Waaree Energies IPO Listing :- वरी एनर्जीज का आईपीओ 23 अक्टूबर को समाप्त हुआ, और इसकी सूची बीएसई और एनएसई पर 30 अक्टूबर को हुई, जहां इसके शेयरों ने मजबूती के साथ प्रवेश किया। आईपीओ का उद्देश्य भारत में सौर ऊर्जा क्षेत्र में तेजी से विकास करना था। 21 से 23 अक्टूबर तक खुली इस पेशकश में वारी एनर्जीज ने 4,321.44 करोड़ रुपये जुटाए, जिसमें से 3,600 करोड़ रुपये ताजा शेयरों की बिक्री के माध्यम से आए, और बाकी की रकम 48 लाख इक्विटी शेयरों की ओएफएस से मिली। कंपनी ने अपने शेयरों का मूल्य बैंड 1,427-1,503 रुपये प्रति शेयर पर तय किया था और इस इश्यू में 9 शेयरों का लॉट साइज रखा गया।
Waaree Energies IPO Listing:-
इस इश्यू में योग्य संस्थागत बोलीदाताओं (क्यूआईबी) की विशेष रुचि रही, जिससे क्यूआईबी का हिस्सा 208.63 गुना सब्सक्राइब हुआ। वहीं, गैर-संस्थागत निवेशकों (एनआईआई) का कोटा 62.49 गुना और खुदरा निवेशकों का हिस्सा 10.79 गुना सब्सक्राइब हुआ। कर्मचारियों के हिस्से को 5.17 गुना तक सब्सक्राइब किया गया, जिससे यह स्पष्ट होता है कि निवेशकों के बीच इस आईपीओ को लेकर अत्यधिक उत्साह था।
बीएसई पर वारी एनर्जीज के शेयर अपने इश्यू प्राइस से 69.66 प्रतिशत प्रीमियम के साथ 2,550 रुपये पर सूचीबद्ध हुए, जबकि एनएसई पर यह 66.33 प्रतिशत प्रीमियम के साथ 2,500 रुपये पर सूचीबद्ध हुआ। हालांकि, ग्रे मार्केट में लिस्टिंग से पहले वारी एनर्जीज के शेयरों के प्रीमियम ने यह संकेत दिया था कि यह करीब 90 प्रतिशत तक की लिस्टिंग पॉप दे सकते हैं, लेकिन वास्तविक लिस्टिंग अपेक्षाओं से थोड़ी कम रही।
वरी एनर्जीज की शुरुआत दिसंबर 1990 में हुई थी और तब से यह कंपनी भारत के सौर ऊर्जा क्षेत्र में अग्रणी है। इसकी स्थापित क्षमता 12 गीगावाट है और इसके उत्पाद पोर्टफोलियो में मल्टीक्रिस्टलाइन मॉड्यूल, मोनोक्रिस्टलाइन मॉड्यूल, और टॉपकॉन मॉड्यूल जैसे पीवी मॉड्यूल शामिल हैं। इन मॉड्यूल्स का उपयोग सौर ऊर्जा उत्पादन के विभिन्न पहलुओं में होता है, जो भारत की ऊर्जा जरूरतों को पूरा करने में योगदान देते हैं।
इस आईपीओ की सफलता के पीछे मुख्य कारण वारी एनर्जीज का सौर ऊर्जा क्षेत्र में अद्वितीय अनुभव और सशक्त उत्पाद पोर्टफोलियो है। कंपनी ने इन वर्षों में न केवल भारतीय बाजार में बल्कि अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर भी अपनी जगह बनाई है।
इस इश्यू में भाग लेने वाले बुक रनिंग लीड मैनेजर्स में प्रमुख वित्तीय संस्थाएं शामिल थीं, जिनमें एक्सिस कैपिटल, जेफरीज इंडिया, आईआईएफएल सिक्योरिटीज, नोमुरा फाइनेंशियल एडवाइजरी एंड सिक्योरिटीज (इंडिया), एसबीआई कैपिटल मार्केट्स, इंटेंसिव फिस्कल सर्विसेज, और आईटीआई कैपिटल शामिल हैं। इश्यू के लिए रजिस्ट्रार की भूमिका लिंक इनटाइम इंडिया ने निभाई।
आईपीओ की अच्छी लिस्टिंग का मुख्य कारण कंपनी की मजबूत वित्तीय स्थिति और भारतीय सौर ऊर्जा बाजार में तेजी से बढ़ती मांग है। कंपनी की 12 गीगावाट की स्थापित क्षमता इसे भारत के सबसे बड़े सौर पीवी मॉड्यूल निर्माताओं में से एक बनाती है। भारत में सौर ऊर्जा क्षेत्र में बढ़ती मांग और सरकार द्वारा प्रदत्त समर्थन ने भी वारी एनर्जीज के आईपीओ को सफल बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
इस आईपीओ को लेकर ब्रोकरेज हाउस का दृष्टिकोण भी सकारात्मक था। एक्सिस कैपिटल और जेफरीज इंडिया जैसे प्रमुख ब्रोकरेज हाउस ने इस इश्यू में निवेश करने की सलाह दी थी। विशेषज्ञों का मानना है कि भारत में सौर ऊर्जा का बाजार तेजी से बढ़ रहा है और वारी एनर्जीज जैसी कंपनियां इससे लाभान्वित हो सकती हैं।
वरी एनर्जीज का आईपीओ लिस्टिंग के बाद बाजार में सकारात्मक रुझान दिखा रहा है, लेकिन इसे बनाए रखने के लिए कंपनी को अपने वित्तीय प्रदर्शन और उत्पाद की गुणवत्ता को स्थिर रखना होगा।
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Author: Suryodaya Samachar
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