Radha Ashtami 2024: राधा अष्टमी का पर्व भक्तों के लिए विशेष महत्व रखता है क्योंकि इस दिन श्रीराधा रानी का प्राकट्य हुआ था। राधा कृष्ण को प्रसन्न करने और राधा जी को खुश करने के लिए भक्तगण कुछ विशेष भोग और विधियों का पालन करते हैं। यहाँ पर बताया गया है कि राधा अष्टमी के दिन किस प्रकार भोग लगाकर और पूजा विधि का पालन करके राधा जी को प्रसन्न किया जा सकता है:
1. भोग में क्या चढ़ाएं:
माखन और मिश्री: राधा-कृष्ण को माखन और मिश्री का भोग बहुत प्रिय है। यह भोग विशेष रूप से राधा अष्टमी के दिन चढ़ाया जाता है।
खीर: दूध, चावल और शक्कर से बनी खीर भी राधा जी को अर्पित की जाती है। इसे तुलसी के पत्तों के साथ चढ़ाएं।
फलों का भोग: सेब, केला, अनार और अन्य मौसमी फल भोग में चढ़ा सकते हैं।
पेड़ा और लड्डू: राधा जी को मीठे का भोग बहुत प्रिय है, विशेष रूप से पेड़ा, मोहन भोग और लड्डू।
पंचामृत: पंचामृत (दूध, दही, शहद, घी और शक्कर) का भोग जरूर अर्पित करें।
भगवान के समान हमारा कोई हितैषी नहीं है, हमारे दुख सुख
Radha Ashtami: राधा रानी को अर्पित करें उनकी प्रिय दही अरबी की सब्जी
राधा रानी ने बरसाना में अवतार लिया था। बरसाने में दही अरबी की सब्जी बनाई जाती है, जो धार्मिक मान्यताओं के अनुसार राधा रानी की मनपसंद है। ऐसे में राधाष्टमी पर उन्हें दही अरबी की सब्जी का विशेष रूप से भोग लगा जाता है। ये खाने में बहुत ही जायकेदार होती हैं और इसका धार्मिक महत्व भी होता है। ऐसे में आप भी इस खास मौके पर राधा रानी के लिए दही अरबी की सब्जी बना सकते हैं।
2. राधा जी को प्रसन्न करने के उपाय:
सुबह स्नान के बाद व्रत रखें और संकल्प लें। इस दिन राधा जी के लिए व्रत रखने से मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं। राधा जी की प्रतिमा या चित्र पर गुलाब, बेला, या चमेली के फूल चढ़ाएं। राधा जी को सफेद और लाल रंग के फूल विशेष प्रिय होते हैं।
मंत्रों का जाप: राधा जी को प्रसन्न करने के लिए ‘ॐ राधायै नमः’ मंत्र का जाप करें। इस मंत्र से ध्यान केंद्रित करें और मन को शुद्ध करें।
कथा और कीर्तन: इस दिन राधा-कृष्ण की कथा का श्रवण करें और भजन-कीर्तन से भगवान को प्रसन्न करें।
दान-पुण्य करें: इस दिन जरूरतमंदों को भोजन, वस्त्र और धन का दान करें। राधा जी सेवा और प्रेम में विश्वास करती हैं, इसलिए किसी की मदद करना राधा जी को प्रसन्न करने का एक माध्यम है।
3. पूजा विधि:
राधा-कृष्ण की मूर्तियों को गंगाजल से स्नान कराएं।
उन्हें नए वस्त्र पहनाएं, विशेष रूप से राधा जी को गुलाबी या पीले रंग के वस्त्र पहनाएं।
पूजा में धूप, दीप, और फूल अर्पित करें।
अंत में, आरती करें और प्रसाद बांटें।
4. भजन और कीर्तन:
राधा अष्टमी पर राधा जी के भजन जैसे “जय राधे राधे”, “श्याम तेरी बंसी” आदि का गायन करें।
इस तरह से राधा अष्टमी पर सही विधि और भक्ति से पूजा करके राधा जी और श्रीकृष्ण को प्रसन्न किया जा सकता है।
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Author: Suryodaya Samachar
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