Mirzapur news :- [रिपोर्टर तारा त्रिपाठी] जमालपुर क्षेत्र के ग्राम पंचायत करजी में गरई नदी पर बन रहे पुल का स्लैब गिरने की घटना ने निर्माण कार्य की गुणवत्ता और सुरक्षा मानकों पर सवाल खड़े कर दिए हैं। इस घटना में दो मजदूर मामूली रूप से घायल हुए, लेकिन समय पर हस्तक्षेप और स्थानीय प्रशासन की तत्परता के चलते एक बड़ा हादसा होने से बच गया। यह पुल लोक निर्माण विभाग, मीरजापुर द्वारा निर्माणाधीन है।
घटना का विवरण
प्राप्त जानकारी के अनुसार, पुल के निर्माण कार्य के तहत पहले दो स्लैब पहले ही सफलतापूर्वक बन चुके थे। तीसरे स्लैब, जिसकी लंबाई 8 मीटर थी, की ढलाई का कार्य 16 जनवरी 2025 को दोपहर लगभग 2 बजे प्रारंभ हुआ। दिन के समय आंशिक कार्य पूरा करने के बाद रात में मजदूर भोजन कर रहे थे। इसी दौरान नदी में जल प्रवाह अचानक तेज हो गया, जिससे शटरिंग की स्थिरता प्रभावित हुई।
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दो मजदूरों ने शटरिंग की स्थिति का निरीक्षण करने और उसमें सुधार करने का प्रयास किया। इस दौरान पानी के तेज प्रवाह के कारण शटरिंग गिर गई, जिससे दोनों मजदूर मामूली रूप से घायल हो गए। हालांकि, उन्हें तुरंत अस्पताल ले जाया गया और प्राथमिक उपचार के बाद उनकी हालत सामान्य बताई गई है।
मजदूरों की स्थिति
दोनों मजदूरों को मामूली चोटें आईं, लेकिन उनकी स्थिति अब पूरी तरह ठीक है। अस्पताल से छुट्टी मिलने के बाद वे अपने सामान्य कार्यों में लौट आए हैं। किसी भी अन्य प्रकार की क्षति या जनहानि की सूचना नहीं है।
प्रशासनिक कदम
जिलाधिकारी ने इस घटना को गंभीरता से लेते हुए एक संयुक्त जांच समिति गठित करने का निर्देश दिया है। समिति में लोक निर्माण विभाग के अधीक्षण अभियंता, ग्रामीण अभियंत्रण विभाग के अधिशासी अभियंता, सेतु निगम के अधिकारी और जिला विकास अधिकारी शामिल हैं। इन सभी को मिलकर घटना के कारणों और संभावित लापरवाही की विस्तृत जांच करने का जिम्मा सौंपा गया है।
जांच के बिंदु
1. शटरिंग गिरने का कारण: क्या यह तकनीकी कमी थी या निर्माण में मानकों की अनदेखी की गई?
2. निर्माण सामग्री की गुणवत्ता: क्या सामग्री मानकों के अनुरूप थी?
3. सुरक्षा उपाय: निर्माण कार्य के दौरान मजदूरों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए क्या कदम उठाए गए थे?
4. प्राकृतिक कारणों का प्रभाव: नदी के जल प्रवाह और मौसम की स्थिति का समुचित आकलन किया गया था या नहीं?
प्रभाव और प्रशासन का रुख
इस घटना ने स्थानीय निवासियों के बीच निर्माण कार्य की गुणवत्ता और ठेकेदार की जिम्मेदारी को लेकर सवाल खड़े कर दिए हैं। प्रशासन ने जनता को आश्वस्त किया है कि दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा। जांच रिपोर्ट आने के बाद दोषी अधिकारियों या ठेकेदारों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
स्थानीय प्रतिक्रिया
घटना के बाद स्थानीय निवासियों ने निर्माण कार्य में लापरवाही की शिकायत की है। कई लोगों ने घटिया सामग्री और अपर्याप्त निरीक्षण का आरोप लगाया है। प्रशासन ने इस बात का भरोसा दिलाया है कि घटना की निष्पक्ष जांच की जाएगी और भविष्य में इस तरह की घटनाओं को रोकने के लिए निर्माण कार्यों की नियमित निगरानी की जाएगी।
इस घटना ने निर्माण परियोजनाओं में सुरक्षा और गुणवत्ता के महत्व को रेखांकित किया है। प्रशासन अब सभी निर्माण कार्यों में सख्त सुरक्षा मानकों और निरीक्षण प्रक्रिया लागू करने की योजना बना रहा है।
Author: Suryodaya Samachar
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