Varanasi News :- ( रिपोर्टर सुजीत कुमार सिंह ) वाराणसी में देश की पहली शहरी रोपवे परियोजना का काम तेजी से प्रगति कर रहा है। कैंट से गोदौलिया तक 8 किलोमीटर के दायरे को ‘नो काइट जोन’ घोषित किया गया है। इसका उद्देश्य रोपवे के तारों को सुरक्षित रखना और किसी भी दुर्घटना से बचाव करना है। रोपवे अधिकारियों ने पतंग उड़ाने वालों को जागरूक करने के लिए विशेष अभियान शुरू किया है, जिसमें लाउडस्पीकर से घोषणाएं और चेतावनी दी जा रही है कि चीनी मांझा या किसी अन्य सामग्री से तारों को नुकसान न पहुंचे।
सुरक्षा के लिए विशेष कदम
रोपवे के जीएम शंभू चौधरी ने बताया कि सभी टावरों पर तार बिछाने का कार्य आरंभ हो चुका है। तार को किसी भी प्रकार के नुकसान से बचाने के लिए यह कदम उठाया गया है। पतंगबाजी के कारण यदि तार में मांझा फंसता है, तो यह न केवल तार को क्षतिग्रस्त कर सकता है, बल्कि गंभीर दुर्घटनाओं का कारण भी बन सकता है। इसके लिए लोगों को बार-बार चेतावनी दी जा रही है।
रोपवे निर्माण की प्रगति
अब तक कुल 18 में से 15 टॉवर स्थापित हो चुके हैं। प्रत्येक टॉवर पर पांच प्रकार के तार बिछाए जा रहे हैं। शुरुआत एक मिलीमीटर पतले फाइबर रोप से होगी, जिसे ड्रोन की मदद से खींचा जाएगा। इस प्रक्रिया के लिए भारत माता मंदिर स्टेशन के सामने 70 मीटर लंबा प्लेटफॉर्म तैयार किया गया है। अगले 20 दिनों में इस प्रक्रिया को पूरा करने का लक्ष्य है।
ट्रायल रन की तैयारी
रोपवे परियोजना का ट्रायल रन 20 दिसंबर तक शुरू करने का प्रयास किया जा रहा है। अब तक 96 मोनोकेबल गोंडोला (केबल कार) आ चुके हैं, जबकि शेष 52 गोंडोला अगले महीने तक पहुंच जाएंगे। तीनों स्टेशनों पर 14 एलिवेटर और 13 एस्केलेटर स्थापित किए जाएंगे। साथ ही, टिकट काउंटर और वेंडिंग मशीनें लगाने का काम भी तेजी से चल रहा है।
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स्टेशनों का निर्माण और किराया निर्धारण
गिरजाघर स्टेशन का 20% निर्माण कार्य पूरा हो चुका है। गोदौलिया स्टेशन को स्थानांतरित करने पर विचार जारी है। दशाश्वमेध प्लाजा के सामने नया स्टेशन बनाने की संभावना पर चर्चा चल रही है। किराया निर्धारण का प्रस्ताव सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय को भेजा गया है।
रोपवे परियोजना की एक झलक
स्थानीय लोगों से अपील ,रोपवे अधिकारियों ने स्थानीय निवासियों से अपील की है कि रोपवे के तारों के पास पतंग न उड़ाएं। चीनी मांझा या अन्य सामग्री से तारों को नुकसान पहुंचने की आशंका है, जिससे परियोजना की प्रगति और सुरक्षा प्रभावित हो सकती है।
वाराणसी के इस ऐतिहासिक प्रोजेक्ट का जल्द ही ट्रायल शुरू होने वाला है, जिससे शहर में यातायात के एक नए युग की शुरुआत होगी।
Author: Suryodaya Samachar
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