Unnao news :- लखनऊ-बांगरमऊ मार्ग को चौड़ा करने का प्रस्ताव लगभग रद्द हो गया है। पीडब्ल्यूडी के सर्वे के बाद हुए अध्ययन से स्पष्ट हुआ कि अगर मार्ग को तीन मीटर चौड़ा करने पर करीब 200 मकान और 1142 पेड़ों को गिराया जाएगा। लखनऊ-बांगरमऊ मार्ग को चौड़ा करने का प्रस्ताव लगभग रद्द होने का मुख्य कारण यह है कि इस मार्ग को तीन मीटर चौड़ा करने पर कई घरों, पेड़ों, और बिजली के पोल को हटाना पड़ेगा, जिससे बड़ी आबादी और पर्यावरण पर नकारात्मक प्रभाव पड़ेगा। पीडब्ल्यूडी के सर्वे के बाद यह स्पष्ट हुआ कि अगर मार्ग को चौड़ा किया जाता है, तो 200 मकान और 1142 पेड़ गिराने पड़ेंगे और 450 से अधिक बिजली के पोलों को शिफ्ट करना पड़ेगा। इन संभावित प्रभावों के कारण इस प्रस्ताव को शासन में भेजा ही नहीं गया। इसके अलावा, एक्सईएन का कहना है कि सिर्फ तीन मीटर चौड़ा करने से समस्या का समाधान नहीं होगा, बल्कि इस मार्ग को फोरलेन करने से ही समस्या का सही समाधान हो सकेगा।
जनपद के व्यस्ततम लखनऊ-बांगरमऊ मार्ग की कुल लंबाई 85 किलोमीटर है। यह मार्ग बिल्हौर में जीटी रोड से जुड़ता है। वर्तमान समय में मार्ग की चौड़ाई सात मीटर है। लखनऊ को जोड़ने वाले इस मार्ग पर यातायात काफी ज्यादा है। रोजाना बड़ी संख्या में वाहनों का आवागमन होता है। कम चौड़ाई होने से मार्ग पर अक्सर जाम लगता है। इसको देखते हुए इसकी चौड़ाई बढ़ाकर 10 मीटर किए जाने की योजना अगस्त 2023 में बनाई गई।
इसी कड़ी में सात अगस्त को लोक निर्माण विभाग की चार सदस्यीय टीम में सहायक अभियंता अजीत अंसारी, प्रदीप गंगवार, जेई प्रवीण कटियार व दीपांशु ने हसनगंज कस्बे में मार्ग की नापजोख की थी। फिर सर्वे के आधार पर जो रिपोर्ट तैयार की थी, उसमें सड़क के दोनों छोरों को डेढ़-डेढ़ मीटर चौड़ा करने का प्रस्ताव था। आबादी वाले क्षेत्रों में दोनों तरफ नाली का निर्माण होना था। करीब 180 करोड़ रुपये का प्रस्ताव तैयार किया गया था। हालांकि रिपोर्ट जब उच्चाधिकारियों के पास पहुंची तो उसका विस्तृत अध्ययन शुरू हुआ।
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लखनऊ-बांगरमऊ मार्ग को चौड़ा करने के प्रस्ताव को रद्द करने के पीछे मुख्य कारण यह है कि इसके तहत नेवलगंज, हसनगंज, मियागंज, तकिया और बांगरमऊ कस्बों के 200 मकान प्रभावित होंगे, जो सभी सड़क किनारे स्थित हैं। इसके साथ ही 450 से अधिक बिजली के पोल और 1142 हरे पेड़ भी इस प्रक्रिया में हटाने पड़ेंगे। इससे बड़ी आबादी प्रभावित होगी, और बिजली तथा हरे पेड़ जैसे मुद्दों पर संबंधित विभागों से पत्राचार करने में काफी समय लग सकता है। इन विभिन्न चुनौतियों और अन्य बिंदुओं का समाधान न निकल पाने की वजह से फिलहाल इस प्रस्ताव को रद्द कर दिया गया है।
मार्ग चौड़ा होने से कई जनपदों का आवागमन होता आसान
यह मार्ग महत्वपूर्ण है क्योंकि यह एक ओर बांगरमऊ और दूसरी ओर लखनऊ को जोड़ता है। इसी मार्ग से वाहन सवार बिल्हौर होते हुए कानपुर और कानपुर देहात तक पहुंचते हैं। इसके अलावा, यह मार्ग लखनऊ के साथ-साथ सीतापुर और बाराबंकी तक के आवागमन के लिए भी उपयोग किया जाता है। यदि इस मार्ग को चौड़ा किया जाता, तो इन जनपदों का आवागमन और भी आसान हो जाता, जिससे लोगों को यात्रा में सुविधा होती और परिवहन की क्षमता भी बढ़ती।
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Author: Suryodaya Samachar
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