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Unnao news : उन्नाव में आबकारी विभाग के संरक्षण में अवैध शराब बिक्री का खुलासा

Unnao news :- उन्नाव जिले में आबकारी विभाग के संरक्षण में सरकारी शराब ठेकों पर अवैध रूप से अधिक दामों पर शराब बेची जा रही है। स्टिंग ऑपरेशन में इसका पर्दाफाश हुआ, जहां नगर क्षेत्र में भोर पहर से ही ठेकों पर अधिक कीमतों पर शराब बेची जा रही थी। ये ठेके गढ़नखेड़ा, इंदिरानगर, बाबूगंज, और शिव नगर क्षेत्रों में स्थित हैं, जहाँ 80 से 90 रुपए प्रति क्वार्टर शराब की कीमत वसूली जा रही है।



स्टिंग ऑपरेशन में सामने आया कि जिला आबकारी अधिकारी खुद को एक मंत्री का रिश्तेदार बताते हैं और इसी प्रभाव के तहत यह गोरखधंधा चलता है। अधिकारियों की जानकारी में यह सब होने के बावजूद, उनके द्वारा कोई कठोर कार्रवाई नहीं की जा रही है। विभागीय निरीक्षक द्वारा स्टिंग ऑपरेशन में दिखाए गए मामलों में महज 2500 रुपए का जुर्माना लगाकर मामले को दबा दिया गया। जबकि वास्तविकता यह है कि ठेकों पर नियमित रूप से भोर पहर से शराब की बिक्री चालू रहती है, जो साफ तौर पर सरकारी नियमों का उल्लंघन है।

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बढ़े दामों पर शराब बिक्री की सच्चाई

यह गोरखधंधा नगर क्षेत्र में खुलेआम जारी है, जहाँ ठेकों पर शराब की कीमत सामान्य से अधिक ली जा रही है। स्थानीय लोगों के बीच यह मुद्दा काफी गंभीर रूप से चर्चा में है, क्योंकि महंगे दामों पर शराब की बिक्री न केवल अवैध है, बल्कि यह आबकारी विभाग की मिलीभगत का भी स्पष्ट संकेत देता है। खासकर जब खुद जिला आबकारी अधिकारी इस गड़बड़ी में शामिल हों और वे अपने पद का गलत इस्तेमाल करते हुए ठेकों पर हो रही अनियमितताओं को नजरअंदाज करते हों।

आबकारी विभाग द्वारा ठेकों पर अधिक दामों पर शराब की बिक्री की जानकारी जिलाधिकारी को भी नहीं है। विभागीय अधिकारी, अपने मंत्री संबंधों का लाभ उठाकर इस गोरखधंधे को बढ़ावा दे रहे हैं। इससे जिले के आम जनता में प्रशासन के प्रति आक्रोश बढ़ता जा रहा है, क्योंकि ऐसे मामलों में अधिकारियों द्वारा कोई ठोस कार्रवाई नहीं की जा रही है।

 

प्रशासन की कार्रवाई की जरूरत

ऐसे हालात में, इस मामले की गहन जांच की आवश्यकता है ताकि इस गोरखधंधे में शामिल अधिकारियों और ठेकेदारों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जा सके। स्टिंग ऑपरेशन में उजागर हुए इस मामले से साफ होता है कि प्रशासन और आबकारी विभाग के बीच मिलीभगत से अवैध गतिविधियाँ संचालित हो रही हैं, जो जिले की कानून व्यवस्था को सीधे तौर पर चुनौती दे रही हैं।

जिलाधिकारी और उच्चाधिकारियों को इस मामले का संज्ञान लेते हुए दोषी अधिकारियों पर कार्रवाई करनी चाहिए। यदि इस तरह के मामलों पर समय रहते ध्यान नहीं दिया गया तो यह भ्रष्टाचार और भी ज्यादा बढ़ सकता है। जिले की जनता को भी इस तरह की गतिविधियों की जानकारी उच्च स्तर पर पहुँचाने की जरूरत है ताकि सही समय पर उचित कार्रवाई हो सके।

जनता और प्रशासन के सामंजस्य से ही समाधान

ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए स्थानीय जनता और प्रशासन के बीच बेहतर सामंजस्य जरूरी है। अगर जनता अपनी शिकायतों को सही समय पर पुलिस और प्रशासन के सामने लाती है और प्रशासन भी बिना किसी भेदभाव के इन शिकायतों पर कार्रवाई करता है, तो इस प्रकार की अवैध गतिविधियों पर रोक लगाई जा सकती है।

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Author: Suryodaya Samachar

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