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Mirzapur news :- कन्या भ्रूण हत्या की रोकथाम हेतु आयोजित किया गया जागरूकता शिविर

Mirzapur news :- माननीय उ०प्र० राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण लखनऊ के कार्ययोजना 2024-25 के तहत माननीय जनपद न्यायाधीश अनमोल पाल महोदय के दिशानिर्देशन में अपर जनपद न्यायाधीश / सचिव, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण मीरजापुर विनय आर्या की अध्यक्षता में प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र, गुरसण्डी सभागार में PCPNDT एक्ट के तहत कन्या भ्रूण हत्या की रोकथाम एवं सेनेटरी पैड़ के सन्दर्भ में जागरूकता शिविर का शुभारम्भ विनय आर्या, अपर जनपद न्यायाधीश सचिव, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण मीरजापुर ने किया।

PCPNDT एक्ट का उद्देश्य:-

विनय आर्या, अपर जनपद न्यायाधीश / सचिव, डीएलएसए ने उपस्थित विशेषकर आशा बहुएं, ऐनम और आगंनबाड़ी कार्यकत्रियों जनसमुदाय को सम्बोधित करते हुए बताया कि महिलाओं का सम्मान किया जाए। कन्या भ्रूण हत्या PCPNDT एक्ट के तहत आता है। गर्भ में कन्या भ्रूण हत्त्या कराने वाले को न्यायालय कभी माफ नहीं करती है। इसकी रोकथाम के लिए कई कानून बनाये गये है। इसका व्यापक प्रचार प्रसार आशा बहुओं, एनम और आगंनवाड़ी कार्यकत्रियों के माध्यम से गांव गांव जाकर प्रत्येक घर की महिलाओं व पुरुषों को दिया जाना अति आवश्यक है। हम सभी को कन्या के महत्व को समझाने की आवश्यकता है। कन्याएं किसी पर बोझ नहीं होती है। कन्या पैदा होने पर खुशियां मनायी जानी चाहिए समय आने पर कन्या ही माता पिता की अच्छे से देखभाल व सेवा करती है। डिप्टी CMO  DOC. RK चौधरी ने उपस्थित जनसमुदाय को सम्बोधित करते हुए बताया कि बालक के अपेक्षा बालिकाओं की लिंगानुपात कम है। PCPNDT एक्ट का उद्देश्य है कि अल्ट्रासाउण्ड मशीनों एवं अन्य आधुनिक मशीनों का दुरूपयोंग न होने पाये और कन्या भ्रूण हत्या न हो के उद्देश्य के लिए जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है।

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महिला को आगे आने की आवश्यकता – RK चौधरी

उन्होंने यह भी बताया कि कन्या भ्रूण हत्या के कारण कन्याओं की जनसंख्या बालकों की जनसंख्या के अनुपात में काफी कम है। समय समय पर अल्ट्रासाउण्ड मशीनों एवं अन्य आधुनिक मशीनों के सेन्टरो पर प्रत्येक माह छापेमारी की जाती है। कोई भी अल्ट्रासाउण्ड सेन्टर कन्या भ्रूण हत्या में सक्रिय पाया जाता है तो उसके खिलाफ कानूनी कार्यवाही की जाती है। डा० रश्मि गुप्ता, डा०एल.एस. सिंह व डा० हिमान्शु शेखर चर्तुवेदी ने बताया कि कन्या भ्रूण हत्या को रोकने में पुरुषों का सहयोग होना आवश्यक है और महिला को आगे आने की आवश्यकता है। इसके प्रति महिलाओं को जागरूक होना होगा। उन्होने बताया कि कन्या भ्रूण हत्या की रोक थाम के लिए सरकार द्वारा कन्या सुमंगला योजना जिले में कार्य कर रही है कन्याओं के जन्म से लेकर उनके विवाह तक का खर्चा सरकार वहन कर रही है और काफी कन्याओं को इसका लाभ भी आनलाइन उनके बचत खाते में प्रदान किया जा रहा है। कन्या सुमंगला योजना का लाभ प्राप्त करने के लिए जिला प्रोबेशन कार्यालय में जाकर अधिक से अधिक जानकारी प्राप्त कर सकते है। PCPNDT एक्ट जागरूकता शिविर में डा० अखिलेश गुप्ता, डा० विश्व दीपक श्रीवासतव, चीफ फार्मेशी श्री विजय लाल दूबे, इन्द्रजीत शुक्ला, श्री एवं आशा बहुएँ, ऐनम ने PCPNDT एक्ट के तहत कन्या भ्रूण हत्या की रोकथाम पर अपने अपने अपने विचार व्यक्त किए।

कन्या भ्रूण हत्या की रोकथाम जरूरी:-

कन्या भ्रूण हत्या की रोकथाम के लिए जागरूकता शिविर का आयोजन किया जाता है ताकि समाज में इस गंभीर समस्या के प्रति लोगों को जागरूक किया जा सके। इस प्रकार के शिविरों में मुख्य रूप से निम्नलिखित गतिविधियाँ शामिल होती हैं:

1. जानकारी और शिक्षा :- लोगों को कन्या भ्रूण हत्या के कानूनी और नैतिक पहलुओं के बारे में जानकारी दी जाती है। उन्हें यह समझाया जाता है कि यह न केवल गैरकानूनी है बल्कि समाज और परिवार के लिए भी हानिकारक है।

2. कानूनी सलाह: जागरूकता शिविरों में लोगों को कन्या भ्रूण हत्या से संबंधित कानूनों के बारे में बताया जाता है, जैसे कि पीसीपीएनडीटी (Pre-Conception and Pre-Natal Diagnostic Techniques) एक्ट, जो भ्रूण लिंग जांच और उसके बाद होने वाले गर्भपात को रोकने के लिए लागू किया गया है।

3. प्रेरणादायक कहानियाँ: ऐसे शिविरों में उन परिवारों के अनुभव साझा किए जाते हैं जिन्होंने बेटियों को अपनाया और उन्हें समाज में सफल होते देखा। इससे समाज में बेटियों के प्रति सकारात्मक दृष्टिकोण विकसित होता है।

4.सांस्कृतिक कार्यक्रम: नाटक, गीत और अन्य सांस्कृतिक कार्यक्रमों के माध्यम से कन्या भ्रूण हत्या के दुष्परिणाम और बेटियों के महत्व को रचनात्मक रूप से प्रस्तुत किया जाता है।

5.स्थानीय नेताओं और डॉक्टरों की भागीदारी: शिविर में स्थानीय नेताओं, डॉक्टरों और सामाजिक कार्यकर्ताओं को शामिल किया जाता है ताकि वे समाज में अपनी प्रभावशाली भूमिका निभाते हुए इस मुद्दे पर लोगों को जागरूक कर सकें।

इस प्रकार के शिविरों का उद्देश्य समाज में बेटियों के प्रति सम्मान और प्रेम का वातावरण बनाना है और इस सामाजिक बुराई को खत्म करना है।

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वरिष्ठ संवाददाता तारा त्रिपाठी, मिर्जापुर।

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Author: Suryodaya Samachar

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