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मणिकर्णिका तीर्थ: मोक्ष द्वार से वैश्विक पर्यटन केंद्र तक का सफर

मणिकर्णिका तीर्थ :-[रिपोर्टर सुजीत सिंह] मोक्षनगरी काशी में स्थित मणिकर्णिका तीर्थ धार्मिक और सांस्कृतिक धरोहर का एक महत्वपूर्ण केंद्र है। यहां का मणिकर्णिका घाट सदियों से हिंदू धर्म में पवित्र माना जाता रहा है, विशेष रूप से मोक्ष प्राप्ति के लिए। यह घाट जहां एक ओर आत्मा की मुक्ति का प्रतीक है, वहीं दूसरी ओर यह सफाई और स्वच्छता के प्रति जागरूकता का भी नया केंद्र बनता जा रहा है। हाल ही में भारत सरकार द्वारा चलाए जा रहे नमामि गंगे अभियान के अंतर्गत मणिकर्णिका तीर्थ को संरक्षित और संवारा जा रहा है, ताकि इसे विश्व पर्यटन के मानचित्र पर एक प्रमुख स्थान दिया जा सके।



मणिकर्णिका तीर्थ और स्वच्छता अभियान

मंगलवार को एक विशेष आयोजन के दौरान फ्रांस और जापान से आए विदेशी पर्यटकों ने नमामि गंगे के साथ मिलकर मणिकर्णिका तीर्थ पर स्वच्छता के प्रति जागरूकता फैलाने का महत्वपूर्ण कार्य किया। यह पहली बार था जब अंतरराष्ट्रीय पर्यटकों ने इस पवित्र स्थल पर स्वच्छता की अलख जगाने का बीड़ा उठाया। उन्होंने न केवल सफाई अभियान में भाग लिया, बल्कि तख्तियां लेकर स्वच्छता के स्लोगन भी प्रदर्शित किए, जिससे वहां उपस्थित लोग भी प्रेरित हुए। फ्रांस के नागरिकों ने नमामि गंगे के स्वयंसेवक राजेश शुक्ला के नेतृत्व में चलाए जा रहे स्वच्छता कार्यों की सराहना की और स्वच्छता को जीवन का एक अनिवार्य हिस्सा बताया।

यह अभियान केवल पर्यटकों की भागीदारी तक सीमित नहीं रहा, बल्कि इसने स्थानीय लोगों और तीर्थयात्रियों के बीच भी एक नई ऊर्जा और जागरूकता का संचार किया। विदेशी पर्यटकों की उपस्थिति ने इस प्रयास को एक वैश्विक पहचान दिलाई। इस दौरान, काशी के सांसद और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा मणिकर्णिका तीर्थ को संवारे जा रहे कार्यों की भी सराहना की गई।

मणिकर्णिका तीर्थ का महत्व और सुधार योजनाएं

मणिकर्णिका घाट हिंदू धर्म में विशेष महत्व रखता है, क्योंकि इसे मोक्ष द्वार कहा जाता है। यहां पर मान्यता है कि व्यक्ति की मृत्यु के बाद उसके शरीर का अंतिम संस्कार करने से उसकी आत्मा को मुक्ति प्राप्त होती है। इसी कारण से यह घाट अनगिनत तीर्थयात्रियों और श्रद्धालुओं के लिए एक पवित्र स्थल है।

हालांकि, तीर्थ स्थल होने के बावजूद यहां की आधारभूत संरचनाएं और स्वच्छता व्यवस्था पहले उतनी सुदृढ़ नहीं थीं। लेकिन अब, भारत सरकार के नमामि गंगे मिशन के तहत इस घाट को एक आधुनिक तीर्थ स्थल के रूप में विकसित किया जा रहा है। मणिकर्णिका घाट को तीन भागों में विभाजित कर विभिन्न सुविधाएं दी जाएंगी।

पहले भाग में, विजिटर ब्लॉक का निर्माण होगा, जिसमें तीर्थयात्रियों और पर्यटकों के लिए जनसुविधाएं, जैसे कि शौचालय, स्नानगृह, और विश्राम कक्ष की व्यवस्था की जाएगी। यह न केवल स्थानीय लोगों के लिए सुविधाजनक होगा, बल्कि यहां आने वाले विदेशी पर्यटकों के लिए भी यह एक सुकून भरा अनुभव साबित होगा।

दूसरे भाग में, शवदाह गृह की आधुनिक व्यवस्था की जाएगी। यहाँ छत पर भी शवदाह की सुविधा होगी, ताकि बाढ़ या किसी अन्य प्राकृतिक आपदा के समय भी अंतिम संस्कार की प्रक्रिया में किसी प्रकार की बाधा न आए।

तीसरे भाग में, दत्तात्रेय पादुका से लेकर तारकेश्वर महादेव मंदिर के परिसर को संवारा जाएगा, जिससे तीर्थ स्थल के धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व को और अधिक बढ़ावा मिलेगा। यह क्षेत्र अपने ऐतिहासिक और धार्मिक धरोहरों के लिए जाना जाता है, और इस नए विकास से यह और भी आकर्षक बनेगा।

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मणिकर्णिका तीर्थ का वैश्विक पर्यटन में स्थान

काशी विश्वनाथ धाम की तर्ज पर मणिकर्णिका तीर्थ को भी एक आधुनिक और आकर्षक तीर्थ स्थल के रूप में विकसित करने की योजना बनाई जा रही है। यह परियोजना न केवल तीर्थयात्रियों के लिए विशेष सुविधाएं उपलब्ध कराएगी, बल्कि इसे एक प्रमुख पर्यटन स्थल के रूप में भी उभारेगी।

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विदेशी पर्यटकों की बढ़ती रुचि इस बात का प्रमाण है कि मणिकर्णिका तीर्थ एक वैश्विक पर्यटन केंद्र बनने की ओर अग्रसर है। फ्रांस और जापान जैसे देशों से आए पर्यटक न केवल इसकी धार्मिक महत्ता से प्रभावित हुए, बल्कि स्वच्छता और संरक्षण के कार्यों में सक्रिय रूप से भाग लेकर उन्होंने इसकी महत्ता को और भी बढ़ाया।

इस प्रकार, मणिकर्णिका तीर्थ केवल एक धार्मिक स्थल नहीं, बल्कि एक सांस्कृतिक और पर्यावरणीय जागरूकता का केंद्र भी बनता जा रहा है। भारत सरकार के नमामि गंगे मिशन के अंतर्गत किए जा रहे ये प्रयास आने वाले समय में इस स्थान को विश्व पर्यटन के मानचित्र पर एक प्रमुख स्थान प्रदान करेंगे।

मणिकर्णिका तीर्थ के सुधार और संवर्धन के कार्य न केवल इस पवित्र स्थल की धार्मिक महत्ता को बनाए रखने में सहायक होंगे, बल्कि यह पर्यटन और स्वच्छता के प्रति जागरूकता का एक आदर्श स्थल बनेगा। विदेशी पर्यटकों का इसमें सक्रिय भाग लेना इस बात का संकेत है कि भारतीय संस्कृति और धार्मिक स्थलों का वैश्विक स्तर पर कितना महत्व है।आने वाले समय में, मणिकर्णिका तीर्थ का यह कायाकल्प इसे काशी विश्वनाथ धाम की तरह ही एक प्रमुख तीर्थ स्थल और पर्यटकों के लिए आकर्षण का केंद्र बनाएगा।

 

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Author: Suryodaya Samachar

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