवकाश न मिलने से शिक्षकों एवं शिक्षामित्रों को धार्मिक आस्था का पालन करने में कठिनाई होगी। संघ ने यह भी कहा कि बिगत वर्षों में यह अवकाश प्रदान किया जाता रहा है, इसलिए इस परंपरा को बनाए रखना जरूरी है।

शिक्षामित्र संघ के पदाधिकारी रहे उपस्थित

ज्ञापन देने के दौरान शिक्षामित्र संघ के कई प्रमुख पदाधिकारी उपस्थित रहे, जिनमें—

  • रविंद्र नाथ चौधरी (संरक्षक)
  • वकील अहमद खान (जिलाध्यक्ष)
  • सुरेंद्र कुमार त्रिपाठी पिंटू (महामंत्री)
  • अनुज कुमार सिंह (जिला मंत्री)
  • संजय शुक्ला
  • विनोद कुमार पाण्डेय
  • भोला प्रसाद जायसवाल (ब्लाक अध्यक्ष)
  • सौरभ श्रीवास्तव
  • उपासना शुक्ला
  • किरण सिंह
  • मीना सिंह
  • कुंज लता त्रिपाठी
  • गायत्री त्रिपाठी
  • रेनू सिंह
  • सहित अन्य शिक्षक एवं शिक्षामित्र गण उपस्थित रहे।

शिक्षामित्र संघ ने रखा अपना पक्ष

संघ के जिलाध्यक्ष वकील अहमद खान ने कहा कि शिक्षामित्र एवं शिक्षक समुदाय समाज के निर्माण में अहम भूमिका निभाते हैं। ऐसे में उनकी धार्मिक आस्थाओं और मूल्यों का सम्मान किया जाना आवश्यक है। उन्होंने कहा कि यदि अलविदा जुमा का अवकाश घोषित नहीं किया गया, तो यह समुदाय विशेष के लिए अन्याय होगा। उन्होंने जिलाधिकारी और बेसिक शिक्षा अधिकारी से इस मांग को गंभीरता से लेने की अपील की।

संघ के संरक्षक रविंद्र नाथ चौधरी ने भी अपनी बात रखते हुए कहा कि जब पूर्व में यह अवकाश घोषित किया जाता रहा है, तो इस बार इसे हटाने का कोई औचित्य नहीं है। उन्होंने प्रशासन से मांग की कि जल्द से जल्द इस विषय पर विचार कर आदेश जारी किया जाए।

प्रशासन का रुख

ज्ञापन सौंपे जाने के बाद बेसिक शिक्षा अधिकारी (बी.एस.ए.) ने आश्वासन दिया कि इस विषय पर उचित विचार किया जाएगा और जिलाधिकारी को इस संबंध में प्रस्ताव भेजा जाएगा। यदि प्रशासनिक स्तर पर सहमति बनती है, तो 28 मार्च 2025 को अलविदा जुमा के अवसर पर अवकाश घोषित किया जा सकता है।

संघ की आगे की रणनीति

अगर प्रशासन इस विषय पर सकारात्मक निर्णय नहीं लेता है, तो शिक्षामित्र संघ आगे की रणनीति बनाएगा। संघ के पदाधिकारियों ने स्पष्ट किया कि वे शांतिपूर्ण तरीके से अपनी मांगें प्रशासन के समक्ष रखते रहेंगे और आवश्यकता पड़ने पर आगे भी ज्ञापन सौंपा जाएगा।

शिक्षामित्र संघ का यह कदम यह दिखाता है कि धार्मिक स्वतंत्रता और परंपराओं का सम्मान कितना आवश्यक है। जब पहले यह अवकाश दिया जाता रहा है, तो इसे जारी रखना प्रशासन की जिम्मेदारी बनती है। अब यह देखना महत्वपूर्ण होगा कि जिलाधिकारी और प्रशासन इस पर क्या निर्णय लेते हैं। शिक्षामित्र संघ को उम्मीद है कि उनकी मांगों पर विचार किया जाएगा और जल्द ही सकारात्मक निर्णय लिया जाएगा।

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Author: Suryodaya Samachar

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