गाजियाबाद (उत्तर प्रदेश):- गाजियाबाद में फ्लैट कल्चर का भयावह रूप पिछले दिनों दिखा। सॉफ्टवेयर इंजीनियर की मौत हो गई। उसका शव एक सप्ताह तक कमरे में पड़ा रहा। किसी को भनक तक नहीं लगी। इस प्रकार की घटनाओं को रोकने के लिए अब अपार्टमेंट ऑनर्स असोसिएशन ने एक नई पहल शुरू की है। डोरबेल बजाकर हालचाल लेने की योजना है।
उत्तर प्रदेश के गाजियबाद में अब फ्लैट में रहने वालों का हालचाल उनके पड़ोसी रखेंगे। एक नई पहल शुरू की जा रही है। दरअसल, वैभव खंड एक स्थित एचआरसी सोसायटी में जिस तरह सॉफ्टवेयर इंजीनियर का शव उसके फ्लैट में एक हफ्ते तक पड़ा रहा और किसी को पता तक नहीं चला, इससे सबक लेते हुए यहां की अपार्टमेंट ओनर्स असोसिएशन (AOA) ने एक मुहिम शुरू की है। किसी और के साथ ऐसा न हो, इसलिए एओए ने निवासियों से अपील की है कि वे अपने आस-पड़ोस के लोगों की खैरियत जानें। पड़ोसी की तीन दिन तक खैरियत न मिले तो घंटी बजाकर उनका हालचाल लिया जाएगा। लोगों को सोसायटी के ग्रुप में जागरूक किया जा रहा है। सभी मकान मालिकों और किरायेदारों से अपने परिवार के कम से कम दो सदस्यों के मोबाइल नंबर और स्थाई पता मेंटिनेंस कार्यालय में अपडेट करने की अपील की गई है।
दूसरी सोसायटियों में भी शुरू हुए प्रयास
इंदिरापुरम की कुछ अन्य सोसायटियों क्लाउड 9, शिप्रा नियो और सनराइज ग्रीन के एओए भी इस घटना के बाद निवासियों से एक दूसरे से संपर्क बनाए रखने, खासतौर पर सोसायटी में अकेले रहने वाले और सीनियर सिटीजन के संपर्क में रहने की अपील कर रहे हैं। इसके साथ ही मेंटिनेंस स्टाफ को भी यह निर्देश दिए जा रहे हैं कि वह निवासियों के संपर्क में रहें और अपडेट देते रहें।
क्या कहते हैं लोग
एचआरसी सोसायटी में रहने वाले मोहित नई पहल पर कहते हैं कि सोसायटी में जो लोग अकेले रहते हैं, बच्चे बाहर हैं, उनके लिए हमने एक ग्रुप बनाया है, जिसमें हर रोज सबकी हैलो होती है। तय किया गया है कि अगर एक दो दिन तक अगर किसी का हाल नहीं मिलेगा तो तीसरे दिन उसके घर जाकर हाल-चाल लिया जाएगा। अपने पड़ोसी को जानना बहुत जरूरी है फिर चाहे वह किरायेदार ही क्यों न हो। वैभव खंड की 15 सोसायटियों का एक ग्रुप बनाया हुआ है। उसमें भी सब सक्रिय होकर एक-दूसरे का हाल लेने की कवायद करेंगे।
एचआरसी में रहने वाली नैना कहती हैं कि पड़ोसी या जो भी दोस्त ज्यादा दिनों से नहीं मिले उनके संपर्क में रहना बहुत जरूरी है। उनके घर खुद से ही पहुंच जाना चाहिए। इसके लिए एओए या आरडब्ल्यूए पर निर्भर होने की जरूरत नही है। हाल न मिले तो डोर बेल बजाओ यह मुहिम हर सोसायटी में जरूरी है। मेट्रो सिटी में बहुत लोग अकेले रहते हैं। अपने पड़ोसी को जानना उसके घर के लोगो के बारे में अपडेट लेना खुद की और उसकी दोनों की सुरक्षा के लिए लिहाज से सही है।
शिप्रा नियो आरडब्ल्यूए के अध्यक्ष तरुण खन्ना कहते हैं कि घटना से सजग होकर आरडब्ल्यूए के मेंटिनेंस विभाग ने सोसायटी परिसर में निवास करने वाले मकान मालिकों और किरायेदारों के घर के सदस्यों और उनके स्थायी पते का अपडेट लेने की प्रक्रिया जल्द ही शुरू की जाएगी। वहीं, जिस फ्लैट में प्री पेड मीटर की अव्यवस्था ज्यादा पाई जाएगी, वहां मेंटिनेंस ऑफिस द्वारा निरीक्षण कराया जाएगा। उसकी मॉनिटरिंग की जाएगी।
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Author: Suryodaya Samachar
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