Delhi News :- दिल्ली विधानसभा चुनाव नजदीक आते ही राजनीतिक माहौल गर्म होता जा रहा है। इसी बीच, उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने मुख्यमंत्री आतिशी को सुझाव दिया है कि 19 या 20 दिसंबर को विधानसभा का विशेष सत्र बुलाया जाए। इस सत्र का उद्देश्य दिल्ली सरकार की विभिन्न नीतिगत पहलों से संबंधित नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (सीएजी) की 14 रिपोर्टों पर चर्चा करना है।
भाजपा का ‘फर्जी’ जाति प्रमाण पत्र का आरोप
भाजपा ने आरोप लगाया है कि दिल्ली सरकार के अधीन “फर्जी” जाति प्रमाण पत्र जारी किए जा रहे हैं, जिससे अनुसूचित जाति समुदाय को आरक्षण के लाभ से वंचित किया जा रहा है।
दिल्ली भाजपा अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा ने इस मामले में सीबीआई जांच की मांग की है। उन्होंने कहा, “फर्जी जाति प्रमाण पत्र का इस्तेमाल कर अनुसूचित जाति समुदाय को आरक्षण से वंचित किया जा रहा है।” भाजपा का दावा है कि आठ लोगों ने इन फर्जी प्रमाण पत्रों के आधार पर सरकारी नौकरियां और प्रवेश हासिल किए हैं। सचदेवा ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में इस मुद्दे पर आप विधायकों की कथित संलिप्तता पर भी सवाल उठाए।
वरिष्ठ नागरिकों के लिए ‘संजीवनी योजना’
आम आदमी पार्टी के प्रमुख अरविंद केजरीवाल ने घोषणा की है कि अगर उनकी पार्टी आगामी चुनावों में फिर से सत्ता में आती है, तो सभी वरिष्ठ नागरिकों को दिल्ली के अस्पतालों में मुफ्त इलाज उपलब्ध कराया जाएगा। यह पहल ‘संजीवनी योजना’ के तहत होगी, जिसका लाभ 60 वर्ष से अधिक आयु के सभी नागरिकों को मिलेगा, चाहे उनकी आर्थिक स्थिति कोई भी हो।
2013 से AAP का शासन
अन्ना हजारे आंदोलन के जरिए राजनीति में कदम रखने के बाद से आम आदमी पार्टी 2013 से दिल्ली पर शासन कर रही है। 2013, 2015 और 2020 में लगातार तीन विधानसभा चुनाव जीतने के बाद भी 2025 के चुनावों से पहले अपनी लोकप्रियता बनाए रखना पार्टी के लिए एक चुनौती है।
देश का सबसे बड़ा तिरंगा फहराने की योजना
नई दिल्ली के कनॉट प्लेस के सेंट्रल पार्क में शुक्रवार को भारत का सबसे बड़ा राष्ट्रीय ध्वज फहराया जाएगा। यह ध्वज 90 फीट × 60 फीट आकार का होगा और 207 फीट ऊंचे स्तंभ पर फहराया जाएगा। फ्लैग फाउंडेशन ऑफ इंडिया के केवी सिंह ने बताया कि यह देश के 12 सबसे बड़े ध्वजों में से एक होगा।
यह पहल फ्लैग फाउंडेशन ऑफ इंडिया और नई दिल्ली नगर परिषद (एनडीएमसी) के सहयोग से हो रही है। इसका उद्देश्य नागरिकों में गर्व और देशभक्ति की भावना को बढ़ावा देना है।
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आम आदमी पार्टी के लिए आगे की राह
2025 के विधानसभा चुनावों में आम आदमी पार्टी को सत्ता विरोधी लहर जैसी चुनौतियों का सामना करना पड़ सकता है। कांग्रेस के साथ गठबंधन न करने का फैसला पार्टी को अकेले चुनावी लड़ाई लड़ने के लिए मजबूर कर सकता है, जिससे कई निर्वाचन क्षेत्रों में कड़ी टक्कर का सामना करना पड़ सकता है। यहां तक कि अरविंद केजरीवाल और मनीष सिसोदिया जैसे प्रमुख नेताओं के क्षेत्रों में भी स्थिति चुनौतीपूर्ण हो सकती है।
Author: Suryodaya Samachar
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