Varanasi News :- वाराणसी धर्म प्रांत के बिशप युजीन जोसेफ ने 22 दिसंबर 2024 को क्रिसमस के अवसर पर गिरजाघर में आयोजित प्रेस वार्ता में काशीवासियों और समस्त देशवासियों को क्रिसमस एवं नव वर्ष की शुभकामनाएं दीं। उन्होंने प्रभु यीशु मसीह के जन्मोत्सव पर विश्व में शांति, एकता, सुख, और समृद्धि की कामना करते हुए प्रार्थना की।
बिशप युजीन ने कहा कि क्रिसमस का पर्व ख्रीस्तीय समुदाय के लिए प्रेम, त्याग और आशा का प्रतीक है। उन्होंने बताया कि क्रिसमस के लिए चर्च, घरों और क्रिसमस ट्री को सजाया जा चुका है। इस अवसर पर कैरोल गीत गाए जा रहे हैं और प्रभु यीशु के जन्म की झांकी (चरनी) तैयार की जा चुकी है। उन्होंने बाइबल का हवाला देते हुए कहा, “देखो, एक कुंवारी गर्भवती होगी और पुत्र को जन्म देगी, उसका नाम इम्मानुएल रखा जाएगा,” जिसका अर्थ है, ‘परमेश्वर हमारे साथ है।’
मध्यरात्रि पूजा और विशेष आयोजन
बिशप ने बताया कि 24 दिसंबर की मध्यरात्रि को पूरे ख्रीस्तीय समुदाय द्वारा गिरजाघरों में प्रभु की स्तुति और आराधना की जाएगी। यह मान्यता है कि ईसा मसीह, जो संसार के मुक्तिदाता हैं, उसी रात मानव रूप में प्रकट हुए थे। इसी कारण मध्यरात्रि में मिस्सा बलिदान (पूजा विधि) संपन्न होती है।
गिरजाघर का घंटा प्रभु यीशु के जन्म का संदेश फैलाने के लिए अर्धरात्रि में बजाया जाता है। मिस्सा बलिदान के बाद नवजात शिशु यीशु की प्रतिमा को शोभा यात्रा के माध्यम से गिरजाघर से चरनी में स्थानांतरित किया जाएगा। वहां प्रतिमा का अभिषेक किया जाएगा और श्रद्धालु नवजात शिशु के दर्शन कर उनकी स्तुति और आराधना करेंगे।
प्रेम और एकता का संदेश
क्रिसमस के इस पवित्र अवसर पर ख्रीस्तीय समुदाय के लोग आपसी मतभेद भूलकर एक-दूसरे को गले लगाते हैं। कैरोल गीत गाते हुए वे यीशु मसीह का स्वागत करते हैं। इस खुशी के अवसर पर क्रिसमस केक बांटकर प्रेम और सौहार्द का संदेश दिया जाता है।
विशेष कार्यक्रम
क्रिसमस के उपलक्ष्य में पारंपरिक चरनी, पवित्र बाइबल प्रदर्शनी, कठपुतली नृत्य, प्रार्थना, और कैरोल गीत जैसे कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे।
विकलांग दिवस के साथ समारोह का समापन
क्रिसमस समारोह का समापन 2 जनवरी 2024 को सेंट ऑन्स स्कूल, डीएलडब्ल्यू में आयोजित विकलांग दिवस के साथ होगा। इस दिन का शुभारंभ सांस्कृतिक कार्यक्रमों से होगा, जिसमें दृष्टिहीन, मूक-बधिर और शारीरिक रूप से विकलांग बच्चे अपनी प्रस्तुतियां देंगे।
कार्यक्रम के बाद बच्चों के लिए खेल-कूद प्रतियोगिता का आयोजन किया जाएगा, जिसके अंत में पुरस्कार वितरण के साथ समारोह समाप्त होगा।
क्रिसमस और नववर्ष का यह उत्सव केवल ख्रीस्तीय समुदाय के लिए नहीं, बल्कि पूरी मानवता के लिए प्रेम, सेवा और एकता का संदेश लेकर आता है।
Author: Suryodaya Samachar
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