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Varanasi development authority :- मंडलायुक्त द्वारा भूमि क्रय-विक्रय पर रोक

Varanasi development authority :- [रिपोर्टर सुजीत सिंह] वाराणसी मंडल के मीरापुर बसही गांव में स्थित आराजी संख्या 394 को लेकर मंडलायुक्त ने हाल ही में एक महत्वपूर्ण निर्णय लिया है। इस आदेश के तहत, आराजी संख्या 394 पर किसी भी प्रकार के क्रय-विक्रय और नामांतरण की प्रक्रिया पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। आदेश के अनुसार, यह भूमि वाराणसी विकास प्राधिकरण की अधिगृहीत भूमि है, जो कि “लालपुर आवासीय योजना – प्रथम चरण” के अंतर्गत आती है।



आदेश का कारण और पृष्ठभूमि

यह निर्णय वाराणसी विकास प्राधिकरण (वीडीए) की अर्जित भूमि की सुरक्षा और संरचना को सुनिश्चित करने के उद्देश्य से लिया गया है। दरअसल, इस आराजी के संबंध में एक विवादास्पद मामला सामने आया था, जिसमें राज साहू, निवासी औसानगंज, वाराणसी ने तथ्यों को छुपाकर डिप्टी कलेक्टर (माल) वाराणसी से अपने नाम का दर्ज आदेश प्राप्त कर लिया था। राज साहू ने प्राधिकरण को पक्षकार बनाए बिना अपने पक्ष में आदेश पारित करा लिया था, जिससे आराजी संख्या 394 पर उनका स्वामित्व साबित हो गया था।

न्यायालय द्वारा निर्णय और रोक

इस मामले को देखते हुए वाराणसी विकास प्राधिकरण ने मा0 आयुक्त न्यायालय में अपील दायर की, जिसमें आयुक्त न्यायालय ने 19 अक्टूबर 2024 को निर्णय पारित करते हुए डिप्टी कलेक्टर (माल) वाराणसी के 14 सितंबर 2016 के आदेश को स्थगित कर दिया। साथ ही, इस आराजी पर किसी भी प्रकार का क्रय-विक्रय और दाखिल-खारिज निषिद्ध कर दिया गया है। न्यायालय के इस आदेश का उद्देश्य प्राधिकरण की अर्जित भूमि को सुरक्षित रखना और किसी भी प्रकार के अवैध हस्तांतरण को रोकना है।

आदेश के प्रभाव

इस निर्णय के बाद सर्वसाधारण को सूचित किया गया है कि मीरापुर बसही के इस आराजी पर अब कोई भी क्रय-विक्रय या नामांतरण नहीं किया जा सकता है। यह आदेश न केवल भूमि के वर्तमान स्वामित्व को स्पष्ट करता है बल्कि अवैध हस्तांतरण के मामलों पर भी सख्ती से रोक लगाता है। इस प्रकार के निर्णय से प्रशासनिक व्यवस्था को भी मजबूती मिलती है और विकास प्राधिकरण की अधिगृहीत भूमि पर अनधिकृत दावों को रोका जा सकता है।

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आदेश का महत्व

प्राधिकरण द्वारा अधिगृहीत भूमि पर इस प्रकार की रोक लगाने का एक प्रमुख कारण है कि किसी भी प्रकार के अवैध क्रय-विक्रय से भविष्य में उत्पन्न होने वाले विवादों को रोका जा सके। मीरापुर बसही की यह भूमि “लालपुर आवासीय योजना” के प्रथम चरण के अंतर्गत आती है और इसे वाराणसी विकास प्राधिकरण ने योजनाबद्ध तरीके से विकसित करने के लिए अधिगृहीत किया है। ऐसे में, इस पर कोई भी गैरकानूनी क्रय-विक्रय न केवल योजना के उद्देश्य को प्रभावित कर सकता है, बल्कि विकास कार्यों में भी बाधा उत्पन्न कर सकता है।

सर्वसाधारण के लिए सूचना

इस निर्णय को सार्वजनिक करते हुए मंडलायुक्त ने स्पष्ट रूप से सर्वसाधारण को सूचित किया है कि मीरापुर बसही, तहसील शिवपुर, जिला वाराणसी स्थित आराजी संख्या 394 के किसी भी अंश पर अब किसी प्रकार का क्रय-विक्रय करना प्रतिबंधित है। यह सूचना इसलिए महत्वपूर्ण है ताकि भविष्य में किसी भी व्यक्ति द्वारा इस भूमि पर किए गए अवैध लेन-देन की प्रक्रिया को रोक जा सके और किसी प्रकार की धोखाधड़ी से लोग बच सकें।

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वाराणसी मंडल के मीरापुर बसही आराजी संख्या 394 को लेकर मंडलायुक्त द्वारा लिया गया यह निर्णय विकास प्राधिकरण की योजनाओं को संरक्षित करने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है। यह आदेश प्रशासनिक व्यवस्था की मजबूती और सरकारी भूमि के संरक्षण को सुनिश्चित करता है। इस प्रकार के आदेश से यह स्पष्ट होता है कि वाराणसी विकास प्राधिकरण अपनी योजनाओं के तहत अधिगृहीत भूमि की सुरक्षा के प्रति सचेत और प्रतिबद्ध है।

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Author: Suryodaya Samachar

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