IIT Baba Abhay Singh :- जयपुर पुलिस ने सोमवार (3 मार्च) को चर्चित सोशल मीडिया शख्सियत आईआईटी बाबा अभय सिंह को हिरासत में लिया। महाकुंभ के दौरान चर्चा में आए बाबा के पास से गांजा बरामद होने के बाद उनके खिलाफ NDPS एक्ट के तहत कार्रवाई की संभावना है। हिरासत में लिए जाने से पहले बाबा ने इंस्टाग्राम लाइव के जरिए अपना पक्ष रखा और अपने हालात को लेकर कई सवाल खड़े किए।
सोशल मीडिया से लेकर हिरासत तक
कुछ समय पहले तक सोशल मीडिया पर आध्यात्मिक विचार साझा करने वाले आईआईटी बाबा का सफर अब कानूनी पचड़ों तक आ पहुंचा है। वीडियो में बाबा ने कहा—
“भोलेनाथ का प्रसाद सब खत्म… मैं कुछ नहीं समझा रहा। पुलिस एफआईआर दर्ज कर रही है। अब सब संभालो अपना सनातन।”
उनका यह बयान सनातन धर्म और साधुओं के प्रति समाज के दृष्टिकोण पर प्रश्नचिह्न लगाता है।
कानूनी संकट और बाबा की दलील
बाबा ने दावा किया कि उन्होंने कुछ गलत नहीं किया, क्योंकि साधुओं में यह परंपरा पुरानी है। उन्होंने सवाल उठाया कि यदि साधुओं द्वारा ‘महादेव का प्रसाद’ (गांजा) का सेवन अपराध है, तो यह नियम सभी पर समान रूप से लागू क्यों नहीं होता?
बाबा के समर्थन में कौन?
बाबा ने अपने वीडियो में कहा कि उन्हें सुप्रीम कोर्ट और हाई कोर्ट के वकीलों की जरूरत है, जो उनके पक्ष में लड़ सकें। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि मीडिया ने उनके साथ अन्याय किया और उनके बारे में गलत नैरेटिव फैलाया।
साधु, समाज और कानून का टकराव
इस घटना ने एक बार फिर यह सवाल खड़ा कर दिया है कि धार्मिक परंपराओं और कानूनी प्रावधानों के बीच संतुलन कैसे बनाया जाए? बाबा की दलीलें जहां सनातन संस्कृति की स्वतंत्रता की बात करती हैं, वहीं कानून इसे नशीली पदार्थों की रोकथाम से जोड़कर देख रहा है।
PM Modi Lion Safari :- गिर के जंगल में पीएम मोदी: शेरों के बीच रोमांच और संरक्षण का संदेश
अब देखना होगा कि आईआईटी बाबा अभय सिंह का यह मामला किस दिशा में जाता है। क्या वे कानूनी दांव-पेच में उलझकर सोशल मीडिया सनसनी तक सीमित रह जाएंगे, या फिर इस घटना के बाद कोई नई बहस जन्म लेगी?

Author: Suryodaya Samachar
खबर से पहले आप तक



