Mahakumbh 2025 :- कल यानी बुधवार को महाकुंभ के मौनी अमावस्या पर्व पर सबसे बड़ा स्नान होगा। प्रशासन ने आम श्रद्धालुओं की सुविधा को ध्यान में रखते हुए अखाड़ों के स्नान समय में बदलाव किया है। मकर संक्रांति पर स्नान सुबह 6:15 बजे से शुरू हुआ था, और अखाड़ों ने शिविर से सवा पांच बजे निकलना शुरू किया था। लेकिन इस बार यह प्रक्रिया चार बजे से शुरू होगी।
मकर संक्रांति पर सुबह ही अत्यधिक श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ पड़ी थी, जिसे देखते हुए प्रशासन ने समय में परिवर्तन किया है। अब अखाड़े पहले स्नान करेंगे ताकि शुरुआत में स्थिति नियंत्रण में रहे। इस अमृत स्नान के दौरान सभी 13 अखाड़े स्नान करेंगे। प्रशासन ने करीब 10 करोड़ श्रद्धालुओं के आगमन का अनुमान लगाया है।
व्यवस्थाओं में बदलाव
अमृत स्नान के लिए प्रशासन ने कई बदलाव किए हैं। इसमें सुरक्षा व्यवस्था, जोनल प्लान लागू करने और अन्य व्यवस्थाएं शामिल हैं। मकर संक्रांति के दिन महानिर्वाणी और अटल अखाड़ा सुबह 5:15 बजे शिविर से निकले थे, जबकि इस बार अखाड़े सुबह चार बजे ही शिविर से निकल जाएंगे और 5:40 बजे तक स्नान पूरा कर लेंगे।
अखाड़ों के स्नान का नया क्रम
इस बार दिगंबर अखाड़ों के स्नान क्रम में भी बदलाव किया गया है। मकर संक्रांति पर निर्मोही अखाड़ा पहले स्नान को पहुंचा था, और निर्वाणी अखाड़ा सबसे अंत में। इस बार निर्वाणी अखाड़ा सबसे पहले और निर्मोही अखाड़ा सबसे अंत में स्नान करेगा।
तीन बजे तक पूरा होगा अखाड़ों का स्नान
दोपहर 3 बजे तक सभी अखाड़ों का स्नान पूरा हो जाएगा, जिससे आम श्रद्धालुओं को भी संगम में स्नान का अवसर मिलेगा।
अमृत स्नान की समय सारिणी
महानिर्वाणी व अटल 4:00 बजे 5:00 बजे 40 मिनट 5:40 6:40
निरंजनी व आनंद 4:50 बजे 5:50 बजे 40 मिनट 6:30 7:45
जूना, आहवान और अग्नि 5:45 बजे 6:45 बजे 40 मिनट 7:25 8:30
निर्वाणी अनि 08:25 बजे 9.25 बजे 30 मिनट 9:55 10:55
दिगंबर अनि 9:05 बजे 10.05 बजे 50 मिनट 10:55 11:55
निर्मोही अनि 10:05 बजे 11.05 बजे 30 मिनट 11:35 12:35
नया उदासीन 11:00 बजे 12:00 बजे 55 मिनट 12:55 13:55
बड़ा उदासीन 12:05 बजे 13.05 बजे 60 मिनट 14:05 15:05
निर्मल 01:25 बजे 02:25 बजे 40 मिनट 05:05 03:55
दो दिन में तीन करोड़ श्रद्धालुओं ने किया स्नान
मौनी अमावस्या के मुख्य स्नान पर्व से पहले ही लाखों श्रद्धालु संगम में डुबकी लगाने पहुंचे। रविवार और सोमवार को करीब तीन करोड़ श्रद्धालुओं ने संगम और गंगा के घाटों पर स्नान किया। गणतंत्र दिवस के दिन 1.74 करोड़ श्रद्धालुओं ने स्नान किया, जबकि सोमवार को 1.55 करोड़ श्रद्धालुओं ने पुण्य की डुबकी लगाई।
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प्रदेश सरकार ने अनुमान लगाया है कि मौनी अमावस्या पर करीब 10 करोड़ श्रद्धालु और पूरे महाकुंभ के दौरान 45 करोड़ से अधिक श्रद्धालु आएंगे। सोमवार को ही हर घंटे औसतन पांच लाख श्रद्धालुओं ने 12 किलोमीटर लंबे घाट पर स्नान किया।
संगम की ओर बढ़ते श्रद्धालुओं की भीड़ इतनी अधिक है कि गाड़ियों को मेला क्षेत्र से 7 से 12 किमी दूर पार्किंग में रोका जा रहा है। वहां से श्रद्धालु पैदल संगम की ओर जा रहे हैं।

Author: Suryodaya Samachar
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