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New Virus in china: चीन में हुई एक नए वायरस की पहचान, दिमाग पर कर रहा असर, एक और महामारी का अलर्ट,

New Virus in china: चीन में एक नया और खतरनाक वायरस सामने आया है, जिसने वैज्ञानिकों और स्वास्थ्य अधिकारियों की चिंताएं बढ़ा दी हैं। इस वायरस का संक्रमण सीधे दिमाग पर हमला करता है और स्थिति इतनी गंभीर हो सकती है कि संक्रमित व्यक्ति को कोमा में जाने तक की नौबत आ सकती है। कोरोना महामारी की शुरुआत से ही चीन वायरस के प्रसार को लेकर दुनियाभर की नजरों में रहा है। कई मीडिया रिपोर्ट्स और वैज्ञानिक अध्ययन यह दावा करते रहे हैं कि सार्स-सीओवी-2 (नोवेल कोरोनावायरस) की उत्पत्ति चीन से ही हुई थी। अब एक बार फिर चीन से डराने वाली जानकारी सामने आ रही है, जो भविष्य में एक और स्वास्थ्य संकट का संकेत दे रही है।

हाल ही में किए गए एक अध्ययन में यह खुलासा हुआ है कि चीन के फर फार्मों (पशु खाल के लिए चलाए जा रहे फार्मों) में सैकड़ों ऐसे वायरस पाए गए हैं, जो इंसानों के लिए गंभीर खतरा बन सकते हैं। ये वायरस पशुओं से इंसानों में आसानी से फैल सकते हैं, जिससे संभावित रूप से एक नई महामारी की शुरुआत हो सकती है।

New Virus in china

New Virus in china: फर फार्म और वायरस का खतरा

फर फार्मों में बड़ी संख्या में जंगली और घरेलू जानवरों को पाला जाता है, जिनमें विशेष रूप से मिंक, रैकून, और लोमड़ी जैसे जानवर शामिल हैं। इन जानवरों की खाल का उपयोग फैशन इंडस्ट्री में किया जाता है। लेकिन इन फार्मों में वायरस के प्रसार का खतरा अधिक होता है क्योंकि यहां जानवरों को बंद और भीड़भाड़ वाले माहौल में रखा जाता है। अध्ययन में यह पाया गया है कि इन जानवरों में पाए जाने वाले वायरस आसानी से इंसानों तक पहुंच सकते हैं, जो वैश्विक स्वास्थ्य के लिए बड़ा संकट बन सकते हैं।

चीन के फर फार्मों में कई नए और खतरनाक वायरस का पता चला है, जो भविष्य में महामारी का कारण बन सकते हैं। नेचर जर्नल में प्रकाशित एक शोध के अनुसार, 2021 से 2024 के बीच करीब 461 जानवरों की जांच की गई, जिनमें पालतू और जंगली जानवर दोनों शामिल थे। इस शोध में वैज्ञानिकों ने फर फार्मों में मौजूद वायरस की पहचान की, जिनमें हेपेटाइटिस ई, जापानी इंसेफेलाइटिस और 13 नए प्रकार के वायरस शामिल हैं।

वायरस की खोज और संभावित खतरा

शोध के अनुसार, फर फार्मों में जिन वायरसों का पता चला है, वे मनुष्यों के लिए गंभीर खतरा उत्पन्न कर सकते हैं। हेपेटाइटिस ई और जापानी इंसेफेलाइटिस जैसे वायरस पहले से ही इंसानों को गंभीर रूप से प्रभावित कर चुके हैं, और नए प्रकार के वायरसों की खोज ने वैज्ञानिकों की चिंताएँ और बढ़ा दी हैं। इन वायरसों के मनुष्यों में फैलने का खतरा अधिक है, खासकर उन फार्मों में जहां जानवरों को बहुत पास-पास रखा जाता है। यह घनी आबादी और कमजोर स्वास्थ्य सुविधाओं वाले इलाकों में वायरस के तेजी से फैलने की संभावना को और बढ़ा देता है।

