Jhansi medical College :- झांसी मेडिकल कॉलेज में मरीजों और आमजन के प्रति उदासीनता और लापरवाही का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा। प्राचार्य नरेंद्र सेंगर, जो कार्यवाहक प्राचार्य के रूप में नियुक्त हैं अपनी मनमानी और प्रशासनिक लापरवाही के चलते लगातार सुर्खियों में हैं।
प्रमुख बिंदु
➡ दिखावटी सफाई: डीजी मेडिकल एजुकेशन किंजल सिंह के दौरे से पहले प्राचार्य ने अस्पताल में चूना छिड़कने और पलंग बिछाने का नाटक किया।
➡ पानी की किल्लत: मरीज, जो लंबे समय से पानी के लिए तरस रहे थे, अब उन्हें कैंटर के जरिए पानी दिया जा रहा है, वह भी दौरे के मद्देनजर।
➡ मौत का सिलसिला: अब तक 12 मासूम बच्चों की मौत हो चुकी है, लेकिन प्राचार्य की लापरवाही और रुतबा कायम है।
➡ जांच में खानापूर्ति: अस्पताल में जांच के नाम पर केवल खानापूर्ति हो रही है। वीआईपी ट्रीटमेंट के बीच हकीकत छिपाई जा रही है।
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प्राचार्य की मनमानी पर सवाल
नरेंद्र सेंगर, जो केवल कार्यवाहक प्राचार्य हैं, अपनी पदस्थापना और जलवे के कारण विवादों में घिरे हुए हैं। अस्पताल में मौजूदा अव्यवस्थाओं के बावजूद उनके खिलाफ कोई ठोस कार्रवाई नहीं हो रही है।
जनता की नाराजगी
मरीजों और उनके परिजनों का कहना है कि अस्पताल प्रशासन की इस लापरवाही से लोगों की जान के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है। वे मांग कर रहे हैं कि इस मामले की निष्पक्ष जांच हो और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए।
सबसे बड़ा सवाल
“क्या झांसी मेडिकल कॉलेज के जिम्मेदारों पर कसेगा शिकंजा, या लापरवाही का यह सिलसिला यूं ही जारी रहेगा?”
Author: Suryodaya Samachar
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