Home » बिहार » Sharda Sinha health :- “लोकप्रिय गायिका शारदा सिन्हा की हालत गंभीर, कैंसर से संघर्ष के चलते दिल्ली के अस्पताल में भर्ती…”

Sharda Sinha health :- “लोकप्रिय गायिका शारदा सिन्हा की हालत गंभीर, कैंसर से संघर्ष के चलते दिल्ली के अस्पताल में भर्ती…”

Sharda Sinha health:- शारदा सिन्हा भारत की एक मशहूर लोक गायिका हैं, जिन्हें विशेष रूप से बिहार, झारखंड और उत्तर प्रदेश में लोकगीतों के क्षेत्र में उनके योगदान के लिए बेहद सम्मानित किया जाता है। उन्होंने अपने करियर में मैथिली, भोजपुरी, और मगही जैसे कई भाषाओं में गाने गाए हैं और उन्हें ‘बिहार कोकिला’ के नाम से जाना जाता है। उनके गाने बिहार की छठ पूजा जैसे त्यौहारों में एक अलग महत्व रखते हैं। छठ पूजा के उनके गीत हर साल इस अवसर पर विशेष रूप से सुने जाते हैं और उनकी आवाज़ ने इस त्योहार की सांस्कृतिक धरोहर को और समृद्ध किया है।

शारदा सिंहा विस्तृत परिचय

शारदा सिन्हा का जन्म और प्रारंभिक जीवन बिहार में हुआ था। संगीत के प्रति उनका झुकाव बचपन से ही था और उनके परिवार ने उनके इस लगाव को हमेशा समर्थन दिया। उन्होंने कई वर्षों तक शास्त्रीय संगीत का प्रशिक्षण प्राप्त किया और इसके बाद धीरे-धीरे उन्होंने लोक संगीत की तरफ अपना रुझान बढ़ाया। शारदा सिन्हा का मानना है कि लोक संगीत, जीवन की सादगी और जड़ों से जुड़ाव को प्रदर्शित करता है, और इसीलिए उन्होंने इसे अपने करियर का मार्ग चुना।

उनकी सुरीली आवाज़ और अद्भुत कला ने उन्हें बिहार, झारखंड और उत्तर प्रदेश के लोगों के दिलों में खास जगह दी है। उनकी लोकप्रियता केवल इन राज्यों तक ही सीमित नहीं रही, बल्कि उनके गाए गीतों ने पूरे देश में लोक संगीत के प्रति लोगों के आकर्षण को बढ़ावा दिया। शारदा सिन्हा ने कई बॉलीवुड फिल्मों में भी अपने आवाज का जादू बिखेरा है। ‘मैंने प्यार किया’ और ‘हम आपके हैं कौन’ जैसी सुपरहिट फिल्मों में गाए उनके गाने आज भी लोगों की पसंद बने हुए हैं।

छठ पूजा के गीत बेहद लोकप्रिय 

शारदा सिन्हा ने छठ पूजा के गीतों को एक नई पहचान दिलाई है। उनके गीत, जैसे कि ‘केलवा के पात पर’ और ‘हो दीनानाथ’, छठ पूजा के दौरान बजाए जाने वाले सबसे प्रसिद्ध गीतों में से एक हैं। ये गीत छठ पूजा के भाव को जीवंत करते हैं और त्योहार के अवसर पर पूरे क्षेत्र में इनके बिना छठ पूजा अधूरी सी लगती है। शारदा सिन्हा के इन गीतों के कारण छठ पूजा की रौनक और बढ़ जाती है, और उन्हें इस पर्व का एक अभिन्न हिस्सा माना जाता है।

हालांकि, इन दिनों शारदा सिन्हा की तबीयत गंभीर है और उन्हें दिल्ली के एम्स अस्पताल में भर्ती कराया गया है। 2018 से वे एक गंभीर बीमारी मल्टीपल मायलोमा से जूझ रही हैं, जो एक प्रकार का कैंसर है। अक्टूबर के अंत में उनकी तबीयत में गिरावट आने के कारण उन्हें अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा, और संक्रमण के बढ़ने के कारण उन्हें आईसीयू में भी रखा गया। डॉक्टर उनकी स्थिति पर लगातार निगरानी रख रहे हैं, और उनकी हालत में सुधार लाने के प्रयास जारी हैं।

शारदा सिन्हा के बिगड़ते स्वास्थ्य ने उनके चाहने वालों को चिंतित कर दिया है, खासकर उन लोगों को जो उनके छठ पूजा गीतों के साथ बड़े हुए हैं। इन दिनों जब लोग छठ पूजा की तैयारियों में जुटे हैं, ऐसे समय में उनकी सेहत की खबर उनके प्रशंसकों के बीच उदासी लेकर आई है।

हाल ही में उनके बेटे अंशुमान सिन्हा ने छठ पर्व के एक नए गीत का ऑडियो जारी किया, जिसने शारदा सिन्हा के प्रशंसकों को एक सकारात्मक ऊर्जा दी। इस नए गाने ने उनके चाहने वालों के लिए छठ पूजा का जश्न और भी खास बना दिया है। उनके गानों की तरह ही, शारदा सिन्हा की जीवन यात्रा भी कठिनाईयों के बावजूद उम्मीद और प्रेरणा का प्रतीक है।

Chhath Puja 2024 :- छठ पूजा में नहाय-खाय के दिन लौकी की सब्जी का महत्व, बनाने की विधि और छठ पूजा की पौराणिक कथा

इन सबके बीच, शारदा सिन्हा के परिवार के लिए भी यह समय कठिन है। कुछ दिनों पहले ही उनके पति डॉ. बृज भूषण सिन्हा का निधन हो गया, जिससे उनके परिवार पर गहरा आघात हुआ है। डॉ. बृज भूषण सिन्हा का निधन 80 वर्ष की आयु में हुआ और उनके सिर में चोट लगने के बाद ब्रेन हेमरेज के कारण उनका निधन हो गया।

शारदा सिन्हा के गाए लोकगीत केवल मनोरंजन नहीं हैं, बल्कि वे उस संस्कृति और समाज की कहानियों को भी बयान करते हैं जिनसे वे जुड़ी हैं। उनकी गायकी में उस क्षेत्र की मिट्टी की खुशबू और जीवन की सादगी की झलक है। अपने गीतों के माध्यम से शारदा सिन्हा ने भारतीय लोक संगीत को एक नई ऊंचाई दी है और आने वाली पीढ़ियों के लिए एक प्रेरणा स्त्रोत के रूप में कायम रहेंगी।

उनके चाहने वालों की यही कामना है कि वे जल्द स्वस्थ होकर फिर से अपनी मधुर आवाज़ के जरिए सबको आनंदित करें। शारदा सिन्हा का लोक संगीत के क्षेत्र में योगदान अतुलनीय है और उनके स्वास्थ्य के प्रति सभी की दुआएँ और शुभकामनाएँ उनके साथ हैं।

Chhath Puja 2024 :- छठ पूजा में नहाय-खाय के दिन लौकी की सब्जी का महत्व, बनाने की विधि और छठ पूजा की पौराणिक कथा

Suryodaya Samachar
Author: Suryodaya Samachar

खबर से पहले आप तक

Leave a Comment

Live Cricket

ट्रेंडिंग