Mani Shankar Aiyar on Donald Trump victory :- कांग्रेस नेता मणिशंकर अय्यर ने अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव में डोनाल्ड ट्रंप की जीत पर दुख व्यक्त किया और उनकी टिप्पणी से विवाद खड़ा कर दिया। उन्होंने कमला हैरिस की हार पर अफसोस जताते हुए कहा कि अगर वह जीत जातीं, तो अमेरिका की पहली महिला राष्ट्रपति और भारत से जुड़ी पहली राजनेता होतीं। यह एक ऐतिहासिक और सकारात्मक कदम होता, लेकिन उनका हारना एक दुखद स्थिति है।
मणिशंकर अय्यर ने डोनाल्ड ट्रंप के चरित्र पर भी कड़ा सवाल उठाया और कहा कि एक ऐसे व्यक्ति को राष्ट्रपति चुना गया है जिसका चरित्र संदिग्ध है। उन्होंने कहा कि ट्रंप का इतिहास खराब है और उन्होंने वेश्याओं के साथ संबंध बनाए थे, साथ ही उन्हें चुप रहने के लिए पैसे दिए थे। यह टिप्पणी ट्रंप से जुड़े हश मनी मामले पर आधारित थी, जिसमें एडल्ट फिल्म अभिनेत्री स्टॉर्मी डेनियल्स ने आरोप लगाया था कि ट्रंप ने 2006 में उनके साथ शारीरिक संबंध बनाए थे और 2016 के राष्ट्रपति चुनाव के दौरान उन्हें चुप रहने के लिए पैसे दिए थे। हालांकि, ट्रंप ने इन आरोपों से खुद को निर्दोष बताया और कहा कि यह सब एक साजिश है।
#WATCH | Delhi: On #USElections2024 results, Former Diplomat Mani Shankar Aiyar says, “I feel extremely sorry that a man of such doubtful character as Donald Trump shouldn’t have been elected the president of the world’s most powerful democracy. I also recognize that there is a… pic.twitter.com/jF2nGf2g1P
— ANI (@ANI) November 6, 2024
वहीं, मणिशंकर अय्यर की आलोचना के बावजूद, कांग्रेस पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे और सांसद राहुल गांधी ने डोनाल्ड ट्रंप को बधाई दी। राहुल गांधी ने ट्रंप को उनके दूसरे कार्यकाल के लिए शुभकामनाएं दीं, जबकि मल्लिकार्जुन खड़गे ने भी उन्हें बधाई दी। इन बधाइयों ने पार्टी के अंदर विभिन्न मतों का संकेत दिया, जहां कुछ नेताओं ने ट्रंप की जीत को स्वीकार किया, जबकि अय्यर ने उनके चरित्र और कार्यशैली पर सवाल उठाए।
यह घटना अमेरिकी राजनीति और भारतीय राजनीति के बीच एक दिलचस्प संवाद को उजागर करती है, जहां अंतरराष्ट्रीय घटनाओं का भारतीय राजनीति पर गहरा असर दिखता है।
इस घटनाक्रम ने भारतीय राजनीति में भी नए विमर्श को जन्म दिया है। मणिशंकर अय्यर की टिप्पणियां एक बार फिर कांग्रेस के भीतर विभिन्न दृष्टिकोणों को उजागर करती हैं, जहां एक ओर पार्टी के कुछ नेता ट्रंप की जीत पर बधाई दे रहे हैं, वहीं अय्यर जैसे नेता उनके चरित्र पर सवाल उठाकर अपनी असहमति व्यक्त कर रहे हैं। इस मतभेद ने पार्टी में न केवल आंतरिक विभाजन को बढ़ावा दिया है, बल्कि भारतीय राजनीति के अंतरराष्ट्रीय संदर्भ में भी एक नया मोड़ दिया है।
अमेरिकी चुनावों के परिणामों का असर भारत और उसकी राजनीति पर भी स्पष्ट रूप से देखने को मिलता है, जहां एक तरफ ट्रंप की जीत को लेकर कुछ भारतीय नेताओं ने सकारात्मक रुख अपनाया है, वहीं दूसरी ओर मणिशंकर अय्यर जैसे नेता उनके नकारात्मक पहलुओं पर प्रकाश डाल रहे हैं। इस तरह की बयानों ने दोनों देशों के राजनीतिक परिपेक्ष्य में एक दिलचस्प जुड़ाव पैदा किया है, और यह दर्शाता है कि वैश्विक घटनाओं के असर से भारतीय राजनीति भी प्रभावित होती है।
आगे चलकर यह देखना दिलचस्प होगा कि कांग्रेस पार्टी के भीतर इस विभाजन को लेकर किस तरह की स्थिति बनती है और क्या पार्टी नेतृत्व इस मुद्दे पर कोई स्पष्ट रुख अपनाता है। साथ ही, डोनाल्ड ट्रंप के दूसरे कार्यकाल के दौरान अमेरिका-भारत संबंधों में किस तरह के बदलाव आते हैं, यह भी महत्वपूर्ण होगा।
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Author: Suryodaya Samachar
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