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Religious news :- सनातन धर्म में जाति व्यवस्था ही भारत की अर्थव्यवस्था 

Religious news :- [रिपोर्टर सुजीत सिंह वाराणसी] द्वारिकाधीश मन्दिर, शंकुलधारा पोखरा, खोजवा में धरोहर संरक्षण सेवा संगठन के द्वारा संस्कृति संवाद कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता राज मंगल पाण्डेय के द्वारा किया गया। जिसमें मुख्य वक्ता के रूप मे संगठन के प्रमुख संयोजक कृष्णा नन्द पाण्डेय ने अपने उद्बोधन मे कहा कि दुनिया की कोई संविधान अपने देश के एक एक नागरिको रोजगार नहीं दे सकता। पर हमारे ऋषियों का चिन्तन इतना सूक्ष्म व सरल था, कि उनकी व्यवस्था एक – एक व्यक्ति को रोजगार देनें की गारण्टी देता था।

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यही व्यवस्था भारत मे जाति व्यवस्था था। सनातन धर्म मे हर जाति का अपना व्यवसाय था। उनके व्यवसाय मे कोई दूसरा हस्तक्षेप नही करता था। वर्तमान व भविष्य को लेकर किसी को रोजगार की चिन्ता नहीं रहती थी। हर व्यक्ति के पास रोजगार व ख़ुशहाली थी। हर सनातनी को आर्थिक रूप से मजबूत करने वाली व्यवस्था का नाम जाति व्यवस्था है। मुग़लों व अंग्रेजों ने साजिशन सनातनियों को भ्रमित करके इतनी सुन्दर जाति व्यवस्था को जातिवाद में बदल दिया। हम मुग़लों , ईसाइयों के साजिश मे आकर अपने व्यवसाय को छोड़े। मुसलमान व ईसाई हमारी व्यवसाय पर कब्जा करते गये । ये हमारी कार्य संस्कृति पर हमला है।

यही व्यवसाय जेहाद लगातार मुसलमानों के द्वारा चलाया जा रहा है। सनातनियों को हर प्रकार के जेहाद का संगठित होकर सामना करना और सनातन कर्म संस्कृति के विस्तार का संकल्प लेना होगा। गाँव गाँव मे मन्दिरों को मज़बूत करना और उन मन्दिरों पर रोज/साप्ताहिक रूप से एकत्रित होना होगा। रवीन्द्र मौर्य ने कहा हिंदुओं पर अत्याचार हो रहा है और हिंदू बहन बेटियों का जबरन बलात्कार किया जा रहा है।

यह मानवता को शर्मसार करने वाली कृत्य इस्लामी राक्षसों के द्वारा किया जा रहा है। जो अब स्वीकार नहीं है। दुनिया के कोने-कोने में रह रहे हिंदुओं की सुरक्षा के लिए अब संगठित होना होगा विधर्मियों द्वारा बार-बार किए जा रहे हिंदू समाज के ऊपर आक्रमण का अब मुंहतोड़ जवाब दिया जाएगा। विश्व का कल्याण अगर किसी में करने की ताकत है तो सिर्फ सनातन धर्म में है।

जब तक हम अपने बच्चों को अपने इतिहास और धर्म के बारे में नहीं बताएंगे, तब तक सनातन की रक्षा नहीं हो पाएगा। कोई लालच के बल पर अपनी दुकान चल रहा है। तो कोई पथ तलवार के बल पर जिहाद कर रहा है। नाना प्रकार के जिहादी अब समाज के सामने आ रहा है। जो समाज और मानवता के लिए बहुत ही हानिकारक है। एक सनातन धर्म ही ऐसा धर्म है जो सर्वे भवंतु सुखिनः की कल्पना करता है। जो विश्व के कल्याण की बात करता है। सभी सुखी हो, सबका कल्याण हो की भावना को स्थापित करने के लिए पूरी दुनिया में सनातन का विस्तार होना जरूरी है।

वक्ताओं में अनुराग सोनकर ने कहा कि सनातन के विस्तार के लिए शस्त्र के छांव में ही शास्त्र का अनुसंधान होना संभव है। बिना शस्त्र के शास्त्र की सुरक्षा नहीं हो पाएगा। डा. चन्द्र देव पटेल ने कहा कि आज हम सभी को संगठित होना होगा। हम सभी सनातनी सैनिक बनेंगे तभी सनातन विस्तार का संकल्प साकार होगा। तभी हमारे ऋषियों की कल्पना सरकार होगी। तभी सर्वे भवंतु सुखिनाम की कल्पना साकार होगा। तभी स्वामी करपात्री जी का विश्व का कल्याण हो की कल्पना सरकार हो पाएगा।

कार्यक्रम मे प्रमुख रूप से, अनुराग सोनकर, चन्द्र देव पटेल , रमाकान्त पाण्डेय , मोनिका चौहान , किसन चौहान, अनिकेत, राहुल सहित क्षेत्र के गणमान्य लोग उपस्थित रहे।सभी ने एक सुर में सनातन विस्तार के संकल्प पर बहुत जोर दिया। संचालन गौरव मिश्रा ने किया। कार्यक्रम का समापन सामूहिक रूप से हनुमान चालीसा पाठ के साथ संपन्न हुआ।

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Author: Suryodaya Samachar

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