Search
Close this search box.

Home » उत्तर प्रदेश » वाराणसी » Sahstrabahu jayanti shobhayatra 2024: एक महान परंपरा का जीवंत प्रदर्शन

Sahstrabahu jayanti shobhayatra 2024: एक महान परंपरा का जीवंत प्रदर्शन

Sahstrabahu jayanti shobhayatra 2024: एक महान परंपरा का जीवंत प्रदर्शन

वाराणसी में ऐतिहासिक आयोजन

हैहयवंशी कुल और कलचुरी कबीले के महान योद्धा और कुलदेवता राजराजेश्वर सहस्त्रबाहु अर्जुन की जयंती कार्तिक शुक्ल सप्तमी को धूमधाम से मनाई जाएगी। इस वर्ष 2024 में, यह आयोजन 10 नवंबर को वाराणसी के ऐतिहासिक भरत मिलाप स्थल, नाटी इमली से प्रारंभ होकर वाराणसी के विभिन्न प्रमुख स्थलों से गुजरते हुए राम कटोरा पर समापन करेगा। शोभा यात्रा का नेतृत्व जायसवाल क्लब के संस्थापक एवं राष्ट्रीय अध्यक्ष मनोज जायसवाल करेंगे, जिनके अथक प्रयासों ने इस कार्यक्रम को एक राष्ट्रीय महोत्सव का रूप दे दिया है।

धार्मिक और ऐतिहासिक महत्त्व

राजराजेश्वर सहस्त्रबाहु अर्जुन, जिन्हें कार्तवीर्य अर्जुन और सहस्त्रार्जुन के नाम से भी जाना जाता है, का जन्म हैहयवंश के महान राजा कृतवीर्य और रानी पद्मिनी के पुत्र रूप में हुआ था। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, उन्होंने कठिन तपस्या करके भगवान दत्तात्रेय से वरदान प्राप्त किया, जिससे उन्हें सहस्त्र हाथों का बल मिला। यही कारण है कि वे सहस्त्रबाहु अर्जुन कहलाए। उनके जीवन की अनेक कहानियों में लंकापति रावण को बंदी बनाना और नर्मदा नदी के तट पर रावण के साथ युद्ध का विशेष उल्लेख मिलता है। इस युद्ध में रावण को पराजित कर बंदी बना लिया गया था, और बाद में महर्षि पुलस्त्य के आग्रह पर रावण को मुक्त किया गया।

Sahstrabahu jayanti shobhayatra 2024

शोभायात्रा की विशेषताएं

इस भव्य शोभायात्रा में शामिल होने वाले हज़ारों श्रद्धालुओं के लिए यह आयोजन एक तीर्थयात्रा के समान है। 7 किलोमीटर लंबी इस यात्रा में पारंपरिक संगीत, डमरू वादन, अश्वसंचालित रथ, और हरित ऊर्जा चलित वाहन शोभायात्रा की शान बढ़ाएंगे। इस बार यात्रा में 21 से अधिक सजीव झांकी और सहस्त्रबाहु अर्जुन के जीवन पर आधारित चित्रण विशेष आकर्षण का केंद्र होंगे। साथ ही, स्वजातीय महिलाएं पारंपरिक वेशभूषा में सिर पर पवित्र घट धारण कर यात्रा की शोभा बढ़ाएंगी। इस आयोजन में पूरे मार्ग को बैनरों और पोस्टरों से सजाया जाएगा, जिन पर स्वजातीय विभूतियों की जीवनी और प्रेरक कथाएं अंकित होंगी।

विशिष्ट अतिथियों की उपस्थिति

कार्यक्रम के मुख्य अतिथि और जायसवाल क्लब के संरक्षक, राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) रवींद्र जायसवाल, भगवान सहस्त्रबाहु अर्जुन की पूजा अर्चना और आरती करेंगे। इसमें तमिलनाडु, कर्नाटक और केरल सहित देश के कई हिस्सों से विशिष्ट अतिथि उपस्थित रहेंगे। यह आयोजन केवल वाराणसी ही नहीं, बल्कि पूरे भारत में सामाजिक एकता और सांस्कृतिक गौरव का प्रतीक बन चुका है।

समाज की सहभागिता और योगदान

इस शोभायात्रा में वाराणसी के स्वजातीय समाज के अतिरिक्त, अन्य नगरों और राज्यों से भी बड़ी संख्या में समाज के लोग शामिल होंगे। वाराणसी नगर में जयसवाल समाज की उपस्थिति 2 लाख से अधिक मानी जाती है। कसेरा भवन पर समापन स्थल पर शोभायात्रा का भव्य स्वागत किया जाएगा, जहां सभी श्रद्धालुओं के लिए जलपान की व्यवस्था की गई है।

Read this news also:- Blast in Pakistan :- पाकिस्तान रेलवे स्टेशन पर हुआ बम धमाका, 17 की मौत, दर्जनों घायल, जांच जारी

इतिहास और परंपरा

जायसवाल क्लब के संस्थापक मनोज जायसवाल के नेतृत्व में 1997 से प्रारंभ हुई यह शोभायात्रा आज एक ऐतिहासिक आयोजन बन चुकी है। पिछले 27 वर्षों में, यह आयोजन समाज में एकता और गौरव का प्रतीक बन गया है। वाराणसी की इस यात्रा में भाग लेना स्वजातीय समाज के लिए आध्यात्मिक और सांस्कृतिक रूप से महत्वपूर्ण माना जाता है।

उपस्थित लोग 

इस वर्ष की शोभायात्रा में प्रमुख रूप से मनोज जायसवाल, अजय जायसवाल, रवि प्रकाश जायसवाल, विकास जायसवाल, और अन्य विशिष्ट सदस्य उपस्थित रहेंगे। समाज के इन अग्रणी व्यक्तियों के नेतृत्व में यह आयोजन एक ऐतिहासिक अध्याय बन चुका है, जो आगे आने वाले वर्षों में भी समाज के गौरव को बढ़ाता रहेगा।

 

आरती और पूजन के साथ होगा समापन

कार्यक्रम का समापन मुख्य अतिथि द्वारा आरती और पूजन के साथ होगा, जिसमें सहस्त्रबाहु अर्जुन की पावन आराधना की जाएगी। यह आयोजन समाज में भाईचारे, धार्मिक आस्था और ऐतिहासिक गौरव की भावना को पुनर्जीवित करने का प्रयास है।

इस वर्ष की सहस्त्रबाहु जयंती शोभायात्रा एक बार फिर से वाराणसी की संस्कृति, परंपरा और इतिहास का जीवंत चित्रण करेगी।

 

Suryodaya Samachar
Author: Suryodaya Samachar

खबर से पहले आप तक

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Live Cricket

ट्रेंडिंग