Premanand Maharaj News :- वृंदावन के प्रसिद्ध रसिक संत प्रेमानंद महाराज ने हाल ही में अपनी रात्रि पदयात्रा को अनिश्चितकाल के लिए बंद करने की घोषणा की थी। इस निर्णय के पीछे उनके स्वास्थ्य और बढ़ती भीड़ को कारण बताया गया था। हालांकि, इसके 24 घंटे बाद ही महाराज जी ने पुनः पदयात्रा की और भक्तों को दर्शन दिए।
पदयात्रा बंद करने का कारण:
महाराज जी के आश्रम से जारी सूचना के अनुसार, उनके स्वास्थ्य में गिरावट और पदयात्रा के दौरान बढ़ती भीड़ के कारण यह निर्णय लिया गया था। इसके अतिरिक्त, स्थानीय निवासियों द्वारा शोर और भीड़ के कारण हो रही असुविधा के चलते विरोध प्रदर्शन भी किए गए थे।
पुनः पदयात्रा का आरंभ:
घोषणा के एक दिन बाद, प्रेमानंद महाराज ने गाड़ी से यात्रा शुरू की और फिर कुछ दूरी पैदल चलकर भक्तों को दर्शन दिए। इस दौरान, उन्होंने मार्ग में उपस्थित भक्तों का अभिवादन स्वीकार किया।
हालांकि, इस घोषणा के एक दिन बाद ही, प्रेमानंद महाराज ने भक्तों की भावनाओं का सम्मान करते हुए पुनः पदयात्रा की। इस बार उन्होंने कुछ बदलाव किए: पहले गाड़ी में यात्रा की और फिर कुछ दूरी पैदल चलकर भक्तों को दर्शन दिए। इस दौरान, मार्ग पर हजारों भक्त उनके दर्शन के लिए उपस्थित थे।
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इस अप्रत्याशित निर्णय से भक्तों में खुशी की लहर दौड़ गई, जो पहले पदयात्रा बंद होने की सूचना से मायूस थे। प्रेमानंद महाराज के इस कदम ने उनकी भक्तों के प्रति गहरी संवेदनशीलता और प्रेम को प्रदर्शित किया है।
आश्रम से हुई थी सूचना जारी
प्रेमानंद महाराज की ओर से सूचना जारी करने के बाद शुक्रवार को फिर से हजारों की संख्या में भक्त वृंदावन पहुंच गए और रात 2 बजे से ही उनके दीदार के सर्दी में सड़क पर जा बैठे। हालांकि भक्तों को मायूस नहीं होना पड़ा और प्रेमानंद महाराज सुबह करीब 4 बजे पहले तो कुछ दूर तक गाड़ी से चले और फिर कुछ दूर पैदल सड़क पर चले और अपने आश्रम में चले गए। इस दौरान उन्होंने भक्तों की भीड़ का अभिवादन स्वीकार किया।
2 घंटे बाद निकले महाराज
TV9 भारतवर्ष ने इस पदयात्रा की स्पेशल कवरेज की है। शुक्रवार सुबह से ही भक्तों का हुजूम उमड़ा हुआ था. प्रेमानंद महाराज रोज की तुलना में आज करीब 2 घंटे बाद मार्ग पर आए। वह रोजाना 2 बजे इस मार्ग से गुजरते हैं। उनके स्वागत में बड़े-बड़े साउंड सिस्टम लगाए जाते हैं और जमकर आतिशबाजी होती है लेकिन आज ऐसा नहीं हुआ।
प्रेमानंद महाराज शुक्रवार की सुब करीब 4 बजे मार्ग पर आए और उन्होंने कुछ दूर तक गाड़ी से यात्रा की इसके बाद वह गाड़ी से उतर गए और पैदल यात्रा करते हुए आश्रम तक गए। उन्हें देखकर भक्तों के भीतर उत्साह बढ़ गया और सभी राधा-राधा के जयकारे लगाने लगे। प्रेमानंद महाराज के दर्शन के लिए भक्त हाथ में फूल लेकर इंतजार करते रहे।
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Author: Suryodaya Samachar
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