Safala Ekadashi 2024 :- सफला एकादशी का व्रत पौष महीने के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि को रखा जाता है। इस साल यह व्रत 26 दिसंबर 2024 को मनाया जा रहा है। सफला एकादशी व्रत भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की कृपा प्राप्ति के लिए किया जाता है। मान्यता है कि इस व्रत को विधिपूर्वक करने और कथा का पाठ करने से साधक की सभी इच्छाएं पूरी होती हैं, बिगड़े हुए कार्य सफल हो जाते हैं, और जीवन में सुख-समृद्धि आती है।
सफला एकादशी का शुभ मुहूर्त (2024):
एकादशी तिथि प्रारंभ: 25 दिसंबर 2024 को रात 09:15 बजे
एकादशी तिथि समाप्त: 26 दिसंबर 2024 को रात 11:05 बजे
पारण का समय: 27 दिसंबर 2024 को सुबह 07:00 बजे से 09:15 बजे तक
सफला एकादशी व्रत कथा:
प्राचीन कथा के अनुसार, एक समय चंपावती नामक नगर में महिष्मत नाम के राजा का शासन था। राजा का बड़ा पुत्र लुंपक अधर्मी और पापी था। उसने चोरी, हत्या और अन्य बुरे कर्मों में अपना जीवन बर्बाद कर दिया। उसकी बुराइयों से परेशान होकर राजा ने उसे राज्य से निष्कासित कर दिया।
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लुंपक ने जंगल में रहने का निश्चय किया। एक बार सफला एकादशी के दिन वह भूख से व्याकुल होकर वृक्ष के नीचे बैठ गया। उसने रात को भोजन न करने का निर्णय लिया। अगले दिन सुबह उसने भगवान विष्णु को समर्पित पीपल वृक्ष की पूजा की और मन में अपनी गलतियों के लिए पश्चाताप किया।
भगवान विष्णु ने उसकी भक्ति और सफला एकादशी के व्रत से प्रसन्न होकर उसके सभी पापों को क्षमा कर दिया। इसके बाद वह साधु बन गया और जीवन के सद्मार्ग पर चलने लगा।
सफला एकादशी व्रत विधि:
1. एकादशी से एक दिन पहले (दशमी) को सात्विक भोजन करें।
2. ब्रह्ममुहूर्त में उठकर स्नान करें और स्वच्छ वस्त्र पहनें।
3. भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की मूर्ति या चित्र के सामने दीप प्रज्वलित करें।
4. विष्णु सहस्त्रनाम, भगवद गीता का पाठ करें।
5. दिनभर निराहार रहें या फलाहार करें।
6. रात में जागरण करें और भगवान विष्णु के भजन-कीर्तन करें।
7. द्वादशी के दिन व्रत का पारण कर गरीबों और ब्राह्मणों को दान दें।
सफला एकादशी का फल:
सफला एकादशी व्रत व्यक्ति को पापों से मुक्त करता है और जीवन में सफलता और शांति लाता है। यह व्रत भगवान विष्णु की कृपा प्राप्त करने का सबसे सरल और प्रभावी उपाय माना गया है। जो व्यक्ति श्रद्धा और समर्पण के साथ इस व्रत को करता है, उसे मोक्ष की प्राप्ति होती है।
भगवान की कैसे करें पूजा, जाने पूरी विधि
सफला एकादशी व्रत जीवन को पवित्र और सफल बनाने का अद्भुत अवसर है। भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की आराधना करने से व्यक्ति को सांसारिक कष्टों से मुक्ति और आध्यात्मिक उन्नति प्राप्त होती है।
Author: Suryodaya Samachar
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