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ISRO : इसरो ने किया धरती की निगरानी के लिए ईओएस 8 का सफल प्रक्षेपण….

ISRO : भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) ने एक बार फिर इतिहास रचते हुए धरती की निगरानी के लिए ईओएस-08 (EOS-08) सैटेलाइट का सफलतापूर्वक प्रक्षेपण किया है। यह प्रक्षेपण श्रीहरिकोटा स्थित सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से किया गया। ईओएस-08 सैटेलाइट का मुख्य उद्देश्य पृथ्वी की सतह पर निरंतर निगरानी रखना है, जिससे प्राकृतिक आपदाओं, वन्य जीवन की सुरक्षा, फसलों की निगरानी, और पर्यावरण संरक्षण जैसे महत्वपूर्ण क्षेत्रों में सहायता मिल सके।

यह प्रक्षेपण पीएसएलवी (पोलर सैटेलाइट लॉन्च व्हीकल) के जरिए किया गया, जिसे इसरो ने हाल के वर्षों में कई महत्वपूर्ण मिशनों के लिए इस्तेमाल किया है। ईओएस-08 सैटेलाइट का सफल प्रक्षेपण इसरो की उन्नत तकनीकी क्षमता और अंतरिक्ष अनुसंधान में उसकी बढ़ती ताकत का प्रमाण है।

इस मिशन के सफल होने से भारत की पृथ्वी अवलोकन क्षमताओं में और अधिक सुधार होगा, जिससे देश को विभिन्न प्राकृतिक और मानव निर्मित आपदाओं से निपटने में मदद मिलेगी।

क्या है इसरो ? 

भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) भारत की राष्ट्रीय अंतरिक्ष एजेंसी है, जो अंतरिक्ष अनुसंधान और विकास के क्षेत्र में कार्यरत है। इसकी स्थापना 15 अगस्त 1969 को डॉ. विक्रम साराभाई द्वारा की गई थी, जिन्हें भारतीय अंतरिक्ष कार्यक्रम का जनक माना जाता है। ISRO का मुख्यालय बेंगलुरु, कर्नाटक में स्थित है।

**ISRO के मुख्य उद्देश्य और उपलब्धियां:**

1. **अंतरिक्ष कार्यक्रम:** ISRO का मुख्य उद्देश्य भारत के लिए स्वतंत्र और स्वदेशी अंतरिक्ष कार्यक्रम का विकास करना है। यह सैटेलाइट प्रक्षेपण, अंतरिक्ष अनुसंधान, और अंतरिक्ष आधारित सेवाओं में अग्रणी भूमिका निभाता है।

2. **सैटेलाइट प्रक्षेपण:** ISRO ने अब तक विभिन्न प्रकार के सैटेलाइट्स का प्रक्षेपण किया है, जिनमें संचार, पृथ्वी अवलोकन, मौसम विज्ञान, और वैज्ञानिक अनुसंधान के लिए उपयोगी उपग्रह शामिल हैं। 1975 में पहला भारतीय उपग्रह ‘आर्यभट्ट’ का प्रक्षेपण इसरो की एक प्रमुख उपलब्धि थी।

3. **चंद्रयान और मंगलयान:** ISRO के चंद्रयान-1 मिशन ने भारत को उन देशों की सूची में शामिल किया, जिन्होंने चंद्रमा पर सफलतापूर्वक अपना यान भेजा है। इसके बाद 2013 में मंगलयान मिशन (मंगल ऑर्बिटर मिशन) के माध्यम से इसरो ने मंगल ग्रह की कक्षा में पहुंचकर एक और महत्वपूर्ण सफलता हासिल की। भारत मंगल की कक्षा में यान भेजने वाला पहला एशियाई देश बना।

4. **पीएसएलवी और जीएसएलवी:** ISRO ने पीएसएलवी (पोलर सैटेलाइट लॉन्च व्हीकल) और जीएसएलवी (जियोसिंक्रोनस सैटेलाइट लॉन्च व्हीकल) जैसे प्रक्षेपण यान विकसित किए हैं, जो विभिन्न प्रकार के उपग्रहों को अंतरिक्ष में सफलतापूर्वक स्थापित करने के लिए उपयोग किए जाते हैं।

5. **भारत के लिए अंतरिक्ष आधारित सेवाएं:** ISRO द्वारा संचालित सैटेलाइट्स देश को संचार, प्रसारण, मौसम पूर्वानुमान, आपदा प्रबंधन, और ग्रामीण विकास जैसी सेवाएं प्रदान करते हैं।

6. **गगनयान मिशन:** ISRO वर्तमान में मानव अंतरिक्ष उड़ान के लिए गगनयान मिशन पर कार्य कर रहा है, जिसके माध्यम से भारतीय अंतरिक्ष यात्री पहली बार अंतरिक्ष में जाएंगे।

ISRO ने अपनी उत्कृष्टता के साथ अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी महत्वपूर्ण स्थान प्राप्त किया है। यह न केवल भारत के लिए बल्कि दुनिया के अन्य देशों के लिए भी सैटेलाइट्स का प्रक्षेपण करता है। ISRO की सफलता का मूल मंत्र स्वदेशी तकनीक, नवाचार और संसाधनों का सर्वोत्तम उपयोग करना है, जिसने भारत को अंतरिक्ष विज्ञान में एक महत्वपूर्ण स्थान दिलाया है।

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Avantika Singh
Author: Avantika Singh

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