Om Prakash Chautala Funeral :- हरियाणा के पांच बार मुख्यमंत्री रह चुके ओमप्रकाश चौटाला का आज, 21 दिसंबर 2024, अंतिम संस्कार किया गया। 20 दिसंबर को 89 वर्ष की आयु में गुरुग्राम में उन्हें दिल का दौरा पड़ा, जिससे उनका निधन हो गया। उनकी पार्थिव देह रात को सिरसा के तेजा खेड़ा गांव, उनके पैतृक स्थान, ले जाई गई। शनिवार सुबह उनके अंतिम दर्शन के लिए हजारों लोग उमड़े। समर्थकों ने “ओपी चौटाला अमर रहें” के नारों के बीच उनके ताबूत पर फूल चढ़ाए।
राज्य में तीन दिन का शोक घोषित
हरियाणा सरकार ने पूर्व मुख्यमंत्री के निधन पर तीन दिन का शोक घोषित किया है। ओमप्रकाश चौटाला का पार्थिव शरीर राष्ट्रीय तिरंगे, उनकी पार्टी इंडियन नेशनल लोकदल (इनेलो) के चुनाव चिह्न चश्मे और हरी पगड़ी से सुसज्जित था। इसे दोपहर 2 बजे तक उनके फार्म हाउस में रखा गया, ताकि उनके समर्थक और जनता अंतिम दर्शन कर सकें।
भारतीय राजनीति की हस्तियों ने दी श्रद्धांजलि
चौटाला के निधन से पूरे देश की राजनीति में शोक की लहर दौड़ गई। शुक्रवार को जब उनके निधन की खबर आई, तो इसे लाखों समर्थकों के लिए एक बड़ा झटका माना गया। शनिवार को उनकी अंतिम यात्रा में राजनीतिक जगत की कई जानी-मानी हस्तियां शामिल हुईं। उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़, हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर और केंद्रीय मंत्री नायब सिंह सैनी ने दिवंगत नेता को श्रद्धांजलि दी।
चौटाला की हरी पगड़ी और चश्मा बने उनकी पहचान
इस मौके पर उनके परिवार में भी गजब की एकता देखने को मिली। राजनीतिक मतभेदों के बावजूद, उनके बेटे अजय चौटाला और अभय चौटाला, और भाई रंजीत चौटाला ने एकजुटता दिखाई। चौटाला की हरी पगड़ी और चश्मा उनकी पहचान का प्रतीक बन गए थे। उनका यह अंदाज उनके समर्थकों और परिवार के लिए उनकी छवि का हिस्सा बन गया।
अभय चौटाला ने किया भावुक संदेश साझा
ओमप्रकाश चौटाला के बेटे अभय चौटाला ने अपने पिता के निधन पर सोशल मीडिया के जरिए भावुक पोस्ट साझा की। उन्होंने लिखा, “पिताजी का जाना केवल हमारे परिवार के लिए नहीं, बल्कि उन लाखों लोगों के लिए भी व्यक्तिगत क्षति है, जिनकी जिंदगी पर उन्होंने अपनी छाप छोड़ी।” परिवार और समर्थकों के लिए यह पल बेहद भावुक था।
पोते दुष्यंत चौटाला ने कहा ‘लौह पुरुष’
चौटाला के पोते और उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला ने उन्हें “लौह पुरुष” के रूप में याद किया। उन्होंने कहा कि उनके दादा की दृढ़ता और संघर्ष उनकी सबसे बड़ी पहचान थी। अंतिम संस्कार के दौरान परिवार ने उन्हें विदाई दी, और यह पल उनकी विरासत को सम्मान देने वाला बन गया।
शिक्षक भर्ती घोटाले से लेकर तिहाड़ जेल तक का सफर
ओमप्रकाश चौटाला का जीवन कई उतार-चढ़ावों से भरा रहा। 2013 में शिक्षक भर्ती घोटाले में दोषी ठहराए जाने के बाद उन्हें और उनके बड़े बेटे अजय चौटाला को जेल की सजा हुई। हालांकि, जेल में रहते हुए भी उन्होंने हार नहीं मानी और 2017 से 2021 के बीच 10वीं और 12वीं की पढ़ाई पूरी की। उनकी इस यात्रा को फिल्म ‘दसवीं’ में भी दिखाया गया, जिसमें अभिषेक बच्चन ने उनकी भूमिका निभाई।
प्रधानमंत्री मोदी समेत कई नेताओं ने जताया शोक
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे, और हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र हुड्डा समेत कई बड़े नेताओं ने चौटाला के निधन पर शोक जताया। सभी ने हरियाणा के विकास और राजनीति में उनके योगदान को सराहा।
एक युग का अंत
ओपी चौटाला के निधन से हरियाणा ने एक ऐसा नेता खो दिया, जिसकी छवि हमेशा संघर्षशील और जनसेवक की रही। उनकी विरासत, उनकी उपलब्धियां और उनकी संघर्ष की कहानियां आने वाली पीढ़ियों को प्रेरित करती रहेंगी।

Author: Suryodaya Samachar
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