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वायरोलॉजिस्ट की चेतावनी

प्रसिद्ध वायरोलॉजिस्ट एडवर्ड होम्स ने फर फार्मों में खतरनाक वायरस के प्रसार पर गंभीर चिंता व्यक्त की है। उन्होंने कहा कि इन फार्मों में वायरस के म्यूटेशन और फैलने की दर काफी अधिक है, जो भविष्य में एक बड़ी महामारी का कारण बन सकता है। होम्स ने फर उद्योग को तुरंत बंद करने की सलाह दी है, ताकि किसी भी संभावित प्रकोप को रोका जा सके। उन्होंने कहा कि भविष्य में ऐसी संभावित महामारियों से बचने के लिए कठोर कदम उठाने की आवश्यकता है।

हाल ही में हुए अध्ययन में एक नई और गंभीर समस्या सामने आई है। फर फार्मों में जिन वायरसों की पहचान की गई है, उनमें से एक है पिपिस्ट्रेलस बैट एचकेयू5-लाइक वायरस, जो पहले केवल चमगादड़ों में पाया जाता था, लेकिन अब मिंक में भी इसका प्रसार हो गया है। यह वायरस मिडिल ईस्ट रेस्पिरेटरी सिंड्रोम (एमईआरएस) कोरोनावायरस से मिलता-जुलता है, जिसे इंसानों के लिए घातक माना जाता है।

वायरस का जानवरों से इंसानों में प्रसार

शोधकर्ताओं ने चेतावनी दी है कि यह वायरस अब चमगादड़ों से मिंक में संक्रमण कर चुका है, जो एक गंभीर संकेत है। यह संक्रमण इंसानों तक भी पहुँच सकता है और एक नई महामारी का रूप ले सकता है। वायरोलॉजिस्ट एडवर्ड होम्स ने इसे एक खतरनाक चेतावनी के रूप में देखा है और बताया है कि अगर समय रहते इस पर प्रभावी कदम नहीं उठाए गए, तो हमें कोरोना वायरस से भी खतरनाक संक्रमण का सामना करना पड़ सकता है।

भविष्य की चुनौतियाँ

होम्स ने कहा कि मिंक और अन्य जानवरों में ऐसे वायरसों का प्रसार बेहद चिंताजनक है, क्योंकि यह महामारी की संभावनाओं को और भी बढ़ा देता है। अगर इन वायरसों को नियंत्रित नहीं किया गया तो भविष्य में हम एक और बड़े वैश्विक संकट का सामना कर सकते हैं। उन्होंने जोर देकर कहा कि इन फार्मों पर कड़ी निगरानी और स्वास्थ्य सुरक्षा उपायों को अपनाने की जरूरत है ताकि वायरस का प्रसार रोका जा सके।

निवारक कदमों की आवश्यकता

अध्ययन की रिपोर्ट यह बताती है कि हमें इन खतरनाक वायरसों को फैलने से रोकने के लिए तुरंत और ठोस कदम उठाने होंगे। अन्यथा, यह वायरस भविष्य में महामारी का कारण बन सकते हैं, जो मौजूदा स्वास्थ्य ढांचे के लिए चुनौतीपूर्ण साबित हो सकता है।

इस चेतावनी को ध्यान में रखते हुए, वैश्विक स्तर पर सतर्कता और स्वास्थ्य सुरक्षा में सुधार की आवश्यकता है, ताकि इस तरह के खतरों से समय रहते निपटा जा सके।

यह शोध यह साबित करता है कि फर फार्मों में वायरसों के फैलने का खतरा काफी गंभीर है और इसे रोकने के लिए तत्काल कदम उठाने की जरूरत है। अगर समय पर उचित उपाय नहीं किए गए तो यह नए वायरस विश्व स्तर पर स्वास्थ्य संकट पैदा कर सकते हैं। वैज्ञानिक और स्वास्थ्य संगठन इस उद्योग पर कड़ी नजर बनाए हुए हैं और वायरसों के प्रसार को रोकने के उपायों पर काम कर रहे हैं।

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Author: Suryodaya Samachar

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