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Ayodhya deepotsav 2024: भव्यता का संगम

Ayodhya deepotsav 2024 : [रिपोर्टर सुजीत सिंह वाराणसी] अयोध्या नगरी में इस वर्ष का दीपोत्सव एक अभूतपूर्व उत्सव बनने जा रहा है, जो तकनीक और आस्था का ऐसा संगम प्रस्तुत करेगा कि हर श्रद्धालु उसमें डूबता नजर आएगा। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में अयोध्या में आठवां दीपोत्सव अद्वितीय और भव्य रूप से मनाने की योजना है। रामलला के भव्य मंदिर में विराजमान होने के बाद यह पहला दीपोत्सव होगा, और इसे त्रेता युग का अनुभव कराने के रूप में सुसज्जित किया जा रहा है।



इस बार धर्मपथ और लता मंगेशकर चौक को डिजिटल रूप में प्रस्तुत किया जाएगा, जिससे श्रद्धालु इस डिजिटल यात्रा का अनुभव कर सकेंगे। दीपोत्सव की इस विशेषता के माध्यम से लाखों दीपों का प्रकाश, डिजिटल स्क्रीन पर रामायण के प्रसंग, और धार्मिक ध्वनियों का संयोजन भावुक करने वाला होगा।

धर्मपथ और लता मंगेशकर चौक की डिजिटल सजावट

अयोध्या में नेशनल हाईवे से प्रवेश करते ही धर्मपथ पर इस बार 15-15 फीट के 24 डिजिटल पिलर लगाए जा रहे हैं। ये डिजिटल पिलर रामायण के विभिन्न प्रसंगों को प्रदर्शित करेंगे और श्रद्धालुओं को ऐतिहासिक यात्रा का अनुभव कराएंगे। यह मार्ग करीब दो किलोमीटर लंबा है और पूरे मार्ग को आकर्षक इंटेलिजेंट लाइटिंग से सजाया गया है, जो अयोध्या की शोभा में चार चांद लगा देगा। इसके साथ ही, लता मंगेशकर चौक पर विशेष डिजिटल डिस्प्ले सिस्टम स्थापित किया गया है, जिसमें भगवान राम के अयोध्या आगमन के दृश्य दिखाए जाएंगे। श्रद्धालु इस डिजिटल शो को देखकर अतीत की उस पवित्र भावना में डूब सकेंगे, जब राम अयोध्या लौटे थे।

28 लाख दीपों के प्रज्ज्वलन का कीर्तिमान

दीपोत्सव के इस विशेष आयोजन में 25 लाख दीपों के जलाने का लक्ष्य रखा गया है। इस रेकॉर्ड को सुनिश्चित करने के लिए 28 लाख दीपों को सजाया जाएगा। गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड्स की 30 सदस्यीय टीम अयोध्या पहुंच चुकी है। कंसल्टेंट निश्चल बरोट ने बताया कि रिकॉर्ड काउंटिंग के लिए तीन चरणों में दीपों की गिनती होगी—पहले सूखे दीप, फिर जलने के बाद मैनुअल काउंटिंग और अंत में ड्रोन से वीडियो बना कर एआई सॉफ्टवेयर के जरिए अंतिम गिनती।

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प्रमुख स्थलों पर आकर्षक लाइटिंग

अयोध्या के विभिन्न स्थलों को दीपोत्सव के अवसर पर अत्यंत भव्य रूप से सजाया जा रहा है। रामकथा पार्क, राम की पैड़ी, हनुमान गढ़ी, तुलसी उद्यान, बिरला मंदिर, भजन संध्या स्थल, और सरयू ब्रिज पर विशेष लाइटिंग की जाएगी। दीपोत्सव के दौरान राम की पैड़ी के घाटों पर 25 लाख दीप जलाए जाएंगे, जो पूरे घाट को एक अद्वितीय सौंदर्य और आभा से भर देंगे। यह दृश्य इतना अद्भुत होगा कि इसे देखकर कोई भी वहां से अपनी नजरें हटा नहीं पाएगा।

इंटेलिजेंट लाइटिंग का विशेष प्रबंध

प्रकाश के विशेष इंतजाम के लिए चयनित असद बताते हैं कि पूरे धर्मपथ को इंटेलिजेंट लाइटिंग सिस्टम से सजाया गया है। इन लाइट्स का संयोजन दीपों के प्रकाश के साथ ऐसा किया गया है कि पूरे मार्ग पर एक दिव्य माहौल बनेगा। यह आयोजन तीन दिनों तक चलेगा, जिसमें 28 से 30 अक्टूबर तक डिजिटल पिलर पर रामायण के प्रसंगों का प्रदर्शन किया जाएगा और ऊपर आकर्षक लाइटिंग की व्यवस्था रहेगी।

आस्था और तकनीक का अद्वितीय संगम

यह दीपोत्सव एक ऐसा अनोखा आयोजन है, जो आस्था और तकनीक के समायोजन का प्रतीक बनेगा। अयोध्या नगरी को डिजिटल नगरी के रूप में सुसज्जित किया गया है, जिससे यह न केवल धार्मिक महत्व का प्रतीक बनेगी, बल्कि तकनीक के क्षेत्र में भी एक नई मिसाल पेश करेगी। श्रद्धालुओं को त्रेता युग के अनुभव में ले जाने के लिए इस आयोजन को हर संभव तरीके से भव्य और दिव्य बनाया जा रहा है।

दीपोत्सव का सामाजिक और सांस्कृतिक महत्व

अयोध्या दीपोत्सव का आयोजन न केवल धार्मिक बल्कि सांस्कृतिक महत्व भी रखता है। इस पर्व में लाखों श्रद्धालु एकत्रित होकर अपने आराध्य भगवान राम को याद करते हैं और उनके जीवन के आदर्शों का अनुसरण करने का संकल्प लेते हैं। इस बार, डिजिटल तकनीक के साथ यह आयोजन और भी भव्य और यादगार बनने जा रहा है। विशेषकर धर्मपथ और लता मंगेशकर चौक की डिजिटल प्रस्तुति आने वाले वर्षों में दीपोत्सव का एक नया आयाम स्थापित करेगी।

इस दीपोत्सव के माध्यम से अयोध्या के सांस्कृतिक और धार्मिक महत्व को दुनियाभर के लोगों के सामने प्रस्तुत किया जाएगा। डिजिटल पिलर्स और इंटेलिजेंट लाइटिंग से अयोध्या का यह नजारा एक नई तरह की धार्मिक पर्यटन का अनुभव देगा। यह दीपोत्सव न केवल एक आयोजन है बल्कि यह भारत की सांस्कृतिक और धार्मिक समृद्धि का एक प्रतीक भी है।

 

अयोध्या दीपोत्सव 2024 में धार्मिक और आधुनिक तकनीकी तत्वों का सम्मिलित होना इस आयोजन को भव्य और यादगार बना रहा है। आस्था और तकनीक के इस संगम के साथ, अयोध्या की भव्यता एक नयी ऊंचाई पर पहुंच रही है। यह आयोजन न केवल एक रेकॉर्ड बनायेगा बल्कि श्रद्धालुओं के दिलों में एक स्थायी स्मृति छोड़ जाएगा। अयोध्या की यह दिव्य रोशनी और उसका प्रभाव हर व्यक्ति को आस्था और भक्ति के मार्ग पर अग्रसर करेगा, जिससे भारत की सांस्कृतिक धरोहर एक बार फिर से दुनिया के सामने प्रकट होगी।

Suryodaya Samachar
Author: Suryodaya Samachar

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