Varanasi news :- [वीरेश्वर चट्टोपाध्याय] विद्युत विभाग के पूर्वांचल क्षेत्र में अधीक्षण अभियंता, अधिशासी अभियंता, और अवर अभियंताओं का वेतन चेयरमैन के आदेश पर रोक दिया गया है। इसका कारण बिजनेस प्लान 2023-24 के कार्यों की Measurement Book (MB) न होने को बताया जा रहा है। यूपी पावर कारपोरेशन के चेयरमैन डॉ. आशीष गोयल ने पूर्वांचल डिस्कॉम के सभी अभियंताओं का वेतन रोक दिया है। इस कार्रवाई से अधीक्षण अभियंता (एसई) से लेकर अवर अभियंता (जेई) तक करीब छह हजार लोग प्रभावित हैं। यह कार्रवाई बिजनेस प्लान 23-24 के कार्यों की धीमी प्रगति और पूरे हो चुके काम की एमबी (मेजर मैनेजमेंट) नहीं होने पर की गई है।
नए फरमान से बिजली विभाग के अभियंताओं के सितंबर माह का वेतन अटका गया है। हर महीन की एक से दो तारीख को खाते में सैलरी पहुंच जाती थी। लेकिन, जब वेतन नहीं आया तो जानकारी पर पता चला कि वेतन पर रोक लगाई गई है। वेतन नहीं आने से कई अभियंताओं के लोन की किस्त से लेकर बच्चों के कॉलेज की फीस अटक गई है। संघ का आरोप है बिजनेस प्लान के तहत लगभग कार्य पूर्ण हो चुके हैं। कार्यों की एमबी भी कर दी गई है। लेकिन कई स्थानों पर पूर्ण हो चुके कार्यों की एमबी ईआरपी पर तकनीकी समस्याओं के कारण अपलोड नहीं हो पा रही है। जिन क्षेत्रों में अभिंताओं के लगातार प्रयास के बाद भी कार्यदायी संस्था की ओर से काम नहीं किया जा रहा है, ऐसे अपूर्ण कार्यों पर मापन होना असंभव है। ऐसी दशा में वेतन रोके जाने से अभियंताओं में निराशा है।
अधीक्षण अभियंता हो चुके हैं सस्पेंड
बिजनेस प्लान की समीक्षा में नगरीय विद्युत वितरण मंडल-प्रथम के अधीक्षण अभियंता वीपी कठेरिया पर गाज भी गिर चुकी है। सही जवाब नहीं देने पर चेयरमैन ने उन्हें सस्पेंड कर दिया था। वाराणसी में बिना एग्रीमेंट के कई कार्य कराने की जानकारी भी मिली थी। मुख्य अभियंता कार्यालय ने बिजनेस प्लान की कई फाइलें रोक रखी थीं।
इस प्रकार की कार्रवाई यह संकेत देती है कि विभाग में तय योजनाओं और कार्यों के प्रलेखन में कुछ गड़बड़ियों या देरी हो सकती है, जिसके परिणामस्वरूप वेतन भुगतान पर रोक लगाई गई है। यह मामला आगे कैसे बढ़ता है, इस पर विभागीय स्तर पर चर्चा और समाधान की उम्मीद होगी।
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Author: Suryodaya Samachar
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