Train derailed:- शुक्रवार देर रात से भोर तक न तो पनकी इलाके में आंधी आई और न ही तूफान। बारिश भी तेज हवाओं संग नहीं हुई। इसी ट्रैक से रात 1:16 बजे 19314 पटना-इंदौर एक्सप्रेस ठीक उसी जगह से सुरक्षित निकली जहां 2:27 बजे साबरमती एक्सप्रेस डिरेल हुई। बड़ा सवाल यह है कि सिर्फ 71 मिनट में लोहे का बोल्डर इस ट्रैक पर कहां से आ गया जो रेलवे के किसी उपकरण से संबंधित है ही नहीं। पूरी तरह बाहर का निकला है। इसके साथ और भी कई सवाल हैं जो घटना के पीछे किसी की शरारत या साजिश की तरफ इशारा कर रहे हैं।
रेल मंत्री ने भी दिए साजिश के संकेत……
खुद रेलवे के अफसर भी यह मान रहे हैं कि यह शरारत का हिस्सा हो सकता है मगर पूरी स्थिति जांच रिपोर्ट आने के बाद ही स्पष्ट होगी। खुद रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने भी एक्स पर पोस्ट किया है कि ट्रैक पर रखी गई वस्तु से इंजन टकराया और पटरी से उतर गया। इसमें तीखे प्रहार के निशान पाए गए हैं। इसकी जांच इंटेलिजेंस ब्यूरो और पुलिस की टीम भी कर रही है।
पुखरायां में पलटी थी पटना-इंदौर एक्सप्रेस…..
साबरमती एक्सप्रेस के डिरेल होने की एक कड़ी पुखराया हादसे से भी जुड़ती नजर आ रही है। 20 नवंबर 2016 को पुखरायां (कानपुर देहात) में पटना-इंदौर एक्सप्रेस (19321) देर रात 3:10 बजे दुर्घटनाग्रस्त हुई थी। तब ट्रेन के चौदह डिब्बे पटरी से उतरे थे। घटना में 150 से ज्यादा लोगों की मौत हुई थी जबकि इतने ही घायल हुए थे। तब बचाव के लिए सेना की मदद लेनी पड़ी थी।
Author: Suryodaya Samachar
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