BPSC EXAM :- बिहार लोक सेवा आयोग (BPSC) की परीक्षा के दौरान हाल ही में पटना के बापू परीक्षा भवन में बड़ा विवाद खड़ा हो गया। स्थिति इतनी बिगड़ गई कि शांति बहाल करने के लिए पुलिस बल को हस्तक्षेप करना पड़ा। घटनाक्रम तब शुरू हुआ जब प्रश्नपत्रों के वितरण में 10 से 15 मिनट की देरी हुई, जिसके बाद कुछ परीक्षार्थियों ने माहौल खराब करना शुरू कर दिया।
अराजकता और पेपर फाड़ने की घटनाएं
प्रश्नपत्र वितरण में हुई इस देरी के कारण कुछ परीक्षार्थियों ने उग्र रूप अख्तियार कर लिया। कुछ ने प्रश्नपत्र छीनने और फाड़ने जैसी हरकतें शुरू कर दीं। स्थिति और गंभीर तब हो गई जब यह पता चला कि प्रदर्शनकारियों में से एक ने प्रश्नपत्रों का पूरा पैकेट चुरा लिया और गेट तोड़कर इसे बाहर दिखाते हुए हंगामा किया।
जांच और सीसीटीवी फुटेज के आधार पर कार्रवाई
घटना के बाद पटना के जिला मजिस्ट्रेट चंद्रशेखर सिंह ने तत्काल प्रभाव से बीपीएससी को एक विस्तृत जांच रिपोर्ट सौंपी। इस रिपोर्ट में हंगामे से संबंधित सीसीटीवी फुटेज शामिल थे। एक वरिष्ठ मजिस्ट्रेट, वरिष्ठ डिप्टी कलेक्टर, और केंद्र अधीक्षक ने घटना की जांच की और व्यवधान का विस्तृत विवरण साझा किया।
प्रश्नपत्र वितरण में देरी और अधिकारियों की प्रतिक्रिया
जांच में यह सामने आया कि परीक्षा केंद्र पर अधिकारियों, कर्मचारियों और सुरक्षा कर्मियों की पूरी टीम पहले से मौजूद थी और सीलबंद प्रश्नपत्र नियमानुसार वितरित किए गए थे। हालांकि, प्रश्नपत्रों के वितरण में अप्रत्याशित देरी हो जाने पर माहौल बिगड़ने लगा।
केंद्र अधीक्षक ने देरी से प्रभावित परीक्षार्थियों को यह आश्वासन दिया कि उन्हें अतिरिक्त समय दिया जाएगा। बावजूद इसके, माहौल शांत नहीं हुआ और कुछ परीक्षार्थियों ने उपस्थिति पत्रक और प्रश्न पुस्तिकाओं को भी फाड़ दिया। अफवाहें फैलने लगीं कि परीक्षा रद्द कर दी गई है, जिससे और अधिक उथल-पुथल मच गई।
स्थिति नियंत्रण और भविष्य की तैयारियों की आवश्यकता
जांच रिपोर्ट में बताया गया कि अधिकारियों द्वारा त्वरित कार्रवाई न की जाती तो स्थिति और गंभीर हो सकती थी। यह घटना बीपीएससी जैसी उच्च-दांव वाली परीक्षाओं के दौरान प्रशासनिक तैयारियों और अप्रत्याशित स्थितियों से निपटने की योजना की आवश्यकता को रेखांकित करती है।
Author: Suryodaya Samachar
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