Sonbhadra news :- (रिपोर्टर रामेश्वर सोनी) सोनभद्र, जो उत्तर प्रदेश के सीमावर्ती जिलों में से एक है, ने हमेशा से अपनी विविधतापूर्ण सांस्कृतिक धरोहर और शैक्षिक महत्व को प्रदर्शित किया है। इसी क्रम में, राबर्ट्सगंज स्थित जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान (डायट) सभागार में आज एक विशेष आयोजन किया गया – नवाचार मेला एवं कला संस्कृति महोत्सव। इस आयोजन का उद्घाटन मीरजापुर मंडल के एडी बेसिक शेषबाला और सोनभद्र की मुख्य विकास अधिकारी (सीडीओ) सुश्री जागृति अवस्थी की गरिमामयी उपस्थिति में किया गया।
इस कार्यक्रम का नेतृत्व सोनभद्र के बेसिक शिक्षा विभाग के प्रमुख प्राचार्य, डायट और जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी मुकुल आनंद पाण्डेय ने किया। उनका उद्देश्य था कि इस नवाचार मेला एवं कला संस्कृति महोत्सव के माध्यम से बच्चों, शिक्षकों और समाज के विभिन्न वर्गों में नवाचार, कला और संस्कृति के महत्व को पुनः जागृत किया जा सके। यह आयोजन न केवल छात्रों की रचनात्मकता और कला प्रतिभा को प्रदर्शित करने का एक अवसर था, बल्कि इसे एक ऐसा मंच भी बनाया गया, जहाँ विभिन्न शैक्षिक नवाचारों और प्रयोगों को साझा किया जा सके।
(Sonbhadra news)नवाचार मेला और कला महोत्सव: उद्देश्य और विशेषताएं
नवाचार मेला और कला संस्कृति महोत्सव का आयोजन न केवल शिक्षण विधियों में नवाचार को प्रोत्साहित करने के लिए किया गया बल्कि छात्रों और शिक्षकों दोनों के लिए इसे एक प्रेरणास्रोत के रूप में प्रस्तुत किया गया। कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य था कि शिक्षा और कला के माध्यम से बच्चों में सृजनात्मकता का विकास किया जाए और उन्हें नए-नए तरीकों से शिक्षा प्रदान की जाए, ताकि वे अपनी प्रतिभा का अधिकतम उपयोग कर सकें।
इस मेले में विभिन्न प्रकार की शैक्षिक गतिविधियाँ और प्रदर्शनियां आयोजित की गईं, जिनमें छात्रों और शिक्षकों दोनों ने उत्साहपूर्वक भाग लिया। कला विथिका (आर्ट गैलरी) का आयोजन इस महोत्सव का एक प्रमुख आकर्षण रहा, जहाँ बच्चों और स्थानीय कलाकारों द्वारा बनाई गई कलाकृतियों का प्रदर्शन किया गया। ये कलाकृतियाँ न केवल बच्चों की रचनात्मकता को दर्शाती थीं, बल्कि इनमें उनकी क्षेत्रीय संस्कृति और समाज की झलक भी स्पष्ट दिखाई दे रही थी।
(Sonbhadra news) मुख्य अतिथियों की उपस्थिति और योगदान
मुख्य विकास अधिकारी (सीडीओ) सुश्री जागृति अवस्थी ने इस आयोजन के महत्व को रेखांकित करते हुए कहा, “ऐसे आयोजन बच्चों और शिक्षकों दोनों के लिए प्रेरणादायक होते हैं। नवाचार और कला का सम्मिलन शिक्षा को एक नई दिशा देने में मदद करता है, जिससे बच्चे शिक्षा के प्रति अधिक उत्साही और सृजनशील बनते हैं।” उन्होंने कला विथिका का अवलोकन करते हुए प्रतिभागियों की कलाकृतियों की सराहना की और उनके प्रयासों को प्रोत्साहित किया।
राबर्ट्सगंज स्थित जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान (डायट) सभागार में आज एक विशेष आयोजन किया गया – नवाचार मेला एवं कला संस्कृति महोत्सव। @sonbhadrapolice pic.twitter.com/MrP0O0HhFr
— Suryodaya Samachar (@suryodayasamach) October 18, 2024
मीरजापुर मंडल की एडी बेसिक शेषबाला ने भी अपने विचार साझा करते हुए कहा कि “शिक्षा के क्षेत्र में नवाचार और कला का विशेष महत्व है। इन गतिविधियों के माध्यम से बच्चों में केवल किताबी ज्ञान ही नहीं, बल्कि व्यावहारिक और सृजनात्मक कौशल भी विकसित होता है, जो उनके समग्र विकास के लिए आवश्यक है।”
(Sonbhadra news) राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ का योगदान
कार्यक्रम में राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ सोनभद्र की टीम, जिलामंत्री देवेंद्र गंगवार के नेतृत्व में, भी उपस्थित रही। महासंघ ने इस आयोजन को सफल बनाने में सक्रिय भूमिका निभाई और शिक्षा क्षेत्र के सुधार एवं नवाचार के लिए अपना समर्थन व्यक्त किया। कार्यक्रम में महासंघ के वरिष्ठ उपाध्यक्ष डॉ. बृजेश कुमार सिंह की पुस्तक “स्वर्णिम सोनभद्र” का विमोचन भी मुख्य अतिथियों द्वारा किया गया। यह पुस्तक सोनभद्र की समृद्ध सांस्कृतिक, सामाजिक और शैक्षिक धरोहर का एक अनूठा दस्तावेज़ है, जिसमें जिले की ऐतिहासिक पृष्ठभूमि और उसकी प्रगति की यात्रा को संक्षिप्त और रोचक ढंग से प्रस्तुत किया गया है।
डॉ. बृजेश कुमार सिंह ने अपनी पुस्तक के विमोचन के अवसर पर कहा, “सोनभद्र का इतिहास, उसकी कला और उसकी सांस्कृतिक विरासत अद्वितीय है। इस पुस्तक के माध्यम से मैंने जिले के विकास और उसकी समृद्ध धरोहर को उजागर करने का प्रयास किया है, ताकि लोग हमारे क्षेत्र की इस अद्वितीयता को समझ सकें और उससे प्रेरणा प्राप्त कर सकें।”
(Sonbhadra news) कार्यक्रम में उपस्थित प्रमुख लोग और टीम
इस आयोजन में जिलामंत्री देवेंद्र गंगवार के साथ ही, जिला संयुक्तमंत्री द्वय कमलेश गुप्ता और कमलेश विश्वकर्मा की भी सक्रिय भागीदारी रही। इसके अलावा ब्लॉक अध्यक्ष कोन, रितेश जायसवाल सहित कई अन्य शिक्षकों और स्थानीय गणमान्य व्यक्तियों की उपस्थिति ने इस आयोजन की गरिमा को और बढ़ा दिया। सभी अतिथियों और प्रतिभागियों ने एकमत से इस बात पर जोर दिया कि ऐसे आयोजनों की निरंतरता बनी रहनी चाहिए, ताकि जिले के बच्चों और शिक्षकों को अपने कौशल और रचनात्मकता को प्रदर्शित करने के और अधिक अवसर मिल सकें।
(Sonbhadra news) आयोजन का प्रभाव और भविष्य की दिशा
नवाचार मेला और कला संस्कृति महोत्सव ने यह सिद्ध किया कि सोनभद्र में शिक्षा और कला का एक अनूठा संगम है। यह आयोजन केवल एक वार्षिक कार्यक्रम नहीं था, बल्कि एक ऐसे मंच की स्थापना थी, जहाँ शिक्षकों और छात्रों को अपनी प्रतिभा और नवाचार को प्रदर्शित करने का अवसर मिला। इस प्रकार के आयोजनों से बच्चों के आत्मविश्वास में वृद्धि होती है और वे अपनी क्षमताओं को और बेहतर तरीके से पहचानने लगते हैं।
आने वाले समय में इस प्रकार के नवाचार मेलों और कला महोत्सवों का आयोजन और अधिक व्यापक रूप से करने की आवश्यकता है, ताकि शिक्षा में निरंतर सुधार हो सके और जिले के हर कोने तक इन प्रयासों का लाभ पहुँच सके। यह सुनिश्चित करना आवश्यक है कि शिक्षा केवल पाठ्यपुस्तकों तक सीमित न रहे, बल्कि बच्चों को विविध कौशल और नवाचार के लिए भी प्रेरित करे।
राबर्ट्सगंज, सोनभद्र में आयोजित इस नवाचार मेला और कला संस्कृति महोत्सव ने न केवल बच्चों के रचनात्मक विकास को प्रोत्साहित किया, बल्कि शिक्षा के क्षेत्र में नए आयाम स्थापित करने की दिशा में भी एक महत्वपूर्ण कदम उठाया। भविष्य में ऐसे आयोजनों से जिले की शिक्षा प्रणाली में और भी सकारात्मक बदलाव देखने को मिलेंगे।
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Author: Suryodaya Samachar
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