कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने शनिवार, 24 अगस्त को कहा कि उन्होंने पूर्व मिस इंडिया की सूची की जांच की, लेकिन विजेताओं में कोई दलित, आदिवासी या ओबीसी नहीं मिला।
संविधान सम्मान सम्मेलन में करी मांग
राहुल गांधी ने प्रयागराज में आयोजित ‘संविधान सम्मान सम्मेलन’ के दौरान देशव्यापी ‘जाति जनगणना’ की मांग पर जोर देते हुए यह टिप्पणी की। कांग्रेस नेता ने कहा कि 90 प्रतिशत लोगों की भागीदारी के बिना देश नहीं चल सकता।
ना दलित और न आदिवासी महिला मौजूद
उन्होंने कहा, “मैंने मिस इंडिया की सूची देखी है, जिसमें कोई दलित, आदिवासी या ओबीसी महिला नहीं थी। कुछ लोग क्रिकेट या बॉलीवुड के बारे में बात करेंगे। कोई भी मोची या प्लंबर को नहीं दिखाएगा। यहां तक कि मीडिया के शीर्ष एंकर भी 90 प्रतिशत लोगों में से नहीं हैं।”
मीडिया पर किया हमला
उन्होंने देश की मुख्यधारा की मीडिया पर हमला करते हुए कहा, “वे कहेंगे कि मोदीजी ने किसी को गले लगाया और हम महाशक्ति बन गए। जब 90 प्रतिशत लोगों की कोई भागीदारी नहीं है तो हम महाशक्ति कैसे बन गए?”
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भाजपा सरकार पर लगाया आरोप
लोकसभा में विपक्ष के नेता ने यह भी आरोप लगाया कि भाजपा कह सकती है कि वह जाति जनगणना की मांग करके देश को बांटने की कोशिश कर रहे हैं। उन्होंने कहा, “हम जानना चाहते हैं कि संस्थानों, कॉरपोरेट्स, बॉलीवुड, मिस इंडिया में कितने लोग 90 प्रतिशत से हैं। मैं केवल यह कह रहा हूं कि 90 प्रतिशत लोगों की ‘भागीदारी’ नहीं है और इस पर जांच होनी चाहिए।”
राहुल गांधी ने जाति जनगणना की जरूरत को लेकर यह उदाहरण दिया कि 90% बहुजन – दलित, आदिवासी, OBC, अल्पसंख्यक और गरीब सामान्य वर्ग के वो मेहनती और हुनरमंद लोग हैं जिनके अवसरों से वंचित होने की वजह से देश की क्षमता का पूरा इस्तेमाल नहीं हो पा रहा है, यह तो वही बात हुई जैसे 10 सिलेंडर के इंजन एक ही इंजन से चले बाकी 9 से कम न लें।
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Author: Avantika Singh



