Lucknow news :- लखनऊ से एक अनोखी और हैरान कर देने वाली खबर सामने आई है जिसने राजनीतिक गलियारों में हलचल मचा दी है। भारतीय जनता पार्टी (BJP) के कार्यालय में समाजवादी पार्टी (SP) के संस्थापक और उत्तर प्रदेश की राजनीति के दिग्गज नेता मुलायम सिंह यादव की तस्वीर लगाई गई है। यह घटना न केवल भाजपा कार्यकर्ताओं के लिए हैरानी भरी है बल्कि सियासी विश्लेषकों के लिए भी चर्चा का विषय बन गई है।
सियासी विरोध के बावजूद तस्वीर क्यों?
मुलायम सिंह यादव की छवि हमेशा से भाजपा के लिए एक विरोधाभासी रही है। खासकर 1990 के दशक की राम मंदिर आंदोलन की घटना जब उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री के रूप में मुलायम सिंह यादव ने कारसेवकों पर गोली चलवाने का आदेश दिया था तब से ही भाजपा समर्थक उन्हें राम विरोधी मानते रहे हैं। ऐसे में भाजपा कार्यालय पर उनकी तस्वीर का लगना सियासी पटल पर कई सवाल खड़े करता है।
अपर्णा यादव की भूमिका
जानकारी के अनुसार, यह तस्वीर भाजपा नेता अपर्णा यादव द्वारा लगवाई गई है। अपर्णा यादव जो मुलायम सिंह यादव की बहू हैं भाजपा में शामिल हो चुकी हैं और पार्टी में एक सक्रिय भूमिका निभा रही हैं। मुलायम सिंह यादव की जयंती पर श्रद्धांजलि स्वरूप यह तस्वीर लगाई गई जिसे अपर्णा यादव ने नेताजी के प्रति अपने सम्मान और प्यार को व्यक्त करने के लिए लगाया है। उन्होंने अपने बयान में कहा कि नेताजी केवल सपा के नेता नहीं थे बल्कि वे उत्तर प्रदेश के सभी नागरिकों के दिलों में एक विशेष स्थान रखते थे।
भाजपा कार्यकर्ताओं की प्रतिक्रिया
भाजपा कार्यालय में मुलायम सिंह यादव की तस्वीर देख कई भाजपा कार्यकर्ता हैरान रह गए। कईयों ने इसे भाजपा की विचारधारा के खिलाफ बताया क्योंकि मुलायम सिंह यादव का नाम अक्सर पार्टी द्वारा नकारात्मक संदर्भों में लिया जाता था। हालांकि कुछ भाजपा नेताओं ने इस कदम को अपर्णा यादव की व्यक्तिगत श्रद्धांजलि के रूप में देखा और इसे स्वीकार किया। उन्होंने कहा कि राजनीति में व्यक्तिगत संबंध और सम्मान भी महत्वपूर्ण होते हैं और नेताजी का सम्मान करना उनकी राजनीतिक स्थिति पर सवाल खड़ा नहीं करता।
भाजपा की बदलती रणनीति?
भाजपा कार्यालय में मुलायम सिंह यादव की तस्वीर लगने को सियासी विशेषज्ञ एक नई रणनीति के रूप में देख रहे हैं। यह संभव है कि भाजपा अब अपने विरोधियों के प्रति अधिक समावेशी दृष्टिकोण अपनाने की कोशिश कर रही है खासकर उत्तर प्रदेश जैसे राज्य में जहां सपा का मजबूत आधार है। इस कदम से भाजपा सपा समर्थकों को भी आकर्षित करने का प्रयास कर सकती है खासकर तब जब अपर्णा यादव पार्टी में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही हैं।
श्रद्धांजलि का संदेश या सियासी चाल?
हालांकि, अपर्णा यादव द्वारा तस्वीर लगाने का कदम व्यक्तिगत श्रद्धांजलि का प्रतीक माना जा सकता है लेकिन इसके सियासी मायने भी गहरे हैं। मुलायम सिंह यादव का सम्मान करना न केवल अपर्णा यादव की पारिवारिक जिम्मेदारी है बल्कि यह सपा समर्थकों को भाजपा की ओर आकर्षित करने का एक अप्रत्यक्ष प्रयास भी हो सकता है। इस कदम से भाजपा यह संदेश देना चाहती है कि वह अपने विरोधियों का भी सम्मान कर सकती है खासकर तब जब वे दिवंगत हो चुके हों और उनका राज्य की राजनीति में अहम योगदान रहा हो।
यह भी पढ़ें :- Varanasi news :- वैभव बालिका विद्यापीठ इंटर कॉलेज में संपन्न हुई संस्कृत संवाद यात्रा की बैठक
लखनऊ में भाजपा कार्यालय पर मुलायम सिंह यादव की तस्वीर लगने से सियासी चर्चाओं का दौर शुरू हो गया है। इसे अपर्णा यादव की श्रद्धांजलि के रूप में देखा जा सकता है लेकिन इसके सियासी मायने भी नकारे नहीं जा सकते। भाजपा का यह कदम एक तरफ विरोधियों के प्रति सम्मान का संदेश देता है तो दूसरी ओर उत्तर प्रदेश की राजनीति में अपनी स्थिति को मजबूत करने का प्रयास भी है। आने वाले दिनों में यह देखना दिलचस्प होगा कि भाजपा और सपा समर्थकों के बीच इस घटना का क्या प्रभाव पड़ता है और क्या यह घटना भाजपा की रणनीति मेंकोई नया मोड़ लेकर आती है।
Author: Suryodaya Samachar
खबर से पहले आप तक