Varanasi News :- जिओट्रिक्स सॉफ्टवेयर करेगा अवैध निर्माण की पहचान
वाराणसी विकास प्राधिकरण (वीडीए) ने अवैध निर्माणों की पहचान और उन पर कार्रवाई के लिए अत्याधुनिक जिओट्रिक्स सॉफ्टवेयर को अपनाया है। यह तकनीक सैटेलाइट इमेजिंग के माध्यम से पूरे शहर का 200 वर्ग किलोमीटर का विस्तृत सर्वेक्षण करेगी और अवैध निर्माणों को चिन्हित करेगी।
28 नवंबर 2024 को प्राधिकरण के सभागार में उपाध्यक्ष श्री पुलकित गर्ग की अध्यक्षता में एक महत्वपूर्ण बैठक आयोजित की गई। इस बैठक में तकनीकी विशेषज्ञों ने जोनल अधिकारियों और अवर अभियंताओं को इस सॉफ्टवेयर के उपयोग की विस्तृत जानकारी दी।
तकनीकी विशेषताएं और लाभ
सैटेलाइट इमेजिंग: जिओट्रिक्स सॉफ्टवेयर सैटेलाइट से प्राप्त उच्च-गुणवत्ता वाली तस्वीरों का विश्लेषण करेगा।
डिजिटल मैपिंग: पूरे शहर का डिजिटल नक्शा तैयार होगा, जिससे नगर नियोजन और अवैध निर्माणों की निगरानी आसान होगी।
नए प्लॉटिंग की पहचान: यह सॉफ्टवेयर नए प्लॉटिंग क्षेत्रों का भी पता लगाएगा, जिससे योजनाबद्ध विकास सुनिश्चित हो सकेगा।
रियल-टाइम रिपोर्टिंग: मौके पर जाकर अधिकारी अवैध निर्माण की तस्वीरें खींचकर सीधे सिस्टम पर अपलोड करेंगे।
शहर के विकास की दिशा में बड़ा कदम
उपाध्यक्ष श्री पुलकित गर्ग ने इस पहल को वाराणसी के लिए गेम-चेंजर बताया। उन्होंने कहा, “इस सॉफ्टवेयर का उपयोग न केवल अवैध निर्माणों पर लगाम लगाने में सहायक होगा, बल्कि शहर को व्यवस्थित और स्मार्ट बनाने में भी मदद करेगा।”
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प्रशिक्षण सत्र में शामिल अधिकारी
प्रशिक्षण सत्र में संयुक्त सचिव श्री परमानंद यादव, आईटी अनुभाग के दिनेश सिंह, और अन्य जोनल अधिकारी एवं अवर अभियंता शामिल हुए। विशेषज्ञों ने सॉफ्टवेयर की कार्यप्रणाली को विस्तार से समझाते हुए बताया कि यह तकनीक प्राधिकरण को नगर नियोजन में नई ऊंचाईयों तक ले जाएगी।
भविष्य की योजनाएं
जिओट्रिक्स सॉफ्टवेयर से प्राप्त डेटा का उपयोग शहर की भूमि उपयोग योजनाओं, आवासीय क्षेत्रों के विकास और ट्रांसपोर्टेशन सिस्टम की बेहतरी के लिए किया जाएगा। यह पहल वाराणसी को स्मार्ट शहर बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
इस नई तकनीक के साथ, वाराणसी विकास प्राधिकरण अब शहर के सुनियोजित और सुव्यवस्थित विकास की ओर बढ़ रहा है।
Author: Suryodaya Samachar
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