Jallikattu in Tamilnadu :- तमिलनाडु के मदुरई में खेला जाने वाला खेल जल्लीकट्टू 15 जनवरी से आयोजित किया जा रहा है। इस खेल की सभी तैयारियां पूरी हो चुकी हैं। तमिलनाडु के मदुरै में जल्लीकट्टू खेल की समयसूची सामने आ गई है। मदुरै में 15 जनवरी से शुरू होकर तीन दिनों के लिए ये खेल खेला आयोजित किया जाना है। पहले दिन जल्लीकट्टू कार्यक्रम 15 जनवरी को अवनियापुरम में आयोजित किया जाएगा, इसके बाद 16 जनवरी को पलामेडु में और 17 जनवरी को अलंगनल्लूर में होगा। जल्लीकट्टू (Jallikattu) तमिल नाडु के ग्रामीण इलाक़ों का एक परंपरागत खेल है जो पोंगल त्यौहार पर आयोजित कराया जाता है और जिसमे बैलों से इंसानों की लड़ाई कराई जाती है। जल्लीकट्टू को तमिलनाडु के गौरव तथा संस्कृति का प्रतीक कहा जाता है। ये 2000 साल पुराना खेल है जो उनकी संस्कृति से जुड़ा है।
जल्लीकट्टू है क्या?
जल्लीकट्टू तमिल नाडु के ग्रामीण इलाक़ों का एक परंपरागत खेल है जो पोंगल त्यौहार पर आयोजित कराया जाता है और जिसमे बैलों से इंसानों की लड़ाई कराई जाती है। जल्लीकट्टू को तमिलनाडु के गौरव तथा संस्कृति का प्रतीक कहा जाता है. तमिलनाडु से सुप्रीम कोर्ट के वकील वी. सालियन के अनुसार ये 5000 साल पुराना खेल है जो उनकी संस्कृति से जुड़ा है।
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इस तरह का खेल स्पेन में भी होता है जिसे बुल फाइट कहते हैं और वहां ये खेल काफी लोकप्रिय है।जानवरों की सुरक्षा वाली संस्था पेटा के अनुसार जल्लीकट्टू खेल के दौरान बैलों के साथ क्रूरता की घटनाएं होती हैं। इलज़ाम ये भी है कि बैलों को नशीले पदार्थ खिलाये जाते हैं। लेकिन प्रदर्शनकारियों के अनुसार ये सारे आरोप ग़लत हैं।
चेन्नई से दिल्ली आये एक प्रदर्शनकारी बल्ली कुमार कहते हैं कि स्पेन के बुल फाइट में जानवरों के साथ क्रूरता का बर्ताव होता है लेकिन तमिल नाडु में नहीं। वो कहते हैं, “हम सालों से बैल को अपने एक परिवार के सदस्य की तरह पालते हैं। खेल के दौरान उनके साथ क्रूरता नहीं होती।
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Author: Suryodaya Samachar
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