नई दिल्ली :- पूरे देश में कोरोना के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। यह परिस्थितियां फिर से देश को एक बार डरा रही हैं। बात अगर भारत के राज्यों की करें तो इस समय केरल के सबसे बुरे हालात हैं। एक बार फिर लोगों को लॉक डाउन का डर सताने लगा है। पूरे देश में 24 घंटे में (गुरुवार, 21 दिसंबर तक) 358 मामले सामने आए, जिनमें से अकेले केरल में 300 लोग संक्रमित पाए गए हैं।
बात अगर केरल के पड़ोसी राज्यों की करें तो कर्नाटक, तमिलनाडु और गोवा में भी चिंता बढ़ने लगी है। कर्नाटक में भी कोरोना से हाल ही में एक व्यक्ति की मौत हुई है। भारत की राजधानी दिल्ली से सटे गाजियाबाद में बीजेपी के एक पार्षद के संक्रमित होने की पुष्टि हो चुकी है। इसी दौरान एक साथ नेपाल गया था नेपाल से लौटने पर वह भी पॉजिटिव पाया गया है। इसके बाद पूरे देश में ये सवाल पूछे जा रहे हैं क्या दोबारा मास्क पहनने का समय आ गया है? इस बारे में विशेषज्ञों की क्या राय है –
7 महीने बाद फिर बढ़ने लगे कोरोना के मामले
एक बार फिर कोरोना अपना कहर बरपाने में पीछे नहीं हट रहा। पिछले 24 घंटे में कोरोना ने 6 लोगों की जान ले ली है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक, देश में कोविड के 2,669 सक्रिय मामले हैं।
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बुधवार को सामने आए 614 दैनिक मामले मई के बाद से सबसे अधिक हैं। जिसकी वजह से खतरा काफी बढ़ गया है। कोरोना का नया सब वेरिएंट जेएन.1 से लोगों में खौफ का माहौल है।
खतरनाक नहीं है कोरोना का नया सब वेरिएंट : WHO
विश्व स्वास्थ्य संगठन ने JN.1 को क्लासिफाइड किया है। विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा जारी की गई रिपोर्ट के अनुसार पता चला है कि वर्तमान में उपलब्ध साक्ष्यों से पता चलता है कि इससे कोई बड़ा खतरा नहीं है। डब्ल्यूएचओ ने एक्स पर एक पोस्ट में कहा कि नॉर्थ में सर्दियों की शुरुआत के साथ, जेएन.1 कई देशों में सांस के संक्रमण को बढ़ा सकता है।
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Author: Suryodaya Samachar
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