Varanasi news :- [रिपोर्टर अजय कुमार गुप्ता] वाराणसी जिले के आराजी लाइन विकास खंड के ग्राम पंचायत रानी बाजार में बिजली विभाग के एक अवर अभियंता (जेई) पर ग्राम प्रधान द्वारा रिश्वत मांगने का गंभीर आरोप लगाया गया है। यह मामला उस समय चर्चा में आया जब ग्राम प्रधान अनिल कुमार गुप्ता ने इस संबंध में एक पत्र लिखकर सोशल मीडिया पर वायरल कर दिया।
मामले का विवरण
ग्राम प्रधान अनिल कुमार गुप्ता ने अपने लेटरहेड पर लिखे पत्र में आरोप लगाया है कि बिजली विभाग के जेई कल्लू राम ने घरेलू बिजली कनेक्शन के लिए ऑनलाइन आवेदन के संबंध में रिपोर्ट पास करने के एवज में 20,000 रुपये की मांग की है। प्रधान ने बताया कि यदि यह रकम नहीं दी जाती है, तो जेई द्वारा बिजली पोल से दूरी अधिक होने की रिपोर्ट लगाकर कनेक्शन के आवेदन को अस्वीकार करने की धमकी दी गई है।
प्रधान ने मामले की जानकारी देते हुए बताया कि रानी बाजार ग्राम पंचायत की निवासी ज्योति गुप्ता, जो सुनील कुमार गुप्ता की पत्नी हैं, ने घरेलू बिजली कनेक्शन के लिए गंजारी फीडर के अधीन ऑनलाइन आवेदन किया था। इस आवेदन को पास कराने के लिए जेई द्वारा रिश्वत मांगी जा रही है। उन्होंने कहा कि पैसा ना देने की स्थिति में जेई ने आवेदन खारिज करने की धमकी दी है।
जेई का पक्ष
इस मामले में आरोपित जेई कल्लू राम ने अपने ऊपर लगे सभी आरोपों को खारिज किया है। उनका कहना है कि कनेक्शन के लिए जिस स्थान की बात हो रही है, वह बिजली पोल से काफी दूर है, इसलिए तकनीकी रूप से समस्या हो सकती है। उन्होंने रिश्वत मांगने के आरोप को पूरी तरह से बेबुनियाद और झूठा बताया।
अधिशासी अभियंता का बयान
मामले को लेकर अधिशासी अभियंता (एक्सईएन) मनीष झा ने कहा कि उन्हें इस मामले की जानकारी नहीं थी, लेकिन अब जानकारी मिल गई है। उन्होंने कहा कि इस मामले की गहराई से जांच कराई जाएगी। अगर आरोप सही पाए जाते हैं, तो दोषी कर्मचारी के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि बिजली विभाग में किसी भी प्रकार की भ्रष्टाचार की घटना को सहन नहीं किया जाएगा।
ग्राम प्रधान का रुख
ग्राम प्रधान अनिल कुमार गुप्ता का कहना है कि इस प्रकार की घटनाएं न केवल आम नागरिकों के विश्वास को ठेस पहुंचाती हैं, बल्कि विकास कार्यों में भी बाधा उत्पन्न करती हैं। उन्होंने जिला प्रशासन और बिजली विभाग से अपील की है कि मामले की निष्पक्ष जांच करवाई जाए और दोषी पाए जाने वाले अधिकारियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाए।
सामाजिक और प्रशासनिक प्रभाव
इस मामले के सामने आने के बाद ग्रामीणों में आक्रोश है। स्थानीय लोगों का कहना है कि ऐसे भ्रष्टाचार से आम लोगों को काफी कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है। ग्रामीणों ने मामले की निष्पक्ष जांच और दोषियों को दंडित करने की मांग की है।
बिजली कनेक्शन और प्रशासन की जिम्मेदारी
बिजली कनेक्शन जैसी मूलभूत सुविधाएं हर नागरिक का अधिकार हैं। इस प्रकार के आरोप बिजली विभाग की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े करते हैं। प्रशासन की जिम्मेदारी है कि वह भ्रष्टाचार पर रोक लगाए और जनता को उनकी समस्याओं का समाधान बिना किसी बाधा के प्रदान करें।
यह मामला सिर्फ एक ग्राम पंचायत या व्यक्ति तक सीमित नहीं है, बल्कि यह दिखाता है कि प्रशासनिक तंत्र में किस प्रकार सुधार की आवश्यकता है। ऐसे मामलों में दोषियों को दंडित करना न केवल कानून का पालन सुनिश्चित करेगा, बल्कि भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए एक उदाहरण प्रस्तुत करेगा। ग्रामीणों और प्रशासन के बीच विश्वास बनाए रखने के लिए पारदर्शिता और जवाबदेही महत्वपूर्ण हैं।
ग्रामीण और प्रशासनिक अधिकारियों को उम्मीद है कि यह मामला निष्पक्ष रूप से सुलझाया जाएगा और दोषी पाए जाने पर संबंधित व्यक्ति को उचित सजा दी जाएगी।
Author: Suryodaya Samachar
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