Housing finance rules :- भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने डिपॉजिट लेने वाली हाउसिंग फाइनेंस कंपनियों के लिए नियमों को और सख्त करने का प्रस्ताव दिया है ताकि दूसरी नॉन-बैंक फाइनेंस कंपनियों के नियमों के साथ तालमेल बनाया जा सके। जारी ड्राफ्ट सर्कुलर के मुताबिक रिजर्व बैंक ने प्रस्ताव दिया है कि हाउसिंग फाइनेंस कंपनियां मार्च 2025 तक चरणबद्ध तरीके से पब्लिक डिपॉजिट के मुकाबले कम से कम 15% लिक्विड एसेट को बनाकर रखें। अभी इन कंपनियों को पब्लिक डिपॉजिट के लिए अपनी लिक्विड एसेट का 13% बनाकर रखना होता है। ये नियम लागू हो जाते हैं तो ये जरूरत 30 सितंबर तक 14% लिक्विड एसेट तक और अगले वित्त वर्ष के अंत तक 15% तक बढ़ जाएगी।
RBI ने डिपॉजिट के नियम सख्त किए
रिजर्व बैंक ने अधिकतम पब्लिक डिपॉजिट की सीमा को हाउसिंग फाइनेंस कंपनी की कुल नेटवर्थ के मौजूदा तीन गुना से घटाकर 1.5 गुना करने का भी प्रस्ताव दिया है। इससे डिपॉजिट लेने पर कंपनी की क्षमता बहुत सीमित हो जाएगी।
RBI ने अपने ड्राफ्ट में कहा है कि संशोधित सीमा से ज्यादा डिपॉजिट रखने वाले मॉर्गेज लेंडर्स नए पब्लिक डिपॉजिट नहीं ले पाएंगे, या मौजूदा डिपॉजिट को भी रीन्यू नहीं कर पाएंगे, जब तक कि पब्लिक डिपॉजिट की मात्रा संशोधित सीमा से कम न हो जाए। हालांकि, मौजूदा अतिरिक्त डिपॉजिट को मैच्योरिटी तक खत्म करने की इजाजत दी जाएगी।
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Author: Suryodaya Samachar
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