Delhi News :- दिल्ली सरकार ने वायु प्रदूषण को नियंत्रित करने के उद्देश्य से इस बार दिवाली के दौरान पटाखों पर प्रतिबंध लगा दिया है। यह फैसला दिल्ली में सर्दियों के मौसम में बढ़ते प्रदूषण को ध्यान में रखते हुए लिया गया है। प्रतिबंध के तहत पटाखों का उत्पादन, भंडारण, बिक्री और उपयोग 1 जनवरी तक पूरी तरह से प्रतिबंधित रहेगा। इस निर्णय का मकसद दिवाली के दौरान होने वाले वायु प्रदूषण को कम करना है, क्योंकि पटाखों से निकलने वाले धुएं और हानिकारक गैसें वायु की गुणवत्ता को बहुत खराब कर देती हैं, जिससे स्वास्थ्य पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है।
14 अक्टूबर से 1 जनवरी तक लगा बैन
दिल्ली सरकार ने बढ़ते प्रदूषण के मद्देनजर एक महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए 14 अक्टूबर से 1 जनवरी तक पटाखों पर पूर्ण प्रतिबंध लगा दिया है। इस प्रतिबंध के तहत पटाखों का निर्माण, भंडारण, बिक्री और उपयोग सभी पर रोक रहेगी। यह निर्णय खासतौर पर दीपावली के समय प्रदूषण की स्थिति को नियंत्रित करने के लिए लिया गया है, ताकि त्योहार के दौरान दिल्ली की वायु गुणवत्ता और अधिक खराब न हो। पटाखों से होने वाला धुआं और हानिकारक तत्व दिल्ली की हवा को जहरीला बना सकते हैं, जिससे स्वास्थ्य पर गंभीर असर पड़ सकता है।
बता दें कि नवंबर के पहले हफ्ते में दिवाली के जश्न और भारत के उत्तरी राज्यों में पराली जलाने की वजह से दिल्ली NCR का AQI गंभीर होने की आशंका है.
बिगड़ जाती है एयर क्वालिटी
बिलकुल सही, अक्टूबर के महीने से दिल्ली में प्रदूषण के स्तर में बढ़ोतरी होने लगती है, और इसके पीछे कई कारण होते हैं।
1. मौसम में बदलाव: अक्टूबर से तापमान गिरने लगता है, और हवा की गति धीमी हो जाती है। धीमी हवा के कारण प्रदूषण के कण वातावरण में रुक जाते हैं और हवा की गुणवत्ता खराब हो जाती है। सर्दियों के दौरान तापमान में गिरावट और धुंध की स्थिति के चलते प्रदूषण के कण ज़मीन के नजदीक बने रहते हैं, जिससे सांस लेना मुश्किल हो जाता है।
2. पराली जलाना: इस समय के दौरान पंजाब, हरियाणा और उत्तर प्रदेश के किसान अपनी फसलों की कटाई के बाद पराली जलाते हैं, जिससे भारी मात्रा में धुआं दिल्ली और इसके आसपास के क्षेत्रों में फैलता है। पराली जलाने से हवा में कार्बन डाइऑक्साइड, सल्फर डाइऑक्साइड, और पीएम 2.5 जैसे हानिकारक तत्व बढ़ जाते हैं, जो हवा की गुणवत्ता को और अधिक बिगाड़ देते हैं।
3. पटाखे फोड़ना: दिवाली के दौरान पटाखों के जलने से भारी मात्रा में धुआं, विषाक्त गैसें और छोटे कण हवा में फैलते हैं। इससे पहले से ही प्रदूषित हवा की स्थिति और गंभीर हो जाती है। यही कारण है कि दिवाली के समय दिल्ली में वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) बहुत खराब हो जाता है।
इन तीनों कारकों का मेल दिल्ली में प्रदूषण को गंभीर रूप से बढ़ाता है, और यही कारण है कि सरकार ने इस बार दिवाली पर पटाखों पर पूर्ण प्रतिबंध लगाया है।दिवाली के मौके पर पटाखे फोड़ने से हालात और ज्यादा खराब हो जाते हैं। दिल्ली में सदर बाजार, चांदनी चौक, कोटला, रोहिणी, लक्ष्मी नगर जैसे मार्केट मुख्य रूप से पटाखों के कारोबार के केंद्र हैं. हालांकि, पटाखों के बैन से लोगों के रोजगार पर भी बुरा असर पड़ा है।
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Author: Suryodaya Samachar
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