PM Modi Lion Safari:- प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने विश्व वन्यजीव दिवस के अवसर पर गिर अभयारण्य का दौरा किया, जहां उन्होंने एशियाई शेरों की तस्वीरें अपने कैमरे में कैद कीं। करीब 18 साल बाद वे एक बार फिर इस जंगल में पहुंचे, पिछली बार वे यहां गुजरात के मुख्यमंत्री के रूप में आए थे। इस दौरान उन्होंने वन्यजीव संरक्षण की दिशा में चल रहे प्रयासों की समीक्षा की और ‘प्रोजेक्ट लॉयन’ की शुरुआत की।
शेरों के बीच सफारी का अनूठा अनुभव
सोमवार सुबह प्रधानमंत्री मोदी सिंह सदन से जंगल सफारी के लिए रवाना हुए। उनके साथ वन विभाग के अधिकारी और मंत्रियों की टीम भी मौजूद थी। सफारी के दौरान मोदी ने अपने कैमरे से गिर के शेरों की तस्वीरें लीं, जो वन्यजीवों के प्रति उनके प्रेम को दर्शाता है।
गिर अभयारण्य को एशियाई शेरों का एकमात्र प्राकृतिक निवास स्थान माना जाता है। वर्तमान में यह गुजरात के 9 जिलों की 53 तहसीलों में लगभग 30,000 वर्ग किलोमीटर में फैला हुआ है। शेरों की बढ़ती आबादी और उनके संरक्षण के लिए सरकार ने 2,900 करोड़ रुपये से अधिक की राशि आवंटित की है।
वन्यजीव संरक्षण के लिए अहम बैठक
सफारी के बाद पीएम मोदी ने सासण गिर में राष्ट्रीय वन्यजीव बोर्ड (NBWL) की सातवीं बैठक की अध्यक्षता की। इस बैठक में सेना प्रमुख, विभिन्न राज्यों के प्रतिनिधि, वन्यजीव संगठनों के सदस्य और मुख्य वन्यजीव वार्डन शामिल थे। इस दौरान गिर के शेरों की सुरक्षा, उनके आवास विस्तार और वन्यजीवों के लिए आधुनिक स्वास्थ्य सुविधाओं पर चर्चा की गई।
संरक्षण के लिए नई योजनाएं:
- ‘राष्ट्रीय रेफरल केंद्र’: जूनागढ़ जिले के न्यू पिपल्या में 20.24 हेक्टेयर में बनने वाला यह केंद्र वन्यजीवों के उपचार और सुरक्षा के लिए समर्पित होगा।
- हाई-टेक मॉनिटरिंग सेंटर: शेरों की निगरानी के लिए अत्याधुनिक तकनीकों से लैस केंद्र बनाया जा रहा है।
- वन्यजीव अस्पताल: गिर क्षेत्र में एक आधुनिक अस्पताल भी स्थापित किया गया है, जहां घायल या बीमार शेरों का इलाज किया जाएगा।
वन्यजीव संरक्षण पर पीएम मोदी का संदेश
इससे पहले पीएम मोदी ने रिलायंस जामनगर रिफाइनरी परिसर में स्थित ‘वनतारा’ पशु बचाव केंद्र का भी दौरा किया, जहां दुर्व्यवहार से बचाए गए हाथियों और अन्य वन्यजीवों को संरक्षण और पुनर्वास दिया जाता है।
प्रधानमंत्री मोदी ने अपने संदेश में कहा,
“यह धरती सिर्फ हमारी नहीं है, यह उन सभी जीवों की भी है, जो हमारे साथ रहते हैं। हर प्रजाति की अपनी भूमिका होती है, और हमें उनके भविष्य की रक्षा करनी होगी।”
उन्होंने भारत के वन्यजीव संरक्षण प्रयासों पर गर्व जताया और लोगों से जैव विविधता को संरक्षित रखने की अपील की।
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गिर में यह दौरा सिर्फ एक सफारी नहीं, बल्कि वन्यजीवों के संरक्षण के लिए भारत की प्रतिबद्धता का प्रतीक बन गया है।

Author: Suryodaya Samachar
